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Wednesday, 1 May 2013

प्रदेश के विश्वविद्यालयों में बंद होगा सेमेस्टर सिस्टम!

** सभी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर से बैठक में मांगे सुझाव

प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में सेमेस्टर सिस्टम को बंद करने की तैयारी चल रही है। प्रदेश के मुख्य सचिव ने सभी विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलरों से सेमेस्टर सिस्टम को लेकर विचार मांगे थे। सभी वाइस चांसलरों ने सोमवार को प्रदेश के मुख्य सचिव की बैठक में इस बारे में अपने सुझाव दिए हैं। अब इस मामले में सीएम से राय ली जाएगी। 
वार्षिक परीक्षा देने की तैयारी पर हो रहा है विचार : बता दें, कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में सेमेस्टर सिस्टम को बंद कर साल में एक बार वार्षिक परीक्षा सिस्टम लागू करने पर विचार किया जा रहा है। 
बताया गया है कि प्रदेश के मुख्य सचिव ने सभी विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलरों से सेमेस्टर सिस्टम व वार्षिक सिस्टम पर राय मांगी थी। मंगलवार को चंडीगढ़ में मुख्य सचिव पीके चौधरी के साथ हुई बैठक में सभी वाइस चांसलरों ने इस बारे में अपने सुझाव दिए। हालांकि इस पर क्या मंथन हुआ, इसे फिलहाल गोपनीय रखा गया है। अब मुख्य सचिव इन सभी सुझावों को सीएम के आगे रखकर उनसे राय लेंगे। इसके बाद नियम को लागू करने पर विचार किया जा सकता है। 
बता दें, कि पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ ने सेमेस्टर सिस्टम को खत्म कर वार्षिक सिस्टम को लागू कर दिया है। 
अभी ये है परेशानी: 
विश्वविद्यालयों में विभिन्न कोर्स करने वाले विद्यार्थियों को पूरे सेमेस्टर में 90 दिन कक्षाएं अटेंड करना जरूरी होता है। जब सेमेस्टर शुरू होता है तो विद्यार्थी पहले पखवाड़े में कक्षाओं में नजर नहीं आते। इसके बाद जब सेमेस्टर पूरा होने को होता है तो एक पखवाड़े पूर्व ही विद्यार्थी कक्षाओं से फिर गायब हो जाते है। कुल मिलाकर 60 दिन कक्षाएं अटेंड हो पाती हैं, जिसमें विद्यार्थी अपना वर्क पूरा नहीं कर पाता। इसके बाद परीक्षा के बाद फिर से वही प्रक्रिया फिर से शुरू हो जाती है। इससे विद्यार्थी दबाव में रहता है। ऐसी स्थिति में विश्वविद्यालय की सांस्कृतिक एवं खेलों की गतिविधियां भी पूरे तरीके से नहीं हो पाती। जब कोर्स पूरा होने को होता है तो कई विद्यार्थियों की सभी सेमेस्टर में मिलाकर कई कंपार्टमेंट हो जाती हैं। 
कई बार तो विद्यार्थी कोर्स को बीच में ही छोड़ देता है। वहीं, परीक्षा नियंत्रण विभाग भी परीक्षा लेने, रिजल्ट व मार्किंग के चक्कर में उलझा रहता है। बार-बार परीक्षा करवाने पर विश्वविद्यालयों की ओर से भी अनावश्यक खर्च किया जाता है। 
इन्हीं कारणों को ध्यान में रखकर सेमेस्टर सिस्टम को खत्म करने पर विचार चल रहा है। 
"बैठक में सभी विश्वविद्यालयों के वीसी से राय मांगी थी। सभी ने अपने-अपने विचार दिए हैं। अभी आगे क्या होगा, मामला गोपनीय है। " डॉ. एमएल रंगा, वाइस चांसलर, जीजेयू हिसार और सीडीएलयू सिरसा 
विवि के पास है अधिकार: 
प्रत्येक विश्वविद्यालय के पास अधिकार है कि वह परीक्षाओं के लिए सेमेस्टर सिस्टम रखें या वार्षिक। विवि प्रशासन चाहे तो अपनी शैक्षणिक परिषद की बैठक में इस पर सुझाव रखकर इसे पारित कर लागू कर सकता है।         ..DB

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