रोहतक : हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के आडिटर बलजीत सिंह व जिला सचिव जितेंद्र खत्री ने बृहस्पतिवार को जारी बयान में कहा कि शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी जानबूझकर अध्यापक विरोधी नीतियों को लागु कर रहे है जिससे शिक्षा का ढांचा सिकुड़ रहा है। उन्होंने कहा कि रेशनेलाइजेशन नीति का आधार सदा से ही 30 सितंबर की छात्र संख्या रही है। इसके साथ ही जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग को जब किसी आकड़े की आवश्यकता होती है तो वह उसके लिए तीस सितंबर को ही पैमाना बनाते है। उन्होंने कहा कि अभी तक विभाग ने दसवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम भी घोषित नहीं किया है, जिसके कारण छात्र 11वीं कक्षा में भी दाखिले नहीं ले सकते। इसके साथ ही बारहवीं कक्षा के भी बीस प्रतिशत छात्रों के परीक्षा परिणाम रूके हुए है। उन्होंने प्रदेश सरकार से रेशनेलाइजेशन नीति में संशोधन करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पिछले दो महीने से विभागीय अधिकारियों द्वारा क्लास रेडीनस प्रोग्राम का प्रचार इसलिए किया जा रहा है क्योंकि स्कूलों में अभी तक किताबें नहीं पहुंच पाई है और विभाग अपनी कमियों को छुपाने के लिए ऐसा कर रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से नई रेशनेलाइजेशन नीति को वापस लेने, अंतर जिला व सामान्य तबादला नीति में संशोधन करने, सभी प्रकार की पदोन्नति सुची जारी करने व नए सेवा नियमों में लगाई गई शर्तो को हटाने की मांग की है। उन्होंने प्रदेश सरकार की अध्यापक विरोधी नीतियों के खिलाफ 17 मई को रोहतक, जींद व पंचकुला में विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है। ..DJ
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