** हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ अरसे से कर रहा शिक्षकों की पदोन्न्ति की माांग
बिलासपुर : सरकार व शिक्षा विभाग की गलत नीतियों
के चलते सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। हरियाणा राजकीय अध्यापक
संघ अरसे से पदोन्नति की मांग कर रहा है। हेडमास्टर की पदोन्नति ने होने से
जिले के 50 से अधिक मिडिल व दर्जन भर हाई स्कूल हेडमास्टर के बिना चल रहे
हैं। जिसका प्रभाव शिक्षा की गुणवत्ता पर पड़ रहा है।
जिले में 232
मिडिल स्कूल हैं। जिनमें से लगभग 60 स्कूलों में हेडमास्टर की पोस्ट खाली
है। पूरे प्रदेश में करीब ढाई हजार मिडिल स्कूल बिना हेडमास्टर के ही चल
रहे हैं। इसके अलावा पूरे प्रदेश में हाई स्कूल हेडमास्टर के भी 550 पद
रिक्त है। संघ के बार-बार मांग करने पर भी इन रिक्त पदों को भरा नही जा रहा
है। प्रदेश प्रवक्ता रविंद्र राणा व जिला महासचिव हरपाल सिंह बैंस ने
बताया कि अराइयांवाला, जुड्डा जट्टान, चाहड़वाला, जागधौली, मिर्जापुर,
कल्याणपुर, इस्माइलपुर, कंडईवाला, सम्बलपुर, सरावां, सालेहपुर, लाहड़पुर
फिरोजपुर, सादिकपुर, ठसका व नगला जगीर समेत स्कूलों में ईएचएम के पद रिक्त
है। जिससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है। संघ राज्य प्रधान प्रदीप सरीन के
अनुसार प्रदेश में करीब 2250 पद एलीमेंटरी हेडमास्टर्स के रिक्त है।
पदोन्नति न करने से हुई यह हालत
शिक्षकों
का कहना है कि सरकार ने पिछले छह साल से जेबीटी से टीजीटी व टीजीटी से
हेडमास्टर्स की पदोन्नति ही नहीं की। प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप सरीन का कहना है
कि हर साल प्रोमोशन के केस मांगें जाते हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नही होती।
जेबीटी से टीजीटी की पदोन्नति 2009 में हुई थी। वहीं टीजीटी से ईएचएम की
पदोन्नति 2013 में हुई थी। जिस कारण ये पद अरसे से खाली पड़े हैं। वहीं हाई
हेडमास्टर्स के प्रदेश में 1400 पद स्वीकृत है। जिनमें से 850 पर ही
नियुक्ति हुई है। पांच सौ से अधिक पद सालों से खाली पड़े हैं। इन पदों पर
पदोन्नति के लिए दो साल पहले केस मांगे गए थे। लेकिन उन पर कोई कार्रवाई
नहीं हुई। विभाग ने खानापूर्ति करने के लिए दोबारा से पदोन्नति के केस मांग
लिए है। शिक्षकों का कहना है कि इन केसों पर शायद ही कार्रवाई हो।
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