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Wednesday 6 May 2015

स्कूलों में टीचर नहीं, हेल्पबुक के सहारे छात्र

** सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में किया जा रह इंतजार, हाई स्कूलों में ड्यूटी दे रहे लेक्चरर, क्या ऐसे बनेंगे वैज्ञानिक 
करनाल : विज्ञान की पढ़ाई को बढ़ावा देने के प्रति शिक्षा विभाग गंभीर नहीं है। केवल चार्ट मॉडल प्रदर्शनी के जरिए विज्ञान की पढ़ाई के प्रचार की इतिश्री कर ली जाती है, लेकिन धरातल पर विज्ञान की पढ़ाई को बढ़ावा देने जैसा काम नहीं हो रहा है। विद्यार्थियों को सभी विषयों के शिक्षक ही उपलब्ध नहीं हैं। शिक्षकों (लेक्चरर) की कुछ कमी है तो कुछ शिक्षा विभाग ने स्वयं बनाई हुई है। 
सरकारी स्कूलों में साइंस पढ़ने वाले विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। कहीं मैथ के टीचर की सीट खाली है तो कहीं फिजिक्स कैमिस्ट्री का टीचर ही नहीं है। कई स्कूलों में फिजिक्स, कैमिस्ट्री मैथ किसी भी विषय के टीचर नहीं है। इस हाल में विद्यार्थियों को इधर का और उधर का छोड़ा जा रहा है। कक्षाओं में विद्यार्थी शिक्षक के आने का इंतजार करते रहते हैं, लेकिन उनके इस इंतजार का अभी तक कोई अंत नहीं आया है। केवल हेल्प बुक के सहारे विद्यार्थी जैसे-तैसे पढ़ाई करते हैं या फिर महंगी ट्यूशन लेकर परीक्षा में पास होने की तैयारी करते हैं। स्कूलों की एक-एक जानकारी ऑनलाइन होने के बावजूद विभाग के आला अधिकारी आंखें मूंद बैठे हैं। पिछले कई सालों से यही स्थिति चली रही है। 
स्कूलों के बने हैं ये हालात सीट जो खाली 
गवर्नमेंट ब्वायज सीनियर सेकेंडरी स्कूल जुंडला फिजिक्स, बायोलॉजी 
गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल असंध साइंस सभी विषयों की खाली 
गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल तरावड़ी साइंस सभी विषयों की खाली 
गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल नीलोखेड़ी फिजिक्स 
गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल इंद्री फिजिक्स कैमिस्ट्री 
गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल अराईंपुरा फिजिक्स मैथ 
गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल खेड़ी मानसिंह कैमिस्ट्री की पोस्ट ही नहीं 
गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल गढ़ीबीरबल फिजिक्स 
गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल निगदू फिजिक्स कैमिस्ट्री 
जिले के 29 स्कूलों में साइंस स्ट्रीम 
जिले में महज 29 स्कूलों में साइंस स्ट्रीम हैं, इनमें से अधिकतर स्कूलों में विद्यार्थियों को साइंस की प्रॉपर शिक्षा नहीं मिल पा रही है। मिले भी तो कैसे, क्योंकि कुछ स्कूलों में लेक्चरर के पद खाली पड़े हुए हैं तो कुछ स्कूलों में मिस मैनेजमेंट के कारण अध्यापक उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। 
हाई स्कूलों में लगा रखे हैं लेक्चरर 
लेक्चरर की जरूरत सी.से. स्कूलों में है, दर्जनों स्कूल ऐसे हैं, जहां 10वीं कक्षा के स्कूल में लेक्चरर की पोस्टिंग की हुई है। जिले में मोहिदीनपुर, शेखपुरा, जलमाना, उपलाना, बाना आदि इस व्यवस्था के उदाहरण हैं। 
आदेशों के बाद कार्रवाई अमल में लाई जाएगी 
"स्कूलों में लेक्चरर की एडजेस्टमेंट के लिए विभाग को लिस्ट भेज रखी है। लिस्ट में जरूरत के हिसाब से टीचरों की पोस्टिंग करने की बात रखी गई है। जैसे ही निदेशालय से आदेश आएंगे, उसके हिसाब से अगली कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।"-- डॉ.सुशील कुमार, जिला विज्ञान विशेषज्ञ, शिक्षा विभाग करनाल।                                                            db

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