राजधानी हरियाणा : लाइब्रेरी में बच्चों के पढ़ने के लिए स्कूल पुस्तकें नहीं खरीद रहे हैं। 1
करोड़ 19 लाख रुपए स्कूल मुखियाओं ने बैंक से पैसा नहीं निकाला है।
शैक्षणिक सत्र में 3 माह बचे हैं और परीक्षा आ चुकी है। शिक्षा निदेशालय ने
सख्ती दिखाते हुए सभी डीईओ से कहा कि पुस्तकें नहीं खरीदने पर फंड लैप्स
हो गया तो इसके लिए वे खुद जिम्मेदार होंगे। 3200 से ज्यादा स्कूलों के लिए
यह राशि जारी की थी। निदेशक राकेश गुप्ता की ओर से अब बजट जल्द खर्च करने
के आदेश जारी किए गए हैं। जबकि अब पुस्तकें खरीदने से ज्यादा लाभ नहीं
होगा।
निदेशक की चिट्ठी, पैसा लैप्स हुआ तो अफसर जिम्मेदार
शिक्षा विभाग के निदेशालय की ओर से 2039 सीनियर सेकंडरी स्कूलों के लिए 75
लाख 13 हजार 715 और 1217 सेकंडरी स्कूलों के लिए 44 लाख 84 हजार 645 रुपए
की ग्रांट बुक बैंक स्कीम के तहत जारी की थी। निदेशालय ने जारी चिट्ठी में
कहा कि स्कीम के तहत बजट जारी किया, लेकिन किसी ने भी खर्च नहीं किया है।
जल्द इसे खर्च कर यूसी कार्यालय को भिजवाएं। बजट लैप्स होता है तो वे खुद
जिम्मेदार होंगे। सभी जिलों में स्कूलों की संख्या के अनुसार बजट दिया था।
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