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Sunday 23 March 2014

मिशन की जरूरत

नए शिक्षा सत्र में शिक्षा विभाग के सामने सबसे बड़ा दायित्व पुरानी गलतियों की पुनरावृत्ति रोकने का ही रहेगा। नए सत्र की प्राथमिकताएं तय करने में भी देरी नहीं होनी चाहिए। शिक्षा विभाग दावे करता नहीं थकता कि साक्षरता दर बढ़ रही है पर उसे तस्वीर के स्याह पक्ष से मुंह नहीं मोड़ना चाहिए। सरकारी स्कूलों में ड्रॉप आउट रोकने की दिशा में अधिक काम नहीं हुआ। अलग राज्य बनने के 47 साल बाद भी ग्रामीणों की मानसिकता लड़की को ग्रेजुएट बनाने के स्थान पर बालिग होते ही उसकी शादी करने की है। हालांकि प्रदेश में साक्षरता दर 75 प्रतिशत तक पहुंच चुकी पर हालत यह है गांवों के सरकारी स्कूलों में पांचवीं कक्षा में जितनी बच्चियां पढ़ती हैं, आठवीं तक आते-आते यह संख्या आधी रह जाती है और दसवीं तक केवल 25 फीसद। इसमें कोई संदेह नहीं कि स्कूल, कॉलेजों में लड़कियों की संख्या लगातार बढ़ रही है पर शिक्षा विभाग को यह जानना चाहिए कि संख्या बढ़ने का कारण जागरूकता बढ़ना है या आबादी में वृद्धि के कारण ऐसा हो रहा है। दोनों पहलुओं के संदर्भो में जमीन-आसमान का अंतर है। यह बात केवल लड़कियों पर ही लागू नहीं होती। गांवों,कस्बों में बीच में स्कूल छोड़ने वाले लड़कों की संख्या भी कम नहीं। केंद्र व राज्य सरकार ने मिड डे मील, सतत शिक्षा, निश्शुल्क पुस्तक अभियान समेत आधा दर्जन योजनाएं चलाईं लेकिन उत्साहजनक परिणाम आज तक सामने नहीं आ पाया। कारण स्पष्ट है कि योजनाओं पर क्रियान्वयन प्रभावशाली नहीं रहा। दोपहर भोजन योजना मकसद से भटक गई लगती है। दर्जनों गांवों में देखा गया कि बच्चे केवल दोपहर का भोजन करने स्कूल जाते हैं। तात्पर्य यही माना जाएगा कि अध्यापक व शिक्षा अधिकारी न तो अभिभावकों को शिक्षा के महत्व के प्रति जागरूक कर पाए, न ही निश्शुल्क भोजन योजना के साथ शिक्षा का तारतम्य बैठा पाए। नए सत्र में शिक्षा विभाग को ड्रॉप आउट रोकने का अभियान संचालित करने के लिए अलग प्रकोष्ठ का गठन करते हुए सक्षम अधिकारियों की नियुक्ति करनी चाहिए। आधारभूत स्तर तक जाकर यह टीम अभिभावकों को प्रेरित-जागरूक करे, इसके लिए अतिरिक्त संसाधनों का प्रावधान हो। गंभीर बात यह भी है कि ड्रॉप आउट के बारे में स्कूल अध्यापक या प्रिंसिपल द्वारा उच्च स्तर पर वास्तविक रिपोर्ट नहीं भेजी जाती। परिणाम यह है कि ऐसे बच्चों की संख्या और स्थिति पर स्वयं शिक्षा विभाग अंधेरे में है। हरियाणा में ड्रॉप आउट रोकने का अभियान एक मिशन की तरह चलाए जाने की आवश्यकता है।                                                        djedtrl

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