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Monday 4 January 2016

मिड-डे-मील की जानकारी एप पर

** प्रतिभा : गुड़गांव के चार स्कूली बच्चों ने बनाया एप
जींद : मिड-डे-मील को बनवाने से लेकर उसका रिकॉर्ड रखने की परेशानी से अब सरकारी स्कूल के शिक्षक बच सकेंगे। इसके लिए उन्हें केवल अब मोबाइल एप का प्रयोग करना होगा। एमडीएम (मिड-डे-मील) के नाम से बनाए गए इस मोबाइल एप में सरकारी स्कूल में बनने वाले किसी भी व्यंजन का नाम व बच्चों की संख्या भरनी पड़ती है और उसके बाद यह एप प्रति बच्चे के हिसाब से उक्त व्यंजन में कितनी-कितनी सामग्री डलेगी, के बारे में बता देता है। 
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय काटरपुरी (गुड़गांव) के नौवीं कक्षा के चार विद्यार्थियों इंद्रजीत कुमार, शिवा मिश्र, बलराम बघेल, अमित मौर्या ने यह एप तैयार किया। उन्होंने शिक्षकों मनोज लाकड़ा व लर्न लिंक्स फाउंडेशन के रिसोर्स पर्सन फूल कुमार की देखरेख में तैयार किया है। रविवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय डिफेंस कालोनी में टीम शिक्षा दीक्षा द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में यह एप शिक्षकों के समक्ष प्रस्तुत किया गया। एप की खासियत यह है कि इसे एक बार डाउनलोड करने के बाद इसका प्रयोग इंटरनेट न होने की स्थिति में भी किया जा सकता है।
ऐसे करता है काम : 
एमडीएम एप को डाउनलोड करने के बाद उसे ओपन करना है। इसमें कितने बच्चों तथा क्या बनाया जाना है, के बारे में पूछा जाता है। जिन व्यंजन पर ओके किया जाएगा। इसके बाद एप्लीकेशन द्वारा उस व्यंजन में प्रति बच्चे के हिसाब से कितनी कुल सामग्री डाली जाएगी, की मात्र दर्शा दी जाती है। उदाहरण के तौर पर यदि स्कूल में 154 बच्चे है और उनके लिए कोई सब्जी बनाई जानी है तो यह एप यह बता देगा कि सब्जी में क्या-क्या और कितनी मात्र में डाला जाएगा। बनने वाली खाद्य सामग्री की मात्र के अलावा इस एप के जरिये स्टाक का भी हिसाब रखा जा सकता है कि हमारे कितना स्टाक बचा है और कितना प्रयोग किया जा सकता है। यही नहीं एप के जरिये किस दिन क्या-क्या बनाया गया था, की रिपोर्ट भीसेव होती है और उसका रिकार्ड निकालकर ¨पट्र भी किया जा सकता है। पुरानी प्रतिदिन की रिपोर्ट भी इसमें निकालकर ¨पट्र की जा सकती है ताकि किसी अधिकारी के निरीक्षण या उच्चाधिकारियों के अपने कार्यालय में मंगवाने के दौरान उसे प्रस्तुत किया जा सके।
जल्द होगी लांचिंग : 
यह एप पूरे देश में अपनी तरह की शिक्षा सेवाओं का पहला एप है और एमडीएम की दृष्टि से शिक्षकों के लिए काफी कारगर सिद्ध होगा। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया जा चुका है। जल्द ही सरकार इसे लांच कर सकती है।                                                          dj 

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