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Saturday 30 May 2015

सात हजार मास्टर बनेंगे लेक्चरर

** शिक्षा निदेशालय ने 18 विषयों के लिए पदोन्नति केस मांगे
जींद : स्कूल शिक्षा निदेशालय ने लंबे समय से पदोन्नति का इंतजार कर रहे मास्टरों को तोहफा देने की कवायद शुरू करते हुए पदोन्नति के केस मांगे हैं। निदेशालय ने 18 विषयों के केस मांगते हुए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, एसीईआरटी गुड़गांव व डाइट व गेटी के प्राचार्यो को पत्र के साथ पदोन्नति के लिए पात्र मास्टरों की सूची भेजी है।
‘अतिथियों’ को मिल सकती राहत
पदोन्नति होने के बाद सरप्लस अतिथि अध्यापकों के भी दोबारा सेवाओं में बने रहने के द्वार खुल सकते हैं। यदि सरकार चाहे तो इन सरप्लस गेस्ट टीचरों को पदोन्नति के बाद खाली हुई सीटों पर लगा सकती है, क्योंकि ये सभी सरप्लस गेस्ट टीचर मास्टर कैडर से ही संबंधित हैं।
लंबे समय से था इंतजार
मास्टर लंबे समय से पदोन्नति का इंतजार कर रहे थे। हालांकि शिक्षा निदेशालय की तरफ से वर्ष 2013 में भी कई बार पदोन्नति को आवेदन मांगे थे। मास्टरों की तरफ से आवेदन मुख्यालय भेजे भी गए, लेकिन कोई न कोई ऑब्जेक्शन लगाकर इस मामले को आगे नहीं बढ़ाया जा सका।
इन विषयों की जारी की सूची
निदेशालय ने जीव विज्ञान की 31 दिसंबर 2013 तक, रसायन शास्त्र की 31 दिसंबर 2013, अर्थशास्त्र की 31 दिसंबर 1995, अंग्रेजी की 31 दिसंबर 1998, फाइन आर्ट की 31 दिसंबर 2006, हंिदूी की एक अप्रैल 1993, इतिहास की 31 दिसंबर 1996, गृह विज्ञान की 31 दिसंबर 2007, गणित की 31 दिसंबर 1998, संगीत की 31 दिसंबर 1992, शारीरिक शिक्षा की 30 सितंबर 1998, भौतिकी की 31 दिसंबर 2013, राजनीति शास्त्र की 31 दिसंबर 1990, मनोविज्ञान की 31 दिसंबर 2000, पंजाबी की 31 सितंबर 1995, संस्कृत की 31 दिसंबर 1993, समाज शास्त्र की 31 दिसंबर 2005 तथा उर्दू की 31 दिसंबर 1995 की नियमित तिथि वालों के केस मांगे गए हैं। साथ यह यह भी निर्देश दिए गए हैं कि संबंधित मास्टरों ने जून/जुलाई 2012 तक एमए पास की हो और एमए में कम से कम 50 प्रतिशत नंबर मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से होने चाहिए।
समायोजित करने के संकेत
अतिथि अध्यापकों के चल रहे आंदोलन को देखते हुए सरकार ने पिछले दिनों बीच का रास्ता यानी पदोन्नति कर सीटें खाली होने पर गेस्ट टीचरों को समायोजित करने का संकेत दिया था। यह पदोन्नति भी उसी मामले के साथ जोड़कर देखी जा रही है, क्योंकि हाल ही में जो गेस्ट टीचर सरप्लस किए गए हैं, वह भी मास्टर कैडर के हैं और प्रदेश के लगभग सात हजार मास्टरों की पदोन्नति होने के बाद काफी पद खाली रह जाएंगे। ऐसे में सरकार सरप्लस गेस्ट टीचरों को वहां समायोजन कर सकती है।
जेबीटी के लिए भी खुलेंगी राहें
लंबे समय से पदोन्नति का इंतजार कर रहे जेबीटी शिक्षकों के लिए भी इस पदोन्नति के बाद राहें खुल जाएंगी। यदि सरकार चार हजार पदों पर सरप्लस गेस्ट टीचरों को लगाती भी है तो बाकी तीन हजार मास्टरों के पद खाली रह जाएंगे। ऐसे में सरकार चाहे तो जेबीटी से मास्टर वर्ग की पदोन्नति सूची जारी कर सकती है। तीन हजार जेबीटी शिक्षकों को भी पदोन्नति का लाभ मिल सकेगा।हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रेस सचिव भूप वर्मा का कहना है कि संघ समय से पदोन्नति की मांग रही है। अब विभाग प्रमोशन कर रहा है, जोकि अच्छी पहल है। दूसरी कैटेगरी को भी पदोन्नति दी जानी चाहिए।                                                                 dj

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