.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Monday 3 March 2014

बिना मुखिया के चल रहे 1200 स्कूल

** विद्यार्थियों की पढ़ाई हो रही है बाधित, संघों की मांग पर भी गौर नहीं कर रही सरकार
भिवानी : शिक्षा विभाग ने हाल ही में करीब 860 मौलिक मुख्य अध्यापकों को पदोन्नति देकर उच्च विद्यालय के मुख्य अध्यापक नियुक्त किया है। लेकिन शिक्षा विभाग ने पदोन्नति सूची जारी करने से पहले इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई पर पडऩे वाले प्रभाव के बारे में नहीं सोचा। आलम यह हो चुका है कि जिन अध्यापकों को विद्यार्थियों को पढ़ाना चाहिए वो स्कूल के अन्य कार्यों में लगे रहते हैं। 
प्रदेश में मौलिक मुख्य अध्यापकों के कुल पदों कि बात करे तो 5,548 हैं। इस पर शिक्षा विभाग ने जून 2013 में करीब 5,300 के आस पास मौलिक मुख्य अध्यापकों की पदोन्नति द्वारा नियुक्ति की थी। 5,300 पद तो भर गए थे, लेकिन करीब लगभग 250 के आस पास पद फिर भी खाली रह गए थे। इसके बाद आठ माह बाद ही शिक्षा विभाग ने 860 के करीब मौलिक मुख्य अध्यापकों को पदोन्नति कर उच्च विद्यालय के मुख्य अध्यापकों के पद पर नियुक्त कर दिया। जो कि एक अच्छा कार्य था लेकिन इसके साथ साथ शिक्षा विभाग को मौलिक मुख्य अध्यापक के पदों की पदोन्नति सूची को भी जारी करना चाहिए था। जिससे स्कूलों में शिक्षण कार्य सुचारू से चलता रहता। 
मौलिक मुख्य अध्यापक के न होने से सबसे पहला असर तो यह है कि विद्यालय में उपस्थित अध्यापकों पर किसी प्रकार का नियंत्रण नहीं रहता। हालांकि कोई अध्यापक इस मौके का फायदा नहीं उठाता पर हर कोई भी एक जैसा नहीं होता। इसके अलावा स्कूल में अनुशासन का कायम रखने का कार्य भी मौलिक मुख्य अध्यापक का होता है। अगर जिस स्कूल में मौलिक मुख्य अध्यापक नहीं है और वहां कुछ अप्रिय घटना घट जाती है तो इसकी गाज भी दूसरे अध्यापकों को भुगतनी पड़ेगी
स्कूलों में मिड डे मील की देख रेख, उच्च अधिकारियों के साथ मीटिंग व पत्र व्यवहार, स्कूल में निर्माण कार्य, समय समय पर होने वाले अन्य एक्टिविटी व कार्यक्रम की जिम्मेवारी भी मौलिक मुख्य अध्यापक की होती है। इन सबके अलावा स्कूलों में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो इसकी जिम्मेवारी भी मौलिक मुख्य अध्यापक की होती है। 
जिले के इन स्कूलों में हुए पद खाली 
जिले में इन मौलिक मुख्य अध्यापकों की हुई थी उच्च विद्यालय के मुख्य अध्यापक पदों पर पदोन्नति जिसके बाद हो गए मौलिक मुख्य अध्यापकों के पद खाली। सांजरवार, बड़सी, मंदोली, खरकड़ी राजपुरा, मोरवाला, बलकरा, जावा, ढाणी रहीमपुर, जुई खुर्द, रानीला, दुर्जनपुर, जमालपुर, कलिंगा, सोहासड़ा, रेवाड़ीखेड़ा, भिवानी एमसी, मुंढाल, ढाणीकुशाल , सिढान, ढाणी भाकरा, बापोड़ा, बहल, गोठडा, कुडल, निमडीवाली, धिराणा, निमड़ी ढाबढाणी, सरसा घोघड़ा, बीरण, जाटूलुहारी, ढाणी हनुमान, बवानीखेड़ा, अलकपुरा, हेतमपुरा, केहरपुरा, सिवानी मंडी, साहलेवाला, घसोला , हालुवास, लोहारू, मिर्च आदि स्कूलों में मौलिक मुख्य अध्यापकों के पद खाली पड़े हुए है। 
"शिक्षा विभाग जल्द ही खाली पड़े पदों पर अध्यापकों की पदोन्नति के माध्यम से नियुक्ति करेगा। इसके लिए विभाग में प्रक्रिया जारी है।"--गीता भुक्कल, शिक्षा मंत्री 
"प्रदेश में लगभग 1200 के आस पास मौलिक मुख्य अध्यापकों के पद खाली पड़े हुए है व हर माह सेवानिवृत्ति के कारण खाली पदों की संख्या बढ़ती है। प्रदेश में ऐसे अध्यापक भी हैं जो पदोन्नति का इंतजार करते करते सेवानिवृत्त हो जाते हैं। हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ मांग करता है कि खाली पड़े पदों को जल्द से जल्द भरा जाए ताकि शिक्षण कार्य बाधित न हो।"--जयबीर नाफरिया, प्रदेश प्रवक्ता, अध्यापक संघ                                db


No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.