चंडीगढ़ : करीब एक दशक बाद हो रही जेबीटी(जूनियर बेसिक ट्रेंड) शिक्षकों और
सीएंडवी (भाषा अध्यापक) की पदोन्नति में अब मौलिक शिक्षा अधिकारी रोड़ा
नहीं बनेंगे। विभिन्न जिलों में प्राथमिक शिक्षकों की फाइल रोकने की
शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए मौलिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला मौलिक
शिक्षा अधिकारियों को कोई भी फाइल नहीं रोकने का निर्देश दिया है। हालांकि
इन अफसरों को पदोन्नति फार्म में टिप्पणी करने की छूट रहेगी। पदोन्नति
मामलों के साथ कर्मचारियों की समरी सीट भेजना अनिवार्य है। मौलिक शिक्षा
निदेशक ने सभी डीईईओ, राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद तथा
चंडीगढ़ के शिक्षा निदेशक को इस संबंध में लिखित आदेश जारी किए हैं। सभी
डीईईओ को 24 मई तक पदोन्नति मामलों की सभी फाइलें निदेशालय को भेजनी होंगी।
सभी अफसरों को साफ हिदायत है कि वर्ष 2000 में इनेलो की सरकार में भर्ती
हुए जेबीटी शिक्षकों के पदोन्नति आवेदन भी निदेशालय को भेजे जाएं। हालांकि
इन आवदेनों पर अंतिम फैसला मुख्यालय ही करेगा। इन 3206 जेबीटी शिक्षकों की
भर्ती में अनियमितताओं के मामले में ही पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला
और उनके बेटे अजय चौटाला जेल में हैं। पदोन्नतियों में जहां करीब पांच हजार
शिक्षक टीजीटी (टेड ग्रेजुएट टीचर) बनेंगे, वहीं 12 जिलों में 1162
प्राइमरी टीचर प्रमोट होकर स्कूल मुखिया बनेंगे। फरीदाबाद, गुरुग्राम,
हिसार, झज्जर, अंबाला, करनाल, नूंह, पलवल, पंचकूला, पानीपत, रोहतक व सोनीपत
में प्रमोशन करके स्कूल मुखियाओं के रिक्त पद भरे जाएंगे।
पंचकूला में 24
से अलॉट होंगे स्कूल :
शिक्षा निदेशालय ने टीजीटी के रूप में पदोन्नत हो
रहे 21 जेबीटी शिक्षकों की पहली सूची जारी कर दी है। इन शिक्षकों की 24 मई
को पंचकूला स्थित शिक्षा सदन में काउंसलिंग होगी जहां इन्हें स्टेशन अलॉट
किए जाएंगे। जेबीटी, मुख्य शिक्षकों, पीआरटी और सीएंडवी को टीजीटी
अंग्रेजी, विज्ञान, कला, शारीरिक शिक्षा, गृह विज्ञान, संगीत, उर्दू,
संस्कृत और पंजाबी में लगाया जाएगा
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