भिवानी: गर्मियों के अवकाश से पहले स्कूलों में पुस्तकों के पहुंचने की संभावना लगभग खत्म हो गई है। हालांकि एक कंपनी आठ जिलों में पुस्तकों की सप्लाई करने को तैयार बैठी है, लेकिन उसे बोर्ड की तरफ हरी झंडी नहीं मिल रही है। उधर, दूसरी कंपनी ने अभी तक पुस्तकों की छपाई का काम ही पूरा नहीं किया है।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने दो कंपनियों को पुस्तकों की छपाई व स्कूलों में पहुंचाने का ठेका दिया हुआ है, जिसमें एक ठेका नोएडा व दूसरा ठेका मुंबई की एक कंपनी को सौंपा हुआ है। नोएडा की कंपनी के पास 11 व मुंबई की कंपनी के पास लगभग 100 टाइटल हैं। नोएडा की कंपनी पुस्तकों की सप्लाई स्कूलों में करने को तैयार है। कंपनी के मुताबिक वह आठ जिलों में तुरंत पुस्तकों की सप्लाई कर सकते हैं और बाकी जिलों में भी सप्ताह के अंदर पुस्तकों की सप्लाई कर देंगे।
मंजूरी का इंतजार
कंपनी इसके लिए बोर्ड की हरी झंडी का इंतजार कर रही है। मगर, बोर्ड का कहना है कि पहले वह सप्लाई की जाने वाली पुस्तकों की जांच करेगा और उसके बाद कंपनी को अनुमति देगा। कंपनी के मुताबिक बोर्ड उसे स्कूलों में पुस्तकें सप्लाई करने की अनुमति दे। पुस्तकों की जांच का कार्य सप्लाई के दौरान भी चल सकता है और अगर बोर्ड को पुस्तकों में कुछ कमी लगती है तो बोर्ड कंपनी पर जुर्माना लगा सकता है।
उधर, मुंबई की कंपनी का अभी तक पुस्तकों की सप्लाई बारे में कोई जवाब ही नहीं आया है। इस तरह से गर्मियों के अवकाश से पहले स्कूलों में पुस्तकों पहुंचने की संभावना खत्म हो गई है। क्योंकि जो कंपनी स्कूलों में पुस्तकें पहुंचाने को तैयार है, उसे बोर्ड की अनुमति नहीं मिल रही है और जब तक अनुमति मिलेगी, सप्लाई संभव नहीं हो सकेगी, जबकि दूसरी कंपनी ने अभी तक पुस्तकों की छपाई ही पूरी नहीं की है। ..DB
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