.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Sunday 18 September 2016

किसी और ने भर दिया ऑप्शन, और गुरूजी का करा दिया दूर दराज तबादला

** मुसीबत बनी ऑनलाइन तबादला नीति, दूसरों की मर्जी के मुताबिक तबादला ङोल रहे शिक्षक 
** पांच साल से अधिक समय एक ही जगह रहने वाले शिक्षकों का भी नहीं हुआ स्थानांतरण
** 1000 से ज्यादा शिक्षकों ने एमआइएस पोर्टल पर आप्शन नहीं भरा तो नहीं हुआ तबादला
** 4000 के लगभग गेस्ट टीचर्स को जहां थे वहीं रख लिया : 
** 700 के करीब शिक्षकों को ङोलना पड़ रहा किसी और के भरे आप्शन से तबादले का दर्द
भिवानी : किसी और ने भर दिया ऑप्शन, बदल दिया पासवर्ड और करा दिया दूर दराज तबादला। पीड़ित शिक्षकों को जब इसकी जानकारी मिली तो वे विभागीय अधिकारी से मिले लेकिन मामला सैकड़ों शिक्षक दूसरे की मर्जी से दूरदराज सेवा देने को मजबूर हैं। इसके अलावा कोई भी आप्शन ना भरने वालों का तबादला ना करने, गेस्ट टीचर्स की जगह शिक्षकों को ना भेजने जैसी कई अन्य तरह की गड़बड़ियां भी तबादला पालिसी में सामने आई हैं। ऐसे में तबादला पॉलिसी पर सवाल उठाए जा रहे हैं। यह हालत लेक्चर्स के तबादले के बाद अब जेबीटी टीचर्स के तबादलों को लेकर भी बनी है। प्रदेश भर में पीड़ित शिक्षकों की संख्या 2000 से ज्यादा बताई जा रही है। ऐसे में प्रभावित शिक्षकों के गले यह तबादला पॉलिसी नहीं उतर रही है। 
शिक्षा विभाग ने इस बार ऑनलाइन तबादला करने का निर्णय लिया था। इसमें एमआइएस पोर्टल पर शिक्षकों से अपनी मर्जी के आप्शन भरने के लिए कहा गया था। एक जगह पर पांच या इससे ज्यादा साल तक रहने वालों के लिए तबादला अनिवार्य किया गया था। इसके अलावा जिनको पांच साल से कम हुए थे और तबादला चाहते थे उनसे भी आप्शन मांगे गए थे। स्कूलों में निर्धारत नियम भेजे गए थे। बताया जा रहा है कि आरंभ में स्कूलों में पासवर्ड एक दूसरे के हाथ लगने के चलते तेज तर्रार अध्यापकों ने कई अध्यापकों के आप्शन खुद ही भर डाले और बाद में पासवर्ड बदल दिया। पीड़ित इसकी शिकायत करते रहे लेकिन आज तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में वे अपनी मर्जी के खिलाफ तबादला ङोलने को मजबूर हैं। 
700 के करीब शिक्षकों को ङोलना पड़ रहा किसी और के भरे आप्शन से तबादले का दर्द : 
शिक्षक नेताओं की मानें तो प्रदेश भर में 700 के करीब ऐसे शिक्षक हैं जिनका ऑप्शन किसी ओर ने भर दिया। जब उन्होंने अपना आप्शन भरना चाहा तो एमआइएस पोर्टल से कोई रिसपांस नहीं मिला। इसकी शिकायत की तो पता चला कि आप्शन भरा जा चुका है। ऐसे में उन्होंने इसकी जांच करवाने की मांग की तो आश्वासन तो मिला लेकिन अभी तक वह अपनी मर्जी के खिलाफ हुए तबादले की सजा भुगतने को मजबूर हैं। 
1000 से ज्यादा शिक्षकों ने एमआइएस पोर्टल पर आप्शन नहीं भरा तो नहीं हुआ तबादला : 
विभागीय जानकारी के अनुसार लेक्चर्स के तबादले के समय 1000 से ज्यादा शिक्षकों ने एमआइएस पोर्टल पर आप्शन भरे ही नहीं। ऐसे में उनका तबादला भी नहीं किया गया जबकि आप्शन भरना अनिवार्य किया गया था। ऐसी ही हालत जेबीटी ध्यापकों के तबादलों के बारे में भी कही जा रही है। बताया जा रहा है कि जेबीटी में यह संख्या करीब 1200 है। आप्शन नहीं भरने वालों में ऐसे शिक्षक भी बताए जा रहे हैं जो पांच या इससे अधिक सालों से एक ही स्कूल में टिके हुए हैं। 
4000 के लगभग गेस्ट टीचर्स को जहां थे वहीं रख लिया : 
पीड़ित शिक्षकों की मानें तो नियम यह बना था कि तबादले के लिए आप्शन भरने के बाद शिक्षकों का तबादला गेस्ट टीचर्स की जगह हो सकता था। लेकिन बाद में सरकार ने गेस्ट टीचर्स को वह जिस स्कूल में थे उसी में रख लिया। प्रदेश में 4000 के करीब गेस्ट टीचर्स कार्यरत हैं। ऐसे में शिक्षकों को इसका नुकसान उठाना पड़ा। शिक्षक नियम के विरुद्ध जाने को खुद के साथ धोखा मान रहे हैं।
"आनलाइन तबादला नीति में कई खामियां रह गई है। उनके संगठन ने सरकार और शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों और प्रतिनिधियों को इनके बारे में अवगत भी कराया है। इनको शीघ्र दूर किया जाना चाहिए। हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ संबंधित महासंघ इसके लिए आवाज बुलंद करेगा।"-- दिलबाग सिंह अहलावत, वरिष्ठ राज्य उपप्रधान, हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ
"नई आन लाइन तबादला पालिसी हालांकि काफी हद तक ठीक भी रही है लेकिन अभी इसमें खामियां रह गई हैं। एमआइएस पोर्टल आप्शन नहीं भरने वालों को उनके पुराने स्टेशनों पर रखने, गेस्ट टीचर्स की जगह दूसरे अध्यापकों को नहीं भेजने जैसी अनेक खामियां अभी छोड़ दी गई हैं। इस प्रकार की जो भी खामियां रह गई हैं उनको शीघ्र दूर किया जाना चाहिए। ताकि सभी शिक्षकों के साथ न्याय हो सके।"-- जयवीर नाफरिया, प्रदेश प्रवक्ता, मौलिक हेडमास्टर एसोसिएशन।                                           db 

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.