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Monday 24 March 2014

थ्री-टियर सिस्टम : आज से होने हैं दाखिले, असमंजस में विद्यार्थी व स्कूल प्रतिनिधि

** शिक्षा विभाग को ही नहीं पता 9वीं कक्षा से विज्ञान संकाय की पढ़ाई शुरू होगी या नहीं
शिक्षा विभाग ने 11वीं की बजाय 9वीं कक्षा से ही साइंस व कॉमर्स फैकल्टी शुरू करने की योजनाएं तो बनाई, मगर सरकारी तंत्र की खामियों के कारण यह योजना अधर में लटक गई है। 
योजना को लेकर विभाग द्वारा बाकायदा प्रदेश के कई हाई स्कूलों में थ्री-टियर सिस्टम के तहत पीजीटी लेक्चरर की नियुक्ति भी की गई, किंतु अब तक स्कूलों से लेकर अधिकारियों तक को योजना के शुरू होने या न होने के बारे में कोई जानकारी तक नहीं है। जबकि 24 मार्च से दाखिले शुरू किए जाने के निर्देश हैं। ऐसे में विद्यार्थी व स्कूल प्रतिनिधि तक उलझन में हैं कि आखिर 9वीं कक्षा में दाखिले फैकल्टी को ध्यान में रखते हुए होंगे या पहले की तरह सामान्य, क्योंकि अभी तक योजना बनाने वाले अधिकारी ही स्थिति स्पष्ट करने की दशा में नजर नहीं आ रहे हैं। 
हाई स्कूलों में भेजे पीजीटी 
प्रदेश में फिलहाल 10वीं पास करने के बाद 11वीं कक्षा में ही विद्यार्थी आर्ट, साइंस या कॉमर्स का चुनाव करते हैं। विभाग द्वारा करीब दो साल पहले थ्री-टियर सिस्टम के तहत 9वीं कक्षा से ही विद्यार्थियों के लिए अपनी रूचि का विषय (साइंस या कॉमर्स) के चुनाव की रणनीति तैयार की गई थी। 
नई योजना के तहत हाई स्कूलों में 6 पीजीटी की पोस्ट भी क्रिएट की गई। इसे लेकर इन कक्षाओं में पढ़ाने के लिए प्रदेशभर के कई राजकीय हाई स्कूलों में पीजीटी (लेक्चरर) की नियुक्ति भी की गई। किंतु बिना सिर-पैर के ही कछुआ गति से आगे बढ़ रही योजना के इस साल तो शुरू होने के आसार नजर नहीं आ रहे, मगर इसने कई तरह के सवाल जरूर खड़े कर दिए हैं। 
जिला शिक्षा अधिकारी के पास भी नहीं कोई निर्देश 
इस वर्ष विभाग की रणनीति क्या रहेगी, 9वीं कक्षा से साइंस-कॉमर्स फैकल्टी शुरू होगी या नहीं, इसका जवाब जिला शिक्षा अधिकारियों के पास भी नहीं है। रेवाड़ी जिला शिक्षा अधिकारी संगीता यादव का कहना है कि अभी विभाग की ओर से स्पष्ट निर्देश नहीं है। जैसी विभाग की गाइडलाइन होंगी उसी हिसाब से निर्देश दिए जाएंगे। 
अधिकारियों से करेंगे बात: शिक्षामंत्री 
"फिलहाल चुनाव में व्यस्त हैं। इस बारे में बोर्ड अधिकारियों से बात कर जल्द ही स्थिति स्पष्ट की जाएगी। शिक्षा का स्तर उठाने के लिए योजनाओं पर गंभीरता से काम किया जा रहा है।"--गीता भुक्कल, शिक्षा मंत्री, हरियाणा। 
ये है थ्री-टियर सिस्टम 
थ्री-टियर सिस्टम के तहत पहली से 5वीं तक प्राइमरी टीचर (जेबीटी), छठी से 8वीं तक टीजीटी (ग्रेजुएट) तथा 9वीं से 12वीं तक पीजीटी (लेक्चरर) पढ़ाएंगे। थ्री-टियर सिस्टम के साथ ही 9वीं कक्षा से वॉकेशनल कोर्स शुरू किए जाएंगे। 
सवाल 1: कैसे शुरू होगी अलग फैकल्टी? 
साइंस फैकल्टी शुरू करने के लिए स्कूलों में साइंस विषयों जैसे फिजिक्स व कैमस्ट्री के लिए संसाधन युक्त लैब की जरूरत होती है, जबकि किसी हाई स्कूल में अभी साइंस लैब नहीं बनाई गई है। दूसरा शिक्षक भी कुछ ही स्कूलों में नियुक्त किए गए हैं, वो भी २ से ४ पदों पर। ऐसे में विभाग के लिए इस वर्ष से फैकल्टी लागू करना संभव नजर नहीं आता।
सवाल 2 : बाद में लागू हुई योजना तो समस्या? 
योजना के संबंध में अभी विभाग द्वारा कोई निर्देश नहीं है। अब स्कूलों के पास ९वीं में सामान्य दाखिलों के अलावा चारा नहीं, मगर यदि महीने भर में योजना लागू हुई तो विद्यार्थियों का सिलेब्स कितना पूरा होगा और विद्यार्थी उसे समझ कितना पाएंगे, किताबें किस पैटर्न में होंगी? दूसरा आनन-फानन में बच्चे विषय का चयन बिना किसी दबाव के कर पाएंगे, इस पर भी संशय है। 
सवाल 3 : स्थिति स्पष्ट होने तक क्या करेंगे शिक्षक? 
विभाग की ओर से हाई स्कूलों में पीजीटी अध्यापकों की नियुक्ति तो कर दी गई, किंतु उनके पढ़ाने के लिए कक्षाओं और फैकल्टी की स्थिति अभी तक भी स्पष्ट नहीं की गई। ऐसे में शिक्षक बिना थ्री-टियर सिस्टम के लागू हुए ही 9वीं व 10वीं को पढ़ाएंगे या सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में इनके तबादले की माथा पच्ची फिर से शुरू की जाएगी।                                        dbrwd

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