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Wednesday 30 September 2015

ब्रह्मा, विष्णु, महेश भी पढ़ेंगे हरियाणा के स्टूडेंट

** दीनानाथ बत्रा ने SCERT को सौंपी किताबें
** नैतिक शिक्षा की किताब में गीता और रामायण की चौपाइयां
नई दिल्ली : हरियाणा के स्टूडेंट्स अब अपने सिलेबस की दूसरी किताबों के साथ 'क्रांति का सूत्र वंदे मातरम' भी पढ़ेंगे। उन्हें तीन देव- ब्रह्मा, विष्णु, महेश और तीन शक्तियां- सरस्वती, लक्ष्मी, दुर्गा के बारे में भी बताया जाएगा। हरियाणा की शिक्षा सलाहकार समिति के सदस्य और आरएसएस विचारक दीनानाथ बत्रा ने छठी क्लास से बारहवीं क्लास तक के स्टूडेंट्स के लिए नैतिक शिक्षा की किताबों को फाइनल कर दिया है। सोमवार को एससीईआरटी (स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग) के अधिकारियों के साथ हुई मीटिंग में यह किताबें उन्हें सौंप दी गई।
हरियाणा के शिक्षा मंत्री राम विलास शर्मा की रिक्वेस्ट पर बत्रा ने स्टूडेंट्स के लिए नैतिक शिक्षा की यह किताबें लिखी हैं। अगले अकेडमिक सेशन से स्टूडेंट्स को सिलेबस के साथ सप्लिमेंटरी रीडिंग के तौर पर नैतिक शिक्षा पढ़ाने की तैयारी है। सभी क्लासेज के लिए नैतिक शिक्षा की किताब की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई है। उसमें योग सिखाया गया है, वेद सूक्ति हैं, गीता के श्लोक, बाल क्रांतिकारी, महिला क्रांतिकारी, युवा क्रांतिकारी के साथ ही देश के गणितज्ञों के बारे में बताया है। इसमें कबीर-रहीम के दोहे के साथ ही रामायण की चौपाइयां भी हैं। छठी क्लास के लिए लिखी किताब में एक चैप्टर 'क्रांति का सूत्र वंदेमातरम' है। जब एनबीटी ने बत्रा से वंदेमातरम को लेकर विवाद होने के बावजूद किताब में इसे जगह देने की वजह पूछी तो उन्होंने कहा कि जरूरी नहीं कि हर बात सबको पसंद आए। उन्होंने कहा कि देश ने राष्ट्रगीत के तौर पर इसे स्वीकार किया है और पार्लियामेंट में संविधान ने इसे स्वीकार किया है। अगर इसे लेकर कोई विवाद है तो वे जाकर पार्लियामेंट में संशोधन करवाएं। इस पर चर्चा हो सकती है पर विवाद नहीं होना चाहिए।
नैतिक शिक्षा की किताब में चार मठ, चार धाम, चार वेद, उपनिषद, अठारह पुराण, द्वादश ज्योतिर्लिंग का भी जिक्र है। साथ ही रामायण की चौपाइयां भी हैं। वेद और ब्रह्मा, विष्णु, महेश का जिक्र होने और मुस्लिम समुदाय की किसी पुस्तक या स्थल का जिक्र न होने के सवाल पर बत्रा ने कहा कि वेद तो इतिहास है। हमारा इतिहास वैदिक काल से शुरू होता है तो यह वैदिक काल का इतिहास है। उन्होंने कहा कि हमने पुस्तक में जिन क्रांतिकारियों के बारे में लिखा है उनमें मुसलमान भी हैं। पुस्तक में 7 साल के बाल क्रांतिकारी मोहम्मद इस्माइल और क्रांतिकारी अशफाक उल्लाह खां के बारे में भी लिखा गया है। बत्रा ने कहा कि हमने सभी नैतिक शिक्षा की किताबों में गीता के कुछ चुने हुए श्लोक डाले हैं। जिससे बच्चों में गीता को पढ़ने की रुचि जागृत होगी। उन्हें पर्यावरण की रक्षा करने के बारे में भी बताया गया है।                                                                                                                                                                         nbt

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