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Tuesday 12 May 2015

कॉलेज में लगे शारीरिक शिक्षक अब नहीं बन पाएंगे प्रिंसिपल

** उच्च शिक्षा विभाग ने डीपीई कर दिया पद का नाम
कुरुक्षेत्र : प्रदेशभर के राजकीय, एडिड प्राइवेट कॉलेज में लगे शारीरिक शिक्षक अब प्रिंसिपल नहीं बन पाएंगे। कारण शारीरिक शिक्षकों का पदनाम बदलना है।
उच्च शिक्षा विभाग के डायरेक्टर जनरल पंचकूला की ओर से 24 अप्रैल को इस संबंध में सभी कॉलेज प्रिंसिपल को पत्र जारी किया गया है। इसमें शारीरिक शिक्षकों का पदनाम डीपीई करने की बात कही गई है। अब तक कॉलेज में शारीरिक शिक्षक के रूप में काम कर शिक्षक प्रिंसिपल पद की दौड़ से बाहर होने के साथ ही उनकी छुट्टियों में भी कटौती हो जाएगी।
छठे वेतन आयोग के दौरान उठा मुद्दा : 
प्रदेशभर के कॉलेज में शारीरिक शिक्षकों को लेक्चरर का नाम देने का मुद्दा साल 2010 में छठे वेतन आयोग के लागू होने के दौरान उठा था। यूजीसी ने शारीरिक शिक्षकों को लेक्चरर मानने से मना कर दिया था। 21 जुलाई 2011 को उच्च शिक्षा विभाग ने यूजीसी रेगुलेशन को मानते हुए शारीरिक शिक्षकों को डीपीई का पदनाम देने का फैसला किया था। इसके बाद भी कॉलेज के शारीरिक शिक्षक खुद को लेक्चरर इन फिजिकल एजुकेशन ही लिखते थे। ऐसे में दोबारा इस मुद्दे को उठाया गया। जिसके बाद 24 अप्रैल 2015 को विभाग ने इस संबंध में पत्र जारी किया है।
योग्यता नहीं होगी पूरी : 
प्रिंसिपल के लिए निर्धारित की गई योग्यता में शिक्षक का असिस्टेंट या एसोसिएट प्रोफेसर का अनुभव होना जरूरी है। वहीं शारीरिक शिक्षकों का पदनाम डीपीई होने से उन्हें असिस्टेंट एसोसिएट प्रोफेसर का अनुभव ही मिल पाएगा। जिसके चलते वे प्रिंसिपल पद के लिए आवेदन ही नहीं कर पाएंगे।
गौरतलब है कि प्रदेश में 1987 में शारीरिक शिक्षकों को कॉलेज में लेक्चरर इन फिजिकल एजुकेशन का पदनाम दिया गया था।
शिक्षा मंत्री के सामने रखा मामला : गासो
हरियाणा कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन एचसीटीए के पूर्व प्रदेश महासचिव डॉ. रविंद्र गासो ने कहा कि फिजिकल एजुकेशन लेक्चरर को डीपीई पदनाम देने का मुद्दा एसोसिएशन ने शिक्षामंत्री के सामने उठाया है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग के पूर्व अधिकारी ने कॉलेज में फिजिकल एजुकेशन विषय को ही खत्म कर दिया था। जिसके चलते शिक्षा मंत्री से फिजिकल एजुकेशन विषय को दोबारा शुरू करने की मांग भी की गई है। डॉ. गासो ने कहा कि शारीरिक शिक्षक का पदनाम बदलने से उसके कई अधिकार छिन जाएंगे। इसलिए एसोसिएशन पूरा प्रयास करेगी कि शारीरिक शिक्षकों का पदनाम लेक्चरर इन फिजिकल एजुकेशन ही करवाया जाए।                                                                  db

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