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Wednesday 13 January 2016

सरकारी स्कूलों में अध्यापक नहीं शिक्षा बोर्ड चेक करेगा मंथली टेस्ट

** शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए बोर्ड ने लिया निर्णय 
** प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली से 8वीं तक के बच्चों को लिया जाता है मंथली टेस्ट 
यमुनानगर : शिक्षा की गुणवत्ता लाने के लिए अब भिवानी शिक्षा बोर्ड सरकारी स्कूलों में होने वाले मंथली टेस्ट को चेक करेगा। इससे अध्यापक बोर्ड की नजर में रहेंगे। 
साथ ही शिक्षा का स्तर में सुधार होगा। बोर्ड की इस नई योजना से पहली से 8वीं तक के होने वाले मंथली टेस्ट को बोर्ड अधिकारी चेक करेंगे। टेस्ट लेने से स्कूल में होने वाली शिक्षा के स्तर के बारे में पता चल जाएगा। बोर्ड ने आदेशों की कॉपी सभी शिक्षा अधिकारियों को भेज दी है। 
अध्यापक खुद चेक करते थे मंथली टेस्ट : 
दरअसल पहली से 8वीं तक होने वाले मंथली टेस्ट को अध्यापक खुद चेक करते थे। ताकि वह अपने स्कूल का स्तर अच्छा दिखा सकें। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब स्कूलों पर बोर्ड की कड़ी नजर रहेगी। शिक्षकों द्वारा परिणाम खराब आने का कारण बच्चों को परीक्षा में फेल करना बताया है। इसके साथ ही 5वीं 8वीं की कक्षा से बोर्ड का हट जाना है। 
स्कूलों में होने वाले मंथली टेस्ट को बोर्ड तैयार भी करेगा और चेक भी करेगा। इतना ही नहीं बोर्ड अधिकारी हर स्कूल के मंथली टेस्ट चेक करेंगे। इससे बोर्ड को स्कूल के शिक्षा स्तर के बारे में पता चल पाएगा। 
पहले बोर्ड परीक्षाओं का होता था डर 
2003 में सर्व शिक्षा अभियान के आने से 5वीं और 8वीं के बोर्ड को खत्म कर दिया गया था। पहले बोर्ड होने से बच्चे फेल होने से डरते थे। इस कारण परीक्षा परिणाम भी अच्छा आता था, लेकिन बोर्ड हटते ही शिक्षा स्तर गिर गया। चूंकि अब अध्यापक खुद मंथली टेस्ट को चेक करते थे। इस दौरान शिक्षक चेकिंग में गड़बड़ी कर बच्चों को पास कर दिया करते थे। 
"विभाग का यह अच्छा प्रयास है। इससे शिक्षा की गुणवता में काफी बदलाव आएगा। बोर्ड के आदेशों चुके है। मंथली टेस्ट बोर्ड खुद तैयार और चेक करेगा।"-- उदयप्रताप सिंह, डीईओ, यमुनानगर                                                                         db 

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