नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने शैक्षिक रूप से पिछड़े सभी 3500 ब्लाकों में आदर्श विद्यालय की स्थापना को मंजूरी प्रदान करने के साथ ही इस योजना के लिए 1000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट भी स्वीकृत किया है। इस धनराशि से स्कूल के लिए तय राशि से ऊपर हुए खर्च का भुगतान किया जाएगा। केंद्र ने योजना के तहत खुलने वाले स्कूलों में तैनात होने वाले कर्मचारियों के वेतन आदि के भुगतान की भी स्वीकृति प्रदान कर दी है। केंद्रीय कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति ने 54 नये केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना की भी स्वीकृति प्रदान कर दी है।
इस योजना के तहत खोले जा रहे 3500 मॉडल स्कूलों के लिए 75 फीसदी धनराशि केंद्र सरकार तथा 25 फीसदी धनराशि राज्य प्रदान करते हैं। विशेष दर्जा प्राप्त राज्यों को केंद्र 90 फीसदी धनराशि देता है। हालांकि कई राज्यों में मॉडल स्कूल के लिए निर्धारित राशि से अधिक व्यय की जरूरत पड़ रही है। खासकर पहाड़ी राज्यों में भवन निर्माण मंहगा होने के कारण योजना के तहत अतिरिक्त राशि की जरूरत पड़ रही है। योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए कैबिनेट ने अतिरिक्त खर्च का बोझ खुद उठाने का फैसला लिया है।
आदर्श स्कूलों की स्थापना के लिए भवन निर्माण की कीमत दरों की स्थापना के लिए जम्मू कश्मीर जैसे राज्यों को अतिरिक्त भुगतान की भी स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। वर्ष 2008 से शुरू हुई इस योजना के तहत बने कई स्कूल तैयार हो चुके हैं। ऐसे स्कूलों में शिक्षकों तथा कर्मचारियों को वेतन आदि के भुगतान के लिए भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। इसी बैठक में समिति ने सिविल क्षेत्र के लिए प्रस्तावित 54 केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना के लिए भी मंजूरी प्रदान करते हुए 927 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। यह स्कूल अलग-अलग जिलों में खोले जाएंगे। au
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