अंबाला शहर : जून और जुलाई की गर्मी की छुट्टियों में कोई भी प्राइवेट
स्कूल अभिभावकों से फीस नहीं ले सकता। बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया पर यह
मैसेज जैसे ही वायरल हुआ तो अभिभावकों की आंखें खुली की खुली रह गईं। चूंकि
मैसेज में हाई कोर्ट का आर्डर सीपी नंबर 5812 ऑफ 2015 सहित पूरा ब्योरा
लिखा था, इसलिए अभिभावकों ने भी इस मैसेज को एक-दूसरे को भेजना शुरू कर
दिया। सुबह 9 बजने के बाद कुछ अभिभावक खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भी
पहुंच गए।
डीईओ उमा शर्मा के पास भी कई अभिभावकों ने फोन कर सूचना मांगी।
उन्होंने मैसेज के साथ ही रिट नंबर भी बताना शुरू कर दिया। इसके बाद शुरू
हुई मैसेज की पड़ताल। जब रिट नंबर की जांच की गई तो पता चला कि यह रिट
हाईकोर्ट सिंध, कराची(पाकिस्तान) में डाली गई थी। इस याचिका पर कराची 7
अक्टूबर 2016 को फैसला दिया गया था। ऐसे में भारत में यह आदेश लागू नहीं हो
सकते।
यह लिखा है मैसेज में..
सोशल मीडिया पर वायल मैसेज में लिखा है कि
कोई भी प्राइवेट स्कूल छुट्टियों के
दिनों में यानी जून-जुलाई महीने की फीस नहीं ले सकता। अगर स्कूल ऐसा न
करे तो अभिभावक पुलिस थाने में
इसकी शिकायत दे सकते हैं। स्कूल की मान्यता भी रद की जा सकती है। अगर किसी
ने एडवांस फीस जमा कर दी है तो वह वापस मांग लें या अगले माह की फीस में
एडजेस्ट करा दें। पुलिस के अलावा सीएम ¨वडो पर भी इसकी शिकायत की जा सकती
है।
प्राइवेट स्कूलों की भी उड़ी नींद :
सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज ने
अभिभावकों को जहां राहत की किरण दिखाई, वहीं प्राइवेट स्कूल संचालकों की
नींद उड़ा दी। कुछ प्राइवेट स्कूल संचालकों ने भी फोन कर अधिकारियों से
पूछा कि यदि जून-जुलाई में फीस नहीं ले सकते तो इस अवधि में स्कूल संचालक
कैसे अपने शिक्षकों को वेतन देंगे?।
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