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Sunday 2 March 2014

केयू के पीएचडी कोर्स वर्क में हो रहा गड़बड़झाला

** आरटीआई में खुलासा : कोई बेरोजगार तो कोई डबल रोजगार
** यूआईईटी संस्थान में पीएचडी कोर्स वर्क के दौरान कक्षाएं लेने में हुई हेराफेरी 
** हिसार में नियुक्त हुई शिक्षिका ने ली कक्षाएं 
कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के यूआईईटी संस्थान में पीएचडी कोर्स वर्क के दौरान कक्षाएं लेने में आरटीआई से बड़े गोलमाल का खुलासा हुआ है। दिलचस्प बात तो यह है कि एक शिक्षिका हिसार और केयू के यूआईईटी संस्थान दोनों में कार्य कर रही थी। आरटीआई कार्यकर्ता ने जब केयू और हिसार के सीआईआर से सूचना मांगी, तब खुलासा हुआ कि एक शिक्षिका पीएचडी कोर्स वर्क की भी कक्षाएं ले रही है और सीआईआर हिसार में भी कार्य कर रही है। यह सिलसिला एक दो दिन नहीं बल्कि एक जून से पांच अगस्त तक चला। ऐसे में सवाल उठने लाजिमी हैं कि एक शिक्षक दो जगह कैसे ड्यूटी दे सकता है। 
एक समय में दो जगह कैसे : 
आरटीआई कार्यकर्ता विकास गहलोत ने कहा कि एक व्यक्ति दो जगह कैसे काम कर सकता है। यही नहीं, कुरुक्षेत्र से हिसार का सफर भी लगभग चार घंटे का है। ऐसे में यह भी संभव नहीं है कि एक कक्षा लगाने के बाद हिसार जाया जाए या फिर एक कक्षा लगाने के लिए कुरुक्षेत्र आया जाए। विकास ने कहा कि कोर्स वर्क में पूरी तरह से फर्जीवाड़ा हुआ है, जिसे आरटीआई पूरी तरह से साबित कर देती है। 
छुट्टी लेकर पढ़ा सकती हैं 
यूआईईटी संस्थान के निदेशक प्रो. दिनेश अग्रवाल ने माना कि उक्त शिक्षिका सीआईआर हिसार में उस समय सीनियर साइंटिस्ट गई थी। शिक्षिका छुट्टी लेकर पीएचडी कोर्स वर्क में पढ़ा सकती हैं। आरटीआई देखने के बाद ही वे बता सकते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है। प्रो. अग्रवाल ने दावा किया कि उन्होंने यूआईईटी संस्थान की जो आरटीआई दी है, वह पूरी तरह सही है। 
ऐसे हुआ खुलासा 
विकास गहलोत ने बताया कि मामले का खुलासा इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च से उक्त शिक्षिका के रिकॉर्ड की आरटीआई से हुआ। इसमें साफतौर पर लिखा है कि 26 मार्च 2011 को शिक्षिका ने बतौर सीनियर साइंटिस्ट संस्थान में ज्वाइन किया और 5 अगस्त 2011 को उसने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं केयू के यूआईईटी संस्थान से जब पीएचडी कोर्स वर्क की मई से लेकर नवंबर 2011 के शिक्षकों की कक्षाएं लेने की आरटीआई मांगी गई तो उसमें उक्त शिक्षिका को कोर्स को-ऑर्डिनेटर दिखाया गया है। सवाल यह उठता है कि एक जून से पांच अगस्त तक जब शिक्षिका हिसार में सीनियर साइंटिस्ट के पद पर थी, तो वे यूआईईटी संस्थान में बतौर पीएचडी कोर्स वर्क को-ऑर्डिनेटर कैसे पढ़ा सकती है। आरटीआई आवेदक ने पीएचडी कोर्स वर्क के इस पूरे मामले को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है। 
अब होगी मामले की शिकायत 
आरटीआई आवेदक विकास ने बताया कि उन्होंने आरटीआई के माध्यम से सभी सूचनाएं जुटा ली हैं। अब इन सूचनाओं की कॉपी के साथ इस पूरे मामले की शिकायत केयू प्रशासन और राज्यपाल को सौंपी जाएगी, ताकि फर्जीवाड़े के इस मामले के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके। उन्होंने आरोप लगाया कि मामले में अकेली शिक्षिका नहीं बल्कि अन्य लोग भी शामिल हैं। लिहाजा यह जरूरी है कि मामले की जांच की जाए। 
दोनों बार अलग-अलग जवाब 
केयू के यूआईईटी संस्थान ने दो बार पूछे गए एक ही सवाल के अलग-अलग जवाब देकर भी हैरान किया है। पहली बार यूआईईटी संस्थान ने पीएचडी कोर्स को-ऑर्डिनेटर जहां उक्त शिक्षिका को बताया था, वहीं दूसरी बार सूचना मांगने पर शिक्षिका की जगह शिक्षक को कोर्स को-ऑर्डिनेटर बना दिया गया। इसके अलावा पहली बार पीएचडी कोर्स वर्क का शेड्यूल शाम को पांच से छह बजे, सुबह 10 से 12 बजे और 12 से एक बजे तक दिया गया। वहीं दूसरी बार शाम को पांच से छह बजे और सुबह 10 से 12 बजे तक का शेड्यूल दिया गया।                                           db

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