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Saturday, 22 December 2012

टीचर भर्ती का रास्ता साफ

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने शुक्रवार को प्रदेश में चल रही अध्यापकों की भर्ती का रास्ता साफ कर दिया। कोर्ट ने सौ के करीब उन याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसमें राज्य सरकार द्वारा चार साल का अनुभव वाले उम्मीदवारों को अध्यापक पात्रता परीक्षा में छूट देने को चुनौती दी गई थी।
हाईकोर्ट के इस आदेश से हजारों उम्मीदवार इस भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गए हैं जिन्होंने टीचर भर्ती बोर्ड द्वारा कटऑफ के नियम को हाईकोर्ट में चुनौती थी तथा कोर्ट के आदेश पर प्रोविजनल तौर पर इस भर्ती में भाग लेने की इजाजत पाई थी। कोर्ट के इस आदेश से उन सभी के आवेदन फार्म रद हो गए हैं और भर्ती प्रक्रिया पर छाए बादल हट गए हैं।
शुक्रवार को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एके सिकरी पर आधारित खंडपीठ ने इन याचिकाओं को खारिज करते हुए सरकार द्वारा चार साल के अनुभव पर अध्यापक पात्रता परीक्षा में छूट के फैसले पर रोक के आदेश जारी न करने का फैसला देते हुए स्पष्ट किया कि इस मामले में सरकार ने अनुभव के लिए जो समय तय किया है वह सही नहीं है। इस मामले में समय सीमा न तय करते हुए कोर्ट ने केवल चार साल के अनुभव के आधार पर छूट जारी करने का आदेश दिया।

कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी:25 दिसंबर की परीक्षा स्थगित

कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी की परीक्षा शाखा ने अंडर ग्रेजुएट एवं पोस्ट गे्रजुएट स्तर की 25 दिसंबर को होने वाली परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। ये सभी परीक्षाएं अब 5 जनवरी 2013 शनिवार को होंगी। कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक डॉ. हुक्म सिंह ने बताया कि परीक्षा केंद्र एवं समय पहले से निर्धारित रहेंगे। उन्होंने बताया कि उपरोक्त बदलाव की जानकारी यूनिवर्सिटी की आधिकारिक वेबसाइट केयूके डॉट एसी डॉट इन पर भी उपलब्ध है। संबंधित छात्र इस बदलाव के अलावा बाकी परीक्षा कार्यक्रम भी वहां से देख सकते हैं।

पढ़ाई छोडऩे वालों के लिए शॉर्ट-टर्म कोर्स

हरियाणा में बीच में पढ़ाई छोडऩे वाले युवाओं के लिए औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग द्वारा आईटीआई से सम्बन्धित सभी ट्रेड्स में 120 से 200 घंटे तक के शार्ट-टर्म पाठयक्रम करवायें जाएंगे। हरियाणा औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के निदेशक आरसी वर्मा ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में मण्डल स्तरीय सभी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के प्रिंसीपल की बैठक में बताया कि स्कूल शिक्षा बीच में छोड़े हुए युवाओं को शॉर्ट टर्म कोर्स करवाकर व्यवसाय हेतू ऋण दिलाने की व्यवस्था भी करवाई जाएगी। विभाग द्वारा विभिन्न ट्रेड्स से पासआउट बच्चों की प्लेसमेंट पर विशेष जोर दिया जाएगा। हालांकि राज्य की कई आईटीआई में अभी भी शत-प्रतिशत प्लेसमेंट हो रहा है। फिर भी विभाग द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी आईटीआई से शत-प्रतिशत प्लेसमेंट हो। उन्होंने सभी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता में सुधार के लिए बैस्ट इंस्टीट्यूट अवार्ड भी शुरू किया है।

Friday, 21 December 2012


40 स्कूलों का दर्जा बढ़ा

शिक्षा विभाग ने 40 राजकीय विद्यालयों को अपग्रेड किया है। इस योजना से प्रदेश के उन हजारों बच्चों को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा, जिन्हें उच्च शिक्षा के लिए दूरदराज के गांव में जाना पड़ता था। अब वे अपने ही गांव में या नजदीकी स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर पाएंगे। 
इनमें 36 उच्च विद्यालयों को वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बनाया गया है जबकि चार राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को अपग्रेड कर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का दर्जा दिया गया है। इसमें सर्वाधिक विद्यालय फतेहाबाद, महेंद्रगढ़ और पानीपत के अपग्रेड हुए हैं। 
उच्च से वरिष्ठ माध्यमिक स्तर पर अपग्रेड होने वाले स्कूल : 
अंबाला का कनजाला, 
भिवानी के नौरंगा बास राजपुताना व गुजरानी, 
फतेहाबाद के अमानी, नांगल, अहरवां, अल्लीका और हिजरांवा खुर्द, 
फरीदाबाद के नारायणा व अनांगपुर,
गुड़गांव के मोकालवास व खांडसा, 
हिसार के शिकारपुर, गुराना और मसुदपुर,
जींद का बदनपुर, 
करनाल का काइमला, 
सिरसा के लोहगढ़ व फरमाईकलां, 
कैथल के कुवारता व हरीपुरा, 
कुरुक्षेत्र के भतेरी व बुडानी, 
महेंद्रगढ़ के गंवारी जट, चांदपुरा, हुडीना, मुसनोटा व सनद्रे, 
मेवात का बाजीदपुर, 
पंचकुला कां रामपुर, 
पानीपत के बंढेरी, मनाना, नोहरा व गढ़ी बेसक, 
सोनीपत के बरोटा और 
यमुनानगर का पबनी कलां। 
मिडिल से सीनियर सेकेंडरी: 
फतेहाबाद का कमाना, 
फरीदाबाद का अगवानपुर, 
कैथल का खरकरा और पानीपत का दरियापुर स्कूल।

60 लोगों की राय तय करेगी लाखों बच्चों का भविष्य

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड परीक्षाओं के सेमेस्टर सिस्टम में बदलाव अब केवल 60 लोगों की राय से होगा। यानी 60 से भी कम लोगों की राय लाखों बच्चों का भविष्य तय करेगी। जी हां, बोर्ड ने सेमेस्टर सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए बदलाव की योजना बनाई थी और आम लोगों से बदलाव के लिए सुझाव मांगे थे। साथ ही बदलावों को लेकर कुछ ऑप्शन भी दिए थे। बोर्ड की इस योजना में लोगों ने कोई खास रुचि नहीं दिखाई और सिर्फ 60 लोगों ने ही अपनी राय दी। अब सभी राय को बोर्ड अधिकारियों की मीटिंग में रखा जाएगा और उसके बाद ही बदलाव पर विचार- विमर्श किया जाएगा। 
ब्लॉग से मांगी थी राय 
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने अपनी वेबसाइट पर ब्लॉग बना लोगों से सेमेस्टर सिस्टम में बदलाव के लिए राय मांगी थी। इसके अलावा समाचार पत्रों में विज्ञापन भी छपवाया गया था। डाक के माध्यम से भी अपनी राय बोर्ड तक पहुंचाने का ऑप्शन रखा गया था। इसमें बोर्ड ने बदलाव को लेकर नौ से 10 ऑप्शन भी दिए थे कि इन बदलावों को किया जाए तो कैसा रहे। करीब 15 दिन तक लोगों की राय ली गई। 
बोर्ड ने ब्लॉग पर मांगी राय के तहत सेमेस्टर सिस्टम को बेहतर बनाने व 9वीं व 11वीं कक्षाओं की परीक्षाओं को भी गंभीरता से लेने की योजना बनाई थी। बदलावों में 9वीं व 11वीं कक्षा के परिणाम को बोर्ड परीक्षाओं में वरियता देने, 9वीं कक्षा के फाइनल परिणाम को 10वीं की बोर्ड परीक्षा में 25 फीसदी तक वरीयता देने, 11वीं के द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा के प्रश्न पत्र बोर्ड की ओर से तैयार करने, 11वीं की द्वितीय सेमेस्टर परीक्षाएं बोर्ड की ओर से करवाने, सेकंडरी व सीनियर सेकंडरी कक्षाओं के प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं कराने की जिम्मेवारी स्कूल को ही सौंपने आदि सवालों पर सुझाव मांगे गए थे। इसके अलावा विषय मिश्रण (सब्जेक्ट कंबिनेशन) पर भी सुझाव मांगे गए थे। 
"सेमेस्टर सिस्टम में बदलाव के लिए आमजन, शिक्षाविदों से राय मांगी थी। राय कम ही लोगों की आई है। करीब 60 लोगों ने बदलाव पर अपनी राय दी है। इसी पर चर्चा के लिए पिछले दिनों बोर्ड अधिकारियों की बैठक होनी थी, मगर वह किसी कारणवश टल गई। अब जनवरी में बैठक होने की संभावना है, जिसमें सभी की राय रखी जाएगी। राय पर अधिकारी विचार विमर्श कर बदलाव करेंगे।" योगेश वशिष्ठ, सहायक निदेशक हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड

Thursday, 20 December 2012

हाईकोर्ट में पीटीआई भर्ती घोटाले की सुनवाई

आपराधिक कार्रवाई की मांग ठुकराई

हरियाणा में 1983 फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर्स (पीटीआई) भर्ती खारिज करने के एकल जज के फैसले को रद्द किए जाने की मांग पर सुनवाई विचाराधीन है। हाईकोर्ट ने मामले में किसी आपराधिक कार्रवाई की मांग को स्वीकार करने से फिलहाल इंकार कर दिया है। 
चीफ जस्टिस सीकरी व जैन की खंडपीठ ने कहा कि एकल जज के फैसले के खिलाफ अपील पर 11 फरवरी के लिए सुनवाई विचाराधीन है। ऐसे में किसी आपराधिक कार्रवाई की मांग को स्वीकार नहीं किया जा सकता। हिसार की एक्स नेवल परसोनल वेलफेयर सोसायटी की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया कि उस समय हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन व सभी आठ सदस्यों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जाए। इसकी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करनो की मांग की। 
सीधे इंटरव्यू पर बुलाया 
20 जुलाई 2006 को हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने पीटीआई के 1983 पदों के लिए आवेदन मांगे। 2007 को लिखित परीक्षा खारिज कर दी गई। 20 जुलाई 2008 को एक बार फिर लिखित परीक्षा खारिज कर दी गई। इसके बाद कुल पदों से आठ गुना उम्मीदवारों को सीधे इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। दो सितंबर 2008 से 17 अक्टूबर 2008 तक उम्मीदवारों के इंटरव्यू हुए और डेढ़ साल बाद 10 अप्रैल 2010 को इसका परिणाम घोषित किया गया। याचिका में कहा गया है कि इंटरव्यू के 25 अंक तय किए गए थे जिसे बाद में 30 कर दिया गया। नियमानुसार भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद इसमें फेरबदल नहीं किया जा सकता। महज चहेतों को नियुक्तिदेने के लिए मानदंड बदले गए। आरटीआई से मिली जानकारी का हवाला देते हुए कहा गया कि 14 ऐसे उम्मीदवारों को इंटरव्यू में ज्यादा अंक दिए गए, जिनकी नियुक्तिके आसार नहीं थे।

हरियाणा ओपन स्कूल 10वीं और 12वीं कक्षा का परिणाम घोषित

बारहवीं में लड़कियों ने बाजी मारी
हरियाणा ओपन स्कूल की दसवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम 34 फीसदी रहा है, जबकि ओपन स्कूल बारहवीं की परीक्षा में 52 फीसदी परीक्षार्थी पास हुए हैं।
ओपन स्कूल की सेकेंडरी व सीनियर सेकेंडरी रि-अपीयर, पहले व दूसरा सेमेस्टर, बिना सेमेस्टर की सितंबर में हुई परीक्षा का परिणाम 20 दिसंबर को घोषित किया जा रहा है। परीक्षा परिणाम सुबह नौ बजे बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध हो जाएगा।
हरियाणा ओपन स्कूल की सेकेंडरी परीक्षा में 23808 परीक्षार्थी शामिल हुए थे, जिनमें से 8147 परीक्षार्थी पास हुए, जिनकी पास प्रतिशतता 34.21 रही है। इनमें लड़कियों की पास प्रतिशतता 31.82 और लड़कों की पास प्रतिशतता 35.37 रही है। ओपन स्कूल की 12वीं परीक्षा में 17644 परीक्षार्थी बैठे थे। इनमें से 9177 परीक्षार्थी पास हो सके। इनकी पास प्रतिशतता 52.01 रही है, जिनमें 56.41 प्रतिशत लड़कियां और 50.43 प्रतिशत लड़के शामिल हैं।

पीआरटी अध्यापक भर्ती, एक से डाउनलोड होंगे कॉल लेटर

21 जनवरी से रोहतक, रेवाड़ी में इंटरव्यू
प्रदेश के जिन भावी अध्यापकों ने मेवात जिले के प्राथमिक अध्यापक के पद पर भर्ती होने के लिए आवेदन किए थे। उन सभी पात्र उम्मीदवारों के इंटरव्यू व उनके प्रमाण पत्रों की जांच का शेड्यूल हरियाणा स्कूल अध्यापक भर्ती बोर्ड ने जारी कर दिया है। 21 जनवरी से मेवात जिले के 1107 पदों को भरने के लिए आवेदकों के प्रमाण पत्रों की जांच एवं उनके इंटरव्यू की प्रक्रिया शुरू होनी है। 
संबंधित आवेदक को अपने साथ अपने आवेदन की कॉपी, मूल प्रमाण पत्रों के साथ उपस्थित होना है। फिलहाल रोहतक व रेवाड़ी दो केंद्रों पर इंटरव्यू होंगे। इंटरव्यू से पहले आवेदन में दी गई जानकारी के मुताबिक मूल प्रमाणपत्रों की जांच की जाएगी। बोर्ड प्रवक्ता के मुताबिक एक जनवरी से बोर्ड व संबंधित साइट से आवेदक अपना काल लेटर डाउनलोड कर सकते हैं। 
कॉल लेटर हर आवेदक के लिए जरूरी है। इन वर्गों के लिए लाभ :
1107 पद पर भर्ती के लिए सामान्य वर्ग के लिए 447, एसई वर्ग के लिए 181, बीसी-ए वर्ग के लिए 143, बीसी-बी वर्ग के लिए 80, भूतपूर्व सैनिकों के लिए 148 व अन्य के लिए 87 पद आरक्षित हैं।

New Inter-District Transfer Policy,2012









Tuesday, 18 December 2012

जेबीटी घोटाला: आरोपियों को हो सकती है 3 से 7 साल की कैद

16 जनवरी को आएगा फैसला, आरोपियों में ओमप्रकाश चौटाला, अजय, बड़शामी, विद्याधर और संजीव कुमार भी
विशेष सीबीआई कोर्ट हरियाणा के बहुचर्चित जेबीटी भर्ती घोटाले में आगामी 16 जनवरी को अपना फैसला सुनाएगी। इस मामले में इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला, उनके बेटे अजय सिंह, पूर्व राजनीतिक सलाहकार शेर सिंह बड़शामी, आईएएस अधिकारी एवं पूर्व ओएसडी विद्याधर व आईएएस संजीव कुमार समेत कुल 55 आरोपी हैं। इन पर भर्ती में धोखाधड़ी, जालसाजी, आपराधिक षड्यंत्र, गलत दस्तावेजों का प्रयोग व भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13 (1) बी व 13 (डी) के तहत आरोप निर्धारित हैं। दोषी पाए जाने पर आरोपियों को तीन से सात साल तक कैद हो सकती है। सोमवार को आदेश जारी करते हुए जज विनोद कुमार ने कहा कि फैसले के दिन सभी आरोपी सुबह 10 बजे कोर्ट में हाजिर हों। 
यह है मामला: तत्कालीन चौटाला सरकार ने सितंबर 1999 में जेबीटी शिक्षकों के 3206 पदों के लिए 18 जिलों में जिलास्तरीय चयन कमेटियों के जरिए भर्ती प्रक्रिया आरंभ की। आईएएस अधिकारी व पूर्व शिक्षा निदेशक संजीव कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दायर करके दो मैरिट सूचियों का प्रयोग करने का आरोप चौटाला, उनके बड़े बेटे, राजनीतिक सलाहकार व ओएसडी पर लगाया। आरोप था कि कुल 8 हजार आवेदकों के चयन में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुईं। और मैरिट में आने वाले आवेदकों को 20 में से 3 से 5 अंक दिए गए। दूसरी ओर कम योग्यता वाले उम्मीदवारों को साक्षात्कार में 17 से 19 अंक देकर मैरिट में ऊपर लाया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को मामले की जांच करने के आदेश दे दिए। सीबीआई ने जांच के बाद 6 जून 2008 को चौटाला समेत कुल 59 व्यक्तियों के खिलाफ आरोप दाखिल किया। 
चार साल चली सुनवाई :आरोप पत्र दाखिल होने के बाद मामले की सुनवाई साढ़े चार साल में पूरी हो पाई है। इस दौरान सैकड़ों गवाही दर्ज की गई। मामले में नामजद कुल 59 आरोपियों में से 4 की मौत भी हो चुकी है।

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के फैसले से सुधरा पहले सेमेस्टर का रिजल्ट

ग्रेस माक्र्स से 1.75 लाख परीक्षार्थी   पास
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड अगर परीक्षार्थियों पर मेहरबान न होता तो पौने दो लाख परीक्षार्थी और फेल हो जाते। शिक्षा बोर्ड ने इस बार सेकंडरी व सीनियर सेकंडरी के परीक्षार्थियों को 22 फीसदी तक ग्रेस माक्र्स दिए हैं। हालांकि बोर्ड ने इस दफा ग्रेस माक्र्स सभी परीक्षार्थियों को न देकर, सिर्फ उन्हीं परीक्षार्थियों को दिए हैं, जो कुछ नंबरों से पास होने से वंचित रह गए। 
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने 14 दिसंबर को सेकंडरी व सीनियर सेकंडरी का पहले सेमेस्टर का परिणाम घोषित किया। हालांकि बोर्ड ने यह परिणाम आंकड़ों में घोषित नहीं किया। बोर्ड के मुताबिक यह परिणाम नहीं है। यह परीक्षार्थियों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट है। मगर, सूत्रों के मुताबिक सेकंडरी का परिणाम लगभग 58 फीसदी और सीनियर सेकंडरी का परिणाम लगभग 63 फीसदी रहा, लेकिन हकीकत में सेकंडरी का परिणाम लगभग 34 व सीनियर सेकंडरी का लगभग 48 फीसदी था, जिसे ग्रेस माक्र्स की मदद से बढ़ाकर 58 व 63 फीसदी किया गया। मतलब कि सेकंडरी में 24 व सीनियर सेकंडरी में 15 फीसदी परीक्षार्थी बोर्ड की मेहरबानी से पास हुए हैं। 
इस बार सेकंडरी में 5 लाख 5 हजार से ज्यादा और सीनियर सेकंडरी में 3 लाख 69 हजार से ज्यादा परीक्षार्थी शामिल हुए। ग्रेस माक्र्स के चलते सेकंडरी में 1 लाख 21 हजार से ज्यादा और सीनियर सेकंडरी में 55 हजार से ज्यादा परीक्षार्थी पास हुए हैं। 
अंग्रेजी में सबसे ज्यादा 17 अंक की ग्रेस 
शिक्षा बोर्ड ने दसवीं के परीक्षार्थियों को 22 फीसदी अंक तक की ग्रेस दी है। सूत्रों के मुताबिक अंग्रेजी व गणित में सबसे ज्यादा 17, सामाजिक विज्ञान में 13 और विज्ञान में 10 अंकों की ग्रेस दी गई है। उधर, सीनियर सेकंडरी के भी लगभग सभी विषयों में ग्रेस माक्र्स दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक सीनियर सेकंडरी में लगभग सभी विषयों में 10 अंक तक ग्रेस माक्र्स दिए हैं। हालांकि इस दफा बोर्ड ने ग्रेस अंक की कृपा सभी को न देकर सिर्फ उन परीक्षार्थियों को दी है, जो कुछ अंकों के अंतर से किसी विषय में फेल हो रहे थे। 
"यह ग्रेस माक्र्स नहीं है, बल्कि यह मॉडरेशन किया है। हालांकि इस बार बोर्ड ने इसका फायदा उन्हीं परीक्षार्थियों को दिया है, जो मॉडरेशन की मदद से पास हो रहे थे। अकेला हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ही ऐसा नहीं करता, बल्कि सभी बोर्ड परिणाम का मॉडरेशन करते हैं।" महेंद्रपाल सिंह, ज्वाइंट सेक्रेटरी, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड

Saturday, 15 December 2012

नए सत्र से बदलेगा सीसीई का स्वरूप

पांचवीं या आठवीं में परखा जाएगा ज्ञान
(राइट टू एजुकेशन) में सतत मूल्यांकन प्रक्रिया (सीसीई) के तहत आठवीं तक बच्चों को बिना परीक्षा अगली कक्षा में भेज दिए जाने पर जल्द ही रोक लग सकती है। अगर सबकुछ ठीकठाक रहा तो संभव है कि नए सत्र से ही सीसीई का मौजूदा स्वरूप बदल दिया जाए। बदलाव के तहत पांचवीं या आठवीं कक्षा में बच्चों का ज्ञान परखने के बाद ही उसे आगे की कक्षा में भेजा जाएगा।
आरटीई की सीसीई प्रणाली में विद्यमान खामियों को दूर करने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रलय ने जुलाई 2012 में उप समिति का गठन किया था। शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल को इसका अध्यक्ष बनाया गया। समिति को रिपोर्ट देने के लिए तीन माह का समय दिया गया था।
भुक्कल ने बताया सभी सदस्यों ने एकमत से सुझाव दिया कि आरटीई में सीसीई के तहत बिना किसी परीक्षा के बच्चों को अगली कक्षा में भेजते जाना सही नहीं है। पांचवीं या आठवीं के स्तर पर परीक्षा या बच्चों का ज्ञान परखे जाने की कोई व्यवस्था होनी चाहिए। ऐसे में इस सुझाव पर आधारित समिति की रिपोर्ट मंत्रलय को तो भेज दी गई है, शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर भी डाल दी गई है।
भुक्कल ने बताया कि देश के जिन राज्यों में आरटीई लागू नहीं हुआ है, समिति की ओर से वहां की सरकारों को भी पत्र भेज दिया गया है। उनसे पूछा गया है कि उन्हें अपने यहां यह अधिनियम लागू करने में क्या परेशानी आ रही हैं।

कैथल में खुलेगा हरियाणा संस्कृत विश्वविद्यालय

कैथल में संस्कृत विश्वविद्यालय खोलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शुक्रवार को जमीन देखने के लिए भारतीय सौंदर्यशास्त्र शोध प्रतिष्ठानम कपिस्थल के निदेशक डॉ. अरुणेश्वर झा के नेतृत्व में टीम पहुंची। शोध प्रतिष्ठान से जुड़े देश-विदेश के शिक्षाविदों के सहयोग से यह विश्वविद्यालय खोला जाएगा। इसका नाम हरियाणा संस्कृत विश्वविद्यालय रखा जाएगा। 
विश्वविद्यालय खुलने से पंजाब, हरियाणा के अलावा उत्तर भारत के विद्यार्थियों को फायदा होगा। जिसमें छह अंगों सहित वेद, षटदर्शन, धर्मशास्त्र, 18 पुराण, महाभारत और रामायण का अध्ययन और शोध कार्य आरंभ होगा। डॉ. झा ने बताया कि विदेशों में संस्कृत का प्रचार खूब हो रहा है। वहां संस्कृत के लिए पैसा भी खूब मिल रहा है, लेकिन यहां संस्कृत के लिए लोग पैसा नहीं दे रहे हैं। इस प्राइवेट विश्वविद्यालय के लिए विदेशों से पैसा लाया जाएगा। विदेशों से संस्कृत के प्रोफेसर्स यहां आकर पढ़ाएंगे।

शॉर्ट टर्म वोकेशनल कोर्स भी कराएंगी आईटीआई

हरियाणा तकनीकी शिक्षा विभाग की औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान इकाई ने प्रदेश में स्किल्ड वर्क फोर्स बढ़ाने की जिम्मेदारी एक बार फिर अपने कंधों पर संभाली है। प्रदेश के सभी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में विभाग फिर से शॉर्ट टर्म वोकेशनल कोर्स शुरू करने जा रहा है। ये कोर्स केंद्र सरकार की मॉड्यूलर एंपलॉयबल स्किल्स स्कीम के तहत शुरू किए जाएंगे। कुछ साल पहले शुरू किए गए इसी तरह के कोर्सों को केंद्र सरकार की स्कीम में बदलाव आने के कारण बंद करना पड़ा था। गुडग़ांव आईटीआई भी जनवरी माह से 20 शॉर्ट टर्म वोकेशनल कोर्स शुरू करने जा रही है। हालांकि अभी तक शुरू होने वाले कोर्सों की फाइनल लिस्ट तैयार नहीं हो सकी है। 
सभी प्रिंसिपलों को दिए निर्देश: शुक्रवार को हुई गुडग़ांव मंडल के 25 आईटीआई संस्थानों के प्रिंसिपलों की बैठक में विभाग के निदेशक आरसी शर्मा ने सभी प्रिंसिपलों को निर्देश दिए कि वे संस्थान में इन कोर्सों को शुरू करें। 25 दिसंबर तक सभी प्रिंसिपलों को कोर्सों की लिस्ट भेजने के लिए कहा गया है। 
अनपढ़ छात्रों को भी एडमिशन मिल सकेगा 
आईटीआई संस्थानों में शुरू किए जाने वाले बहुत से ऐसे प्रैक्टिकल कोर्स होंगे, जिनमें अनपढ़ छात्रों को भी एडमिशन मिल सकेगा। इन छात्रों को बेसिक पढ़ाई कराने के साथ-साथ बताया जाएगा कि इंडस्ट्रियों में किस तरह से काम होता है। उन्हें काम सिखाकर स्किल्ड वर्कर बनाया जाएगा। ऐसे छात्रों को भी इंडस्ट्रियों में जॉब मिल सकेगी। सर्टिफिकेट भी मिलेगा। इन शॉर्ट टर्म कोर्सों की खास बात यह होगी कि अब छात्रों को सर्टिफिकेट भी मिलेगा। 
फिर शुरू होंगे कुछ कोर्स 
आईटीआई गुडग़ांव में पहले इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रानिक्स, प्रोडक्शन एंड मैन्यूफैक्चरिंग, इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी, फैब्रिकेशन, ऑटोमेटिव रिपेयर फील्ड के 24 कोर्स चल रहे थे, लेकिन केंद्र सरकार की स्कीम में कुछ बदलाव होने के चलते इन कोर्सों को बंद करना पड़ा था। अब इनमें से भी कुछ कोर्सों को मोडिफिकेशन कर चलाया जा सकता है।

Wednesday, 12 December 2012

राज्य में अगले साल के लिए सार्वजनिक अवकाश घोषित

चंडीगढ़ : प्रदेश सरकार ने वर्ष 2013 के दौरान होने वाले अपने कार्यालयों के सार्वजनिक अवकाश की सूची जारी कर दी है। 
अवकाश >>उपलक्ष्य
18 जनवरी >>गुरु गोबिन्द सिंह जयंती 
15 फरवरी >>सर छोटूराम जयंती व पंचमी
25 फरवरी >>गुरुरविदास जयंती
7 मार्च >>महर्षि दयानंद जयंती
27 मार्च >>होली
19 अप्रैल >>रामनवमी
24 अप्रैल >>महावीर जयंती
11 जून >>महाराणा प्रताप जयंती
9 अगस्त >>ईद- उल-फितर
15 अगस्त >>स्वतंत्रता दिवस
28 अगस्त >>जन्माष्टमी 
23 सितंबर >>हरियाणा शहीदी दिवस
2 अक्टूबर >>महात्मा गांधी जयंती
16 अक्टूबर >>ईद-उल-जुहा 
18 अक्टूबर >>महर्षि वाल्मीकि जयंती
1 नवंबर >>हरियाणा दिवस
4 नवंबर >>विश्वकर्मा दिवस
25 दिसंबर >>क्रिसमस दिवस 
26 दिसंबर >>शहीद उद्यम सिंह जयंती 
शनिवार और रविवार को पड़ने वाले हैं:
26 जनवरी गणतंत्र दिवस, 10 मार्च महाशिवरात्रि, 23 मार्च भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव शहीदी दिवस, 13 अप्रैल बैसाखी, 14 अप्रैल डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती, 12 मई भगवान परशुराम जयंती, 23 जून संत कबीर जयंती, 10 अगस्त तीज, 5 अक्टूबर महाराजा अग्रसेन जयंती, 13 अक्टूबर दशहरा, 3 नवंबर दिवाली तथा 17 नवंबर गुरुनानक जयंती शामिल हैं।
वैकल्पिक अवकाश 
25 जनवरी ईद-ए-मिलाद/मिलाद->>उल-नबी 
29 मार्च >>गुड फ्राइडे 
25 मई >>बुद्ध पूर्णिमा 
12 जून  >>गुरु अजरुन देव शहीदी दिवस 
31 जुलाई  >>शहीद उद्यम सिंह शहीदी दिवस 
20 अगस्त  >>रक्षाबंधन 
22 अक्टूबर  >>करवा चौथ 
3 नवंबर  >>गोवर्धन पूजा 
14 नवंबर  >>मुहर्रम 
24 नवंबर  >>गुरु तेग बहादुर शहीदी दिवस।

Tuesday, 11 December 2012

रेशनेलाइजेशन की नीति में संशोधन पर बनी सहमति

हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ और शिक्षा विभाग की रेशनलाइजेशन कमेटी के बीच हुई बैठक में रेशनेलाइजेशन की नीति में अध्यापकों और विद्यार्थियों के हितों के मद्देनजर जरूरी संशोधन करने पर सहमति बन गई है। शिक्षा सदन पंचकूला में हुई बैठक में अध्यापक संघ की ओर से राज्य अध्यक्ष वजीर सिंह, महासचिव सीएन भारती, कोषाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद, उप महासचिव सुरजीत सिंह, संगठन सचिव बलवीर सिंह, प्रेस सचिव महीपाल सिंह चमरोड़ी एवं मुख्य सलाहकार जरनैल सिंह सांगवान ने भाग लिया। शिक्षा विभाग की तरफ से संयुक्त निदेशक बीआर वत्स, एपीओ जीएल सिंगला, खंड शिक्षा अधिकारी विनय कुमार, शमशेर सिंह व ईश्वर सिंह ने बैठक में भाग लिया। अध्यापक संघ के महासचिव सीएन भारती ने बताया कि बैठक में प्रत्येक कक्षा में 40 विद्यार्थी होने और 11 बच्चे अतिरिक्त होने पर नया सेक्शन बनाने का सुझाव रखा गया। 51 बच्चों पर दूसरा, 91 पर तीसरा, 131 पर चौथा व इसी क्रम में आगे सेक्शन बनाने की मांग की गई है। गणित व विज्ञान विषयों के 10 साप्ताहिक पीरियड, हिंदी सहित शेष सभी विषयों के 8 साप्ताहिक पीरियड, कंप्यूटर शिक्षा के 6, लाइब्रेरी व कक्षा इंचार्ज कार्य के 4-4 पीरियड निर्धारित करने का सुझाव दिया गया है। लाइब्रेरी तथा कक्षा इंचार्ज के पीरियड को संबंधित प्राध्यापक के साप्ताहिक वर्कलोड में शामिल करने की बात कही गई है। संघ ने पूर्व में प्राध्यापक के साप्ताहिक वर्कलोड को बढ़ाने के फैसले की निंदा की।

शिक्षा निदेशकों को अवमानना नोटिस

तीन माह में पदोन्नति से मिडिल स्कूल हेडमास्टरों के पद नहीं भरने पर माननीय पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने माध्यमिक स्कूल शिक्षा निदेशक व मौलिक शिक्षा निदेशक को कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी किया है। इस मामले में अगली सुनवाई 30 जनवरी को होगी। 
जींद निवासी कर्ण सिंह ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में जनहित याचिका डाली थी। इस पर गत 20 मार्च को हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि सभी मिडिल स्कूलों में हेडमास्टरों के पद सृजित किए जाएं। जवाब में सरकार ने एफीडेविट देकर 5548 पद सृजित करने तथा तीन माह में इन्हें मास्टर कैडर से पदोन्नत करके भरने की बात कही थी। लेकिन 20 जून को अंतिम समय सीमा गुजरने के बाद भी सरकार ने पदोन्नति से कोई पद नहीं भरा गया। इस पर कर्ण सिंह ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका डाली थी। इस पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने निदेशक माध्यमिक शिक्षा अरुण गुप्ता व मौलिक शिक्षा निदेशालय डॉ. अभय यादव को नोटिस जारी किया है।

Sunday, 9 December 2012

अन्य राज्यों से पात्रता परीक्षा पास को राहत

समय पर अध्यापक पात्रता परीक्षा आयोजित नहीं करने पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। साथ ही, सीबीएसई व अन्य राज्यों से अध्यापक पात्रता परीक्षा पास करने वाले दर्जनों उम्मीदवारों को राहत देते हुए उनको प्रोविजनल तौर पर जेबीटी परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी है।
चीफ जस्टिस एक सिकरी व जस्टिस एजी मसीह की खंडपीठ के समक्ष अलग-अलग ऐसे कई मामले आए जिसमें मांग की गई कि उन्होंने अध्यापक पात्रता परीक्षा अन्य राज्यों से पास की हुई है। दोनों खंडपीठ ने अलग-अलग मामलों पर सुनवाई करते हुए सरकार द्वारा वर्तमान में जेबीटी भर्ती में ऐसे सभी उम्मीदवारों को राहत देते हुए भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने की छूट दे दी, जिसने अन्य राज्यों से अध्यापक पात्रता परीक्षा पास की हुई थी। ऐसे उम्मीदवारों में सीबीएसई, यूपी से परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों की संख्या ज्यादा थी।
याचिकाकर्ता की वकील अलका चतरथ ने प्रदेश सरकार द्वारा समय पर अध्यापक पात्रता परीक्षा न करवाने के कारण ऐसे उम्मीदवारों को भाग लेने की कोर्ट से मांग की थी जिन्होने कही से भी अध्यापक पात्रता परीक्षा पास की हुई हो। 
हिसार की सरोज शर्मा व अन्य द्वारा दायर एक अन्य याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने हजारों अध्यापक के पदों के लिए विज्ञापन तो निकाल दिए लेकिन उसने नियमों का पालना नहीं किया। एनसीटीई के अनुसार सरकार को हर साल एक बार अध्यापक पात्रता परीक्षा का आयोजन करना पड़ता है लेकिन हरियाणा में पिछले तीन साल केवल में केवल एक बार यह परीक्षा हुई है जिस कारण हजारों टीचर इस परीक्षा से वंचित रह गए।

Friday, 7 December 2012

सरकारी कॉलेजों में टीचिंग स्टाफ का टोटा

*लिपिकीय स्टाफ की नियुक्ति 1974 के बाद नहीं हुई।
*राज्य के तीस कॉलेजों में नहीं हैं इस समय प्रिंसिपल दूसरे स्थानों पर ज्वाइनिंग की पर्मिशन भी नहीं 
*एचपीएससी को भेजी डिमांड
राज्य का ‘शिक्षा विभाग’ भले ही कितने भी दावे क्यों न करे, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। प्रदेश में उच्च शिक्षा देने के लिए खोले गए राजकीय कॉलेज इन दिनों टीचिंग, नॉन टीचिंग स्टाफ के अलावा प्रिंसिपलों का टोटा झेल रहे हैं। कई कॉलेज में तो मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं। विद्यार्थियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उच्च शिक्षा विभाग में फाइल खिसकने की प्रक्रिया, भर्ती प्रक्रिया के लिए लंबा चौड़ा झमेला सारा कुछ विद्यार्थियों, शिक्षकों व इस विभाग के अफसरों के लिए झमेला बना गया है। सूत्रों के अनुसार राजकीय कॉलेज में लिपिकीय वर्ग के कुछ पद तो ऐसे हैं, जिन पर 1974 के बाद नियुक्ति ही नहीं हुई। कॉलेज में 350 गेस्ट टीचर काम कर रहे हैं। कईकॉलेज में नियमों को ताक पर रखकर इन्हें एडजस्ट किया है। करीब 80 कॉलेज ऐसे हैं। 30 में तो प्रिंसिपल नहीं हैं। टीचिंग स्टाफ की कमी देखते हुए 1035 पोस्टों को भरने के लिए एचपीएससी से डिमांड की है। हाल ही में 19 पदों पर भर्ती की गई हैं।
कुछ स्टाफ2013 में होगा रिटायर 
कुछ स्टाफ मार्च 2013 में रिटायर होने जा रहा है। टीचिंग के लिए 3320 स्वीकृत पोस्ट हैं। कुछ लोगों को सर्विस विस्तार कर एक्सटेंशन पर रखा है। महाविद्यालयों में लैब अस्टिेंट के 110 पद, 10 पद हास्टल सुपरीटेंडेंट के खाली पड़े हैं।
अधिकारियों ने नहीं दिखाई गंभीरता
हरियाणा राजकीय कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के प्रधान इकबाल सिंह संधू का कहना है कि कॉलेज में स्टाफ की कमी के बारे में कई अधिकारियों को ज्ञापन दिए हैं। उसके बावजूद अधिकारियों द्वारा इस मामले पर गंभीरता नहीं दिखाई गई।- योगेंद्र शर्मा. चंडीगढ़
कुछ कॉलेजों को मिलेंगे प्रिंसिपल
राज्य के जिन कॉलेजों में प्रिंसिपलों की कमी बनी हुई है, उन्हें जल्द ही प्रिंसिपल मिल जाएंगे। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि काफी संख्या में पदोन्नति हुई हैं, जिसके बाद में खाली पड़े पदों को भर लिया जाएगा। एचपीएससी को भेजी डिमांड  राज्य के उच्च शिक्षा विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर कहा कि पूर्व में 2011-12 में 497 में भर्तियां की गई थीं। अब 1035 पोस्टों के लिए हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन को डिमांड भेज दी गई है, वहां भी प्रक्रियां में समय लगता है। जिसके बाद ही कॉलेजों में स्टाफ की कमी को पूर्ण किया जा सकेगा। यह डिमांड मार्च 2013 तक होने वाली सेवानिवृत्ति को ध्यान में रखकर भेजी गई है, इसके अलावा टीचिंग भर्ती में कुछ नये नियम बनाए गए हैं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। इस कारण से भी कुछ समय भर्ती में समस्याएं रही हैं। 


डिस्टेंस एजुकेशन सेंटर बंद करने की नोटिफिकेशन जारी

प्रदेश के चार बड़े विश्वविद्यालय कभी नहीं कर पाएंगे डिस्टेंस कोर्सों में नए एडमिशन, लाखों छात्रों का भविष्य अधर में
हरियाणा सरकार ने विधानसभा में पास किए गए डिस्टेंस एजुकेशन सेंटर बंद करने संबंधी फैसले की गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दी है। विधानसभा में रखे गए मामले और अब जारी की गई नोटिफिकेशन में काफी अंतर है। नोटिफिकेशन को देखकर सभी खासे परेशान हैं। इसके अनुसार अब महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय और भक्त फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय सोनीपत में से कोई भविष्य में कभी भी डिस्टेंस कोर्सों में नए एडमिशन नहीं कर सकेगा। इन चारों विश्वविद्यालयों को अपनी सारी डिस्टेंस ब्रांच बंद करनी पड़ेंगी। 
"गजट नोटिफिकेशन की कॉपी अभी नहीं मिली, लेकिन अगर उसमें डिस्टेंस एजुकेशन को बंद करने की बात कही गई है तो यह हरियाणा में शिक्षा जगत का सबसे काला दिन होगा।" -आरके शर्र्मा, निदेशक, डिस्टेंस एजुकेशन ब्रांच, केयू 
जब तक इस मामले में मुख्यमंत्री या शिक्षा मंत्री का बयान नहीं आ जाता तब तक इस मामले में संशय की स्थिति बरकरार रहेगी। क्योंकि फिलहाल गजट नोटिफिकेशन की जो कॉपी आई है वो सिर्फ अंग्रेजी में है। इसमें यह स्पष्ट नहीं है कि सरकार डिस्टेंस एजुकेशन को बंद करने का आदेश दे रही है या विश्वविद्यालयों को सलाह दे रही है। अगर यह सलाह है तो कोई भी विश्वविद्यालय डिस्टेंस एजुकेशन को बंद नहीं करना चाहेगा। 
विश्वविद्यालयों की कमाई का सबसे बड़ा साधन डिस्टेंस एजुकेशन ही है। एमडीयू जैसे विश्वविद्यालयों की स्थिति तो ऐसी है कि अगर डिस्टेंस एजुकेशन ब्रांच बंद हो जाएगी तो स्टॉफ को सैलरी देने में भी विश्वविद्यालय प्रबंधन को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। विश्वविद्यालय के साथ-साथ कॉलेजों को भी डिस्टेंस कोर्सों में एडमिशन से अच्छी खासी कमाई होती थी। अब कॉलेजों की कमाई भी खत्म हो जाएगी। 
अकेले एमडीयू से हर साल करीब डेढ़ लाख छात्र डिस्टेंस कोर्स से पढ़ाई करते हैं। डिस्टेंस के तहत वही छात्र पढ़ाई करते हैं जिन्हें रेगुलर कोर्सों में एडमिशन नहीं मिलता और जो जॉब के साथ पढ़ाई भी करना चाहते हैं। अगर विश्वविद्यालयों की डिस्टेंस एजुकेशन ब्रांच ही बंद हो जाएंगी तो ऐसे छात्रों को क्या अब उच्चत्तर शिक्षा से महरूम ही रहना पड़ेगा। इस सवाल का जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है। 
*पहले विधानसभा में हुआ था डिस्टेंस सेंटर बंद करने का फैसला 
*विश्वविद्यालयों को अपनी डिस्टेंस ब्रांच बंद करनी पड़ेगी 
*छात्रों  को अब उच्चत्तर शिक्षा के लिए दूसरे राज्यों की राह पकडऩी होगी

"गजट नोटिफिकेशन की कॉपी मिल गई है। शायद सरकार डिस्टेंस एजुकेशन को बंद करना चाहती है, लेकिन स्पष्ट तौर पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।" -एनके गर्ग, निदेशक, डिस्टेंस एजुकेशन ब्रांच, एमडीयू 

Wednesday, 5 December 2012

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जेबीटी भर्ती के लिए बीएड पात्रता नहीं: उच्च न्यायालय

बीएड पास उम्मीदवारों को तगड़ा झटका, सभी याचिकाएं खारिज 
प्राइमरी शिक्षक के लिए बीएड को पात्रता नहीं ठहराया जा सकता। इस संबंध में दाखिल अलग-अलग याचिकाओं को खारिज करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि प्राइमरी शिक्षक के लिए मूल पात्रता ईटीटी अथवा जेबीटी है। ऐसे में बीएड को पात्रता नहीं ठहराया जा सकता। दायर संबंधित याचिकाओं में कहा गया कि हरियाणा सरकार के शिक्षा विभाग ने 8 नवंबर 2012 को प्राइमरी शिक्षकों के 8763 पदों के लिए आवेदन मांगे थे। 
इन पदों के लिए बीएड करने वाले उम्मीदवारों को योग्य नहीं ठहराया गया। याचिका में कहा गया कि इस संबंध में हरियाणा प्राइमरी स्कूल एजूकेशन (ग्रुप सी) के डिस्ट्रिक्ट कैडर सर्विस रूल्स 2012 की उस धारा को खारिज किया जाए जिसमें बीएड को प्राइमरी शिक्षक की नियुक्ति के लिए पात्रता नहीं माना गया है। याचियों की तरफ से कहा गया कि उन्होंने राज्य पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण कर रखी है और वे सभी बीएड हैं। 
ऐसे में उन्हें भी इन पदों के लिए योग्य माना जाए। हरियाणा सरकार की तरफ से कहा गया कि प्राइमरी शिक्षक के लिए मूल पात्रता ईटीटी अथवा जेबीटी है। ऐसे में बीएड अतिरिक्त योग्यता तो हो सकती है लेकिन इसे मूल पात्रता नहीं समझा जा सकता। याचियों की तरफ से मांग की गई कि उन्हें प्रोविजनल तौर पर ही सही पदों के लिए पात्र माना जाए लेकिन चीफ जस्टिस अरजन कुमार सीकरी व जस्टिस राकेश कुमार जैन की खंडपीठ ने दलीलों को नकारते हुए सभी याचिकाएं खारिज कर दी। 
प्रदेश में करीब 15 हजार बीएड पास उम्मीदवारों के लिए जेबीटी भर्ती में शामिल होने की सिर्फ एक उम्मीद प्रदेश सरकार है। 23 अगस्त 2010 में सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर बीएड पास को जेबीटी के लिए योग्य माना था। बीएड पास वालों के लिए जेबीटी लगने की तिथि जनवरी 2012 ही निर्धारित की थी। यानी जनवरी 2012 तक ही बीएड पास जेबीटी भर्ती के योग्य माने गए। कोर्ट ने अपने फैसले में यह संभावना छोड़ी है कि यदि प्रदेश सरकार उसी डेडलाइन को बढ़ाने के लिए नेशनल कौंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) से बात करें और वहां से मंजूरी मिले तो बीएड उम्मीदवार भर्ती में शामिल हो सकते हैं। सुमन बाला व अन्य ने बीएड पास उम्मीदवारों की ओर से याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने 18 नवंबर की सुनवाई में बीएड को प्रोविजनल तौर पर योग्य माना था। जेबीटी उम्मीदवारों की ओर से 30 नवंबर को इसमें पार्टी बनने को अपील की। राज्य में करीब 18 हजार जेबीटी हैं।

कुवि ने बदली तीन पेपरों की परीक्षा तिथि

कुरुक्षेत्र : कुवि प्रशासन की ओर से तीन कक्षाओं के तीन पेपरों की परीक्षा तिथियों में बदलाव किया गया। इसकी जानकारी कुवि की वेबसाइट पर भी डाल दी गई है। परीक्षा नियंत्रक डॉ. हुकम सिंह ने बताया कि प्रशासन द्वारा एमएससी इलेक्ट्रोनिक साइंस प्रथम सेमेस्टर पेपर संख्या ईएल-102 की परीक्षा तिथि में बदलाव किया गया है। 27 दिसंबर वाली परीक्षा अब 4 जनवरी को होगी। 
एमए. फिलोस्पी रिजनिंग का पेपर-1 प्रिंसिपल ऑफ लॉजिक 27 दिसंबर 2012 के स्थान पर अब 2 जनवरी 2013 को तथा पेपर-2 एप्लाइड रिजनिंग 31 दिसंबर 2012 के स्थान पर अब 5 जनवरी 2013 को आयोजित होगा। परीक्षा केंद्र एवं समय में बदलाव नहीं किया गया है।

ई-वेतन प्रणाली के माध्यम से मिलेंगे कर्मचारियो के बिल

हरियाणा के वित्त विभाग ने ऐसे कर्मचारी, जिन्हें अभी तक सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) या स्थाई सेवानिवृत्त खाता संख्या (प्रैन)आवंटित नहीं हुआ है, के मामलों में ई-वेतन प्रणाली के तहत वेतन बिल पास करने की एक सुविधा सृजित की है।
सरकारी कर्मचारियों के सभी वेतन बिल केवल ई-वेतन प्रणाली के माध्यम से प्रेषित किए जाएंगे और खजाना द्वारा कोई भी दस्ती बिल स्वीकार नहीं किया जाएगा। प्रवक्ता ने बताया कि कर्मचारी जिन्हें जीपीएफ या प्रैन अवंटित नहीं हुआ है, के मामलों में प्रणाली में केवल दो महीनों के वेतन बिल पास करने की ही अनुमति होगी। बेहराल, उसके उपरान्त प्रणाली में जीपीएफ या प्रैन संख्या डाले बिना कोई भी वेतन बिल पास नहीं होगा। अत:सम्बन्धित आहरण एवं वितरण अधिकारी का यह दायित्व होगा कि वह इस अवधि के भीतर जीपीएफ या प्रैन का आवंटित होना सुनिश्चित करें ताकि कर्मचारी को कोई असुविधा न हो। आहरण एवं वितरण अधिकारियों को किसी भी कर्मचारी का पैन देखने की सुविधा पहले भी उपलब्ध करवाई जा चुकी है, ताकि ई-वेतन वेबसाइट पर जानकारी ले सके।

Monday, 3 December 2012

30 जनवरी तक मिलेंगे हेडमास्टर

हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष रमेश मलिक ने कहा कि प्रदेश सरकार की 30 जनवरी तक प्रदेश के सभी 5548 मिडिल स्कूलों में मुख्याध्यापक नियुक्त करने की तैयारी हो चुकी है। यही नहीं मिडिल हेड की प्रोमोशन के लिए सरकार ने अंकों की शर्त वापस ले ली है। अब पदोन्नति भी केवल वरिष्ठता के आधार पर होगी। एसो. अध्यक्ष मलिक रविवार को शहर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में जिले के प्रतिनिधि सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। एसोसिएशन अध्यक्ष मलिक ने सम्मेलन में कहा कि लंबे समय से लटके वेतन की समस्या का आगामी 10 दिनों में स्थायी समाधान करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने तीन दिसम्बर से स्कूलों के समय में बदलाव का स्वागत किया, वहीं जोड़ा कि स्कूलों का नया समय सुबह 9 बजे से सायं 3.30 बजे के स्थान पर 3 बजे तक का होना चाहिए। मौलिक शिक्षा के निदेशक से हुई बातचीत में जहां सरकार कक्षा 6 से 8 के लिए रेशनेलाइजेशन को 1:50 के स्थान पर 1:35 से करने के लिए तैयार हो गई, वहीं मिडिल हेड को द्वितीय र्शेणी का दर्जा प्रदान करने और आगामी पदोन्नति प्राचार्य के पद पर करने के लिए भी मान गई। कार्यक्रम का संचालन प्रदेश सचिव सत्य नारायण शर्मा ने किया। जिलास्तरीय प्रतिनिधि सम्मेलन में रमेश मलिक, राजेन्द्र नेहरा, सुशील कुमार, राजेन्द्र पालीवाल और रवीन्द्र कुमार ने भी विचार व्यक्त किए।

प्राध्यापकों के चयन में हुआ गोलमाल!

झज्जर : हरियाणा लोक सेवा आयोग की तरफ से राजनीति शास्त्र के प्राध्यापकों के चयन में गोलमाल देखने को मिला है। जो सूची बनाई गई है उसमें कुछ ऐसे उम्मीदवारों के नाम भी हैं जिनका नाम विभाग द्वारा पहले जारी की गई थ्री टाइम जोन की सूची में नहीं था। खास बात है कि इस सूची के आधार पर ही उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था।
यह नियुक्तियां बैकलाग (एससी) कैटेगरी को पूरा करने के लिए की गई थीं। विज्ञापन संख्या 4-2009 के आधार पर राजनीति शास्त्र तथा हिंदी के प्राध्यापकों की भर्ती के लिए 27 मार्च 2011 को स्क्रीनिंग टेस्ट कराया गया था। थ्री टाइम जोन (पदों से तीन गुणा अधिक उम्मीदवार) के आधार पर जो लिस्ट निकाली गई थी उसमें पुरुष वर्ग की कट ऑफ लिस्ट 53 थी तो महिला वर्ग की 48 थी। झांसवा निवासी विनोद ने बताया कि रोल नंबर 30, 194, 234, 292, 374 तथा 383 थ्री टाइम जोन की सूची में दर्ज नहीं थे, लेकिन अंतिम सूची में ये शामिल किए गए हैं। इन्हें ऊंची पहुंच के आधार पर मेधावी सूची में शामिल किया गया। इनके लिए योग्य उम्मीदवारों की अनदेखी कर हरियाणा लोक सेवा आयोग ने नियमों का मजाक उड़ाया है। उनका कहना है कि थ्री टाइम जोन की सूची में उन उम्मीदवारों को शामिल किया गया था जो स्क्रीनिंग टेस्ट पास करके आए थे। दैनिक जागरण के पास मौजूद थ्री टाइम जोन की सूची में वाकई में वो रोल नंबर शामिल नहीं थे जो विभाग की अंतिम सूची में हैं।


सेवानिवृत्त शिक्षक करेंगे री-चेकिंग

 पिछली परीक्षाओं के दौरान शिक्षकों ने उत्तरपुस्तिकाओं की जांच के कार्य का बहिष्कार किया था। इससे परिणाम में देरी होने की भी नौबत आ गई थी।शिक्षक जांच राशि बढ़वाने व अन्य मांगें कर रहे थे। इसके अलावा बोर्ड कर्मचारियों पर भी कार्य का अतिरिक्त बोझ नहीं आएगा। पिछले दिनों हुई बोर्ड अधिकारियों की बैठक में री-चेकिंग का कार्य सेवानिवृत्त शिक्षकों, प्राध्यापकों से कराने का निर्णय लिया गया। सेमेस्टर सिस्टम लागू होने के बाद रि-चेकिंग होने वाली उत्तरपुस्तिकाओं की संख्या भी काफी बढ़ गई है। सेकंडरी व सीनियर सेकंडरी की रि-चेकिंग होने वाली उत्तरपुस्तिकाओं की संख्या भी हजारों में होती है। इसलिए उत्तरपुस्तिकाओं की समय पर रि-चेकिंग करवाना हमेशा ही बोर्ड के लिए चुनौती रहा है। इस बार पहले ही योजना बनाने से रि-चेकिंग का कार्य समय पर पूरा होने की उम्मीद है।
"हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड अधिकारियों की बैठक में रि-चेकिंग के मुद्दे पर विचार- विमर्श हुआ था। अब सेवानिवृत्त शिक्षकों से रि-चेकिंग कराने का निर्णय लिया है। इससे स्टाफ सदस्यों पर भी काम का बोझ नहीं आएगा और काम भी जल्दी हो जाएगा।" डीके बेहरा, सचिव हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड

100 करोड़ रुपए के ड्यूल डेस्क खरीद का ऑर्डर

प्रदेश की शिक्षामंत्री गीता भुक्कल ने कहा कि प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में विद्यार्थी जमीन पर न बैठें। इसके लिए विभाग की ओर से सार्थक कदम उठाते हुए करीब 100 करोड़ रूपए से अधिक लागत के ड्यूल डेस्क की खरीद का आर्डर दिया है, जिसकी जल्द ही सप्लाई प्रदेश के स्कूलों में शुरू हो जाएगी। भुक्कल रविवार को झज्जर में अपने निवास स्थान पर क्षेत्र के लोगों से रूबरू होने के बाद विभिन्न विकासात्मक पहलुओं की जानकारी दे रही थीं। उन्होंने कहा कि राजकीय विद्यालयों में बेहतर शैक्षणिक माहौल प्रदान करने के लिए सरकार की ओर से ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। शिक्षामंत्री भुक्कल ने कहा कि मुख्यमंत्री सौंदर्यकरण पुस्कार योजना के अंतर्गत अब प्रदेश के स्कूलों में बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं, साथ ही स्कूल प्रशासन के साथ-साथ स्कूल प्रबंधन समितियों की भी सक्रिय भागीदारी से स्कूलों का स्वरूप बदला जा रहा है। प्रयास है कि स्कूल के कमरों में कोई विद्यार्थी जमीन पर न बैठे इसके लिए फर्नीचर की पूर्ण व्यवस्था की जा रही है। इतना ही नहीं स्कूली बच्चों के साथ ही उनके शिक्षकों को भी बेहतर इंफ्रास्टक्चर प्रदान करने के लिए राज्य सरकार कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि राजकीय विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षा प्रदान करने के लिए भी रूपरेखा तैयार कर ली गई है।

Sunday, 2 December 2012

एचटेट-2011 के प्रश्न-पत्र होंगे साइट पर अपलोड

भिवानी। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को एचटेट (स्कूल टीचर एलिजिब्लिटी टेस्ट) 2011 के सभी परीक्षार्थियों के प्रश्न-पत्र और उत्तरपुस्तिकाएं वेबसाइट पर डालनी होंगी। यह आदेश पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य सूचना आयोग के आदेशों पर बोर्ड की ओर से डाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं। बोर्ड की याचिका को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। 2011 में हुई एचटेट परीक्षा में करीब सवा चार लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। परीक्षा के बाद अभ्यर्थियों ने प्रश्न पत्र, उत्तर पुस्तिका के लिए आरटीआई लगाई थी। बोर्ड ने इंकार किया तो अभ्यर्थियों ने प्रथम व द्वितीय अपील के माध्यम से राज्य सूचना आयोग के समक्ष अपनी मांग पहुंचाई। राज्य सूचना आयोग ने जून माह में हरियाणा विद्यालय शिक्षाबोर्ड को सभी अभ्यर्थियों के प्रश्न पत्र व उत्तरपुस्तिकाबोर्ड की वेबसाइट पर डालने केआदेश दिए। बोर्ड ने आदेशों कीपालना में असमर्थता जताते हुए आरटीआई लगाने वाले उम्मीदवारों को प्रश्न-पत्र व उत्तरपुस्तिका जांच के लिए दिखाने का निर्णय लिया और सितंबर माह में प्रश्न-पत्र व उत्तरपुस्तिका दिखाने की कार्रवाई शुरू हुई। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने राज्य सूचना आयोग केइस फैसले के खिलाफ चार सितंबरको पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका की। याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया। न्यायाधीश राजेश बिंदल ने बोर्ड को जल्द सभी प्रश्न-पत्र व उत्तर पुस्तिकाएं वेबसाइट पर डालने के आदेश दिए हैं। 

KUK: 20 प्रतिशत अंक होने पर ही पुनर्मूल्यांकन

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के फैसले से हजारों विद्यार्थियों का भविष्य अधर में:
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के नए नियम हजारों विद्यार्थियों के भविष्य में रोड़ा बन रहे हैं। क्योंकि 20 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त विद्यार्थी ही पुनर्मूल्यांकन करा सकता है, जबकि 20 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त विद्यार्थी रि-चेकिंग करा सकते हैं। ऐसे में हजारों विद्यार्थियों का भविष्य यूनिवर्सिटी के इन नए नियमों से प्रभावित हैं। जबकि यूनिवर्सिटी में पुनर्मूल्यांकन कराने पर विद्यार्थियों के अंक 17 से 54 अंक तक हुए हैं। 
यहां फंसा पेंच : रि-चेकिंग और पुनर्मूल्यांकन कराने के लिए अंक प्रतिशत की कंडीशन विद्यार्थियों को परेशान कर रही है। जबकि मार्च 2012 से पहले ऐसी कंडीशन नहीं थी। इस कंडीशन को विद्यार्थी पेपर मार्किंग की पारदर्शिता पर अंकुश मान मन रहे हैं। क्योंकि अब वे सभी विद्यार्थी जो फेल हो चुके हैं, अपनी उत्तरपुस्तिका का पुनर्मूल्यांकन नहीं करा सकते हैं। विश्वविद्यालय के नए नियमों के अनुसार जिन विद्यार्थियों के थ्योरी के पेपर में 20 प्रतिशत से कम अंक हैं तो वे रि-चेकिंग करा सकते हैं तथा जिनके अंक 20 प्रतिशत से अधिक होंगे तो वे रि-वेल्युएशन करा सकते हैं। विद्यार्थियों के अनुसार इस तरह की कंडीशन विद्यार्थियों के हित में नहीं है। 
बहुत से ऐसे विद्यार्थी थे जो अच्छे माक्र्स होते हुए भी पुनर्मूल्यांकन का फार्म भर देते थे। ऐसे में विश्वविद्यालय पर वर्कलोड बढ़ जाता था। जबकि रिजल्ट भी समय पर देने होते हैं। ऐसे में वे ही विद्यार्थी फार्म भरें, जिनको इसकी जरूरत होती है। इसलिए यह नई व्यवस्था की गई है। देवेंद्र सचदेवा, पीआरओ, केयू 
एक समस्या यह भी 
प्रश्न उठता है कि अगर किसी विद्यार्थी के अंक 20 प्रतिशत से कम हैं तो उसे री-चेकिंग के लिए फार्म भरना पड़ेगा। ऐसे में यदि उसके अंक बढ़कर 20 प्रतिशत से ज्यादा हो जाता है तो क्या फिर उसे रि-वेल्युएशन का फार्म भरना पड़ेगा। क्या वह रिवेल्युएशन करने का पात्र होगा। अगर फार्म भरेगा तो पुनर्मूल्यांकन का रिजल्ट कब आएगा। इस स्थिति में विद्यार्थी का भविष्य क्या रहेगा। 
 ... तो नहीं भर पाते फार्म 
यूनिवर्सिटी में अपने पेपर की पुनर्मूल्यांकन कराकर जो विद्यार्थी 17 अंकों के बावजूद पास हुए हैं। अगर यह नियम पहले से होते तो उक्त विद्यार्थियों के माक्र्स बढऩा तो दूर वह तो फार्म भी नहीं भर पाते। विद्यार्थियों को आरोप है कि केयू ने अपनी खामियों को ठीकरा विद्यार्थियों के सिर फोड़ दिया है।

Saturday, 1 December 2012

प्रदेश में स्कूलों का समय बदला

सर्दियों के मद्देनजर प्रदेश के सरकारी व मान्यता प्राप्त स्कूलों का समय परिवर्तित कर दिया गया है, लेकिन शिक्षक संगठन विभाग के इस फैसले से नाखुश हैं।
3 दिसंबर से लागू नई समयसारिणी 28 फरवरी 2013 तक जारी रहेगी। इसके अनुसार स्कूल सुबह 9 बजे खुलेंगे और 3.30 बजे बंद होंगे। पहले सुबह आठ बजे स्कूल खुलते थे और ढ़ाई बजे बंद होते थे। शिक्षकों को हाजिरी लगाने के लिए 15 मिनट पहले 7.45 बजे स्कूल आना अनिवार्य था। 1 अप्रैल 2012 से लागू की गई यह व्यवस्था इस बार भी बरकरार रखी गई है या नहीं, इस बारे में शिक्षा विभाग ने स्पष्ट नहीं किया है।
गैर सहायता प्राप्त प्राइवेट स्कूल सरकार के इन आदेशों के दायरे में नहीं आते हैं। अलबत्ता उन्हें भी सर्दी के कारण बच्चों के हित में स्कूलों के समय में बदलाव की सलाह दी गई  हैं।

Friday, 30 November 2012

14 दिसंबर को घोषित होगा 10वीं और 12वीं का प्रथम सेमेस्टर का परिणाम

हरियाणा शिक्षा बोर्ड की 10वीं व 12वीं कक्षाओं के प्रथम सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम 14 दिसंबर को घोषित किया जाएगा। पिछले दिनों बोर्ड सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में परिणाम निकालने की तिथि 14 दिसंबर निर्धारित की गई। हरियाणा शिक्षा बोर्ड की ओर से सितंबर, अक्टूबर में 10वीं व 12वीं की परीक्षा ली गई थी। करीब 9,24,828 परीक्षार्थियों ने परीक्षा थी। 10वीं के 5,05,572 व 12वीं के 3,69,065 परीक्षार्थी शामिल थे। 212 उडऩदस्तों ने सैकड़ों परीक्षार्थियों को अनुचित साधन प्रयोग करते पकड़ा और केस बनाए। पिछले महीनेभर से ही बोर्ड की परीक्षाओं के परिणाम का इंतजार किया जा रहा था तथा बार-बार संभावित तिथियां बताई जा रही थी। बोर्ड परीक्षाओं का परीक्षा परिणाम समय पर निकालने के लिए बोर्ड सचिव डीके बहरा ने बोर्ड अधिकारियों की बैठक ली और दोनों कक्षाओं का परिणाम जल्द तैयार करने के निर्देश दिए।
हरियाणा शिक्षा बोर्ड सचिव ने परिणाम शाखा को दिए तुरंत रिजल्ट तैयार करने के निर्देश 
"हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की सेकंडरी व सीनियर सेकंडरी परीक्षाओं का परिणाम 14 दिसंबर को घोषित किया जाएगा। परिणाम के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को सभी कार्य निपटाने के निर्देश दिए है।"          डीके बेहरा, सचिव हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड

मंत्री और शिक्षकों के बीच '45 मिनट' पर ठनी

1दिसंबर से 27 हजार से ज्यादा स्कूलों का समय क्या हो, इस पर विवाद 
शिक्षामंत्री गीता भुक्कल और राज्य के अध्यापकों के बीच '45 मिनट' को लेकर बुरी तरह ठन गई है। प्रदेश के 28 हजार स्कूलों का समय पहली दिसंबर से चार महीने के लिए बदलना है। यह समय कब से कब तक हो, इसी को लेकर दोनों पक्ष अड़े हुए हैं। भुक्कल के अड़ जाने पर शिक्षकों ने फैसला किया है कि अब वह मुख्यमंत्री से मिलकर हस्तक्षेप का आग्रह करेंगे। 
प्रदेश के 17 हजार सरकारी और नौ हजार से ज्यादा निजी स्कूलों का समय पहली दिसंबर से बदलेगा। इन स्कूलों में करीब 30 लाख बच्चे पढ़ते हैं। वर्तमान में स्कूलों का समय सुबह आठ से दोपहर ढाई बजे तक है। शिक्षक चाहते हैं कि पहली दिसंबर से इसे सुबह 9 बजे से अपराह्न 3 बजे तक कर दिया जाए। दूसरी ओर शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल दो टूक कह चुकी हैं कि समय सुबह 8.45 बजे से अपराह्न 3.30 बजे तक रहेगा। बस, इसी अतिरिक्त 45 मिनट को लेकर दोनों पक्ष अड़े हुए हैं। शिक्षक तो इसे अपने राज्यस्तरीय आंदोलन के एजेंडे में शामिल कर चुके हैं। 
सरकार अड़ी है : शिक्षक 
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वजीर सिंह व महासचिव सीएन भारती ने कहा, 'जब 9 बजे से 3 बजे तक का समय रखने पर छह घंटे में सारे पीरियड पूरे हो जाते हैं तो सरकार क्यों अड़ी है। 15 मिनट पहले टीचर्स की हाजिरी लगवाना भी गलत है। मंत्री हमारी बात नहीं मान रहीं इसलिए मुख्यमंत्री को पहल करनी चाहिए।' 
अब आगे क्या 
शिक्षक बेशक अड़े हो लेकिन स्कूलों का समय साढ़े छह घंटे से कम होना मुश्किल है। बीच का रास्ता निकालते हुए इसे सुबह 9 बजे से 3.30 बजे तक किया जा सकता है। टीचर्स को हाजिरी 15 मिनट पहले ही लगानी होगी। फैसले को लागू करने के लिए डीसी व डीईओ से स्कूलों की समय-समय पर जांच करने को कहा जा रहा है। 
पहली से बदलेगा समय :गीता 
शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने कहा कि पहली दिसंबर से समय बदलेगा। समय कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। फैसला लेते समय बच्चों का हित देखा जाएगा। 

Thursday, 29 November 2012

सेमेस्टर प्रणाली के खिलाफ फिर बजा बिगुल


रेवाड़ी.  शिक्षा के बोझ को सहज व कम करने के लिए लागू की गई सेमेस्टर प्रणाली अब विद्यार्थियों व  शिक्षकों को रास नहीं आ रही है। लगातार इस प्रणाली का विरोध करने के बाद भी अमल नहीं होने पर शिक्षकों ने अब आर-पार लड़ाई का ऐलान कर दिया है।
 शिक्षक संगठनों ने स्पष्ट तौर से चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने अप्रैल 2013 से इस प्रणाली को खत्म करने का जल्द ऐलान नहीं किया तो जल्द ही प्रदेश स्तर पर धरना प्रदर्शन के साथ हरियाणा भिवानी एजुकेशन बोर्ड का घेराव किया जाएगा।  
 सेमेस्टर प्रणाली के कमजोर आ रहे परिणामों को लेकर विभिन्न शिक्षक संगठनों ने रिपोर्ट तैयार की है जिसे दोबारा मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री को भेजा गया है। शिक्षक संगठनों का तर्क है कि पिछले तीन सालों से चल रही सेमेस्टर प्रणाली ने शिक्षा के स्तर को बजाय बेहतर करने के कमजोर कर दिया है। जिसके परिणामों की रिपोर्ट शिक्षा विभाग को भेजी जा चुकी है।  
बहुत हो चुका, जल्द करेंगे धरना-प्रदर्शन :
हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन लगातार 2008 से इस प्रणाली का विरोध करती आ रही है। एसोसिएशन के पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष अनिल यादव के मुताबिक विभाग के उच्च अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री के संज्ञान में नए सिरे से इस प्रणाली से कमजोर होती शिक्षा प्रणाली से अवगत कराया जाएगा।
 हम चाहते हैं कि सरकार दिसंबर माह तक यह स्पष्ट कर दें कि वह अप्रैल 2013 में नए शिक्षा सत्र से सेमेस्टर प्रणाली को लागू नहीं करेगी। अगर ऐसा नहीं हुआ तो प्रदेश के हजारों शिक्षक जिला व राज्य स्तर पर धरना प्रदर्शन के साथ साथ हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड का घेराव करेंगे।
क्या है शिक्षकों की मांग :
एसोसिएशन की मांग है कि परीक्षाएं पद्धति वार्षिक यानि एकल होनी चाहिए। इससे विद्यार्थी पढ़ाई के सबसे अनुकुल सितंबर से दिसंबर मध्यांतर तक के समय में परीक्षाओं की अच्छी तैयारी कर पाए। पुरानी शिक्षा पद्धति बेहतर रही है। उसी को नए सिरे से लागू होना चाहिए।
इस तरह बताया प्रणाली को गलत :  
शिक्षकों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रणाली के तहत साल में दो बार एग्जाम होते हैं। 
अप्रैल में दाखिला प्रक्रिया शुरू होती है। मई में गर्मी इतनी बेतहाशा होती है कि शिक्षा विभाग जून की ग्रीष्मकालीन छुट्टियों के बाद भी जुलाई-अगस्त तक दाखिला प्रकिया को चालू रखता है। 
सितंबर के मध्यांतर में प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं शुरू हो जाती है। जिसके समापन के बाद 15 दिनों तक मार्किग चलती है।
अक्टूबर माह इस प्रक्रिया में गुजर जाता है। नवंबर वर्ष का ऐसा महीना होता है जो पूरी तरह से फेस्टीवल सीजन होता है। इस माह का एक चौथा हिस्सा छुट्टियों में चला जाता है। 
20 दिसंबर तक पढ़ने का समय मिलता है। उसके बाद सर्दी की धुंध अपना असर दिखाना शुरू कर देती है। 
15 जनवरी तक इसका असर रहता है। अधिकांश सरकारी स्कूलों में बिजली की समस्या के कारण पढ़ाई पूरी तरह से बाधित रहती है। 
फरवरी माह पढ़ाई के लिए मिलता है और मार्च में सेमेस्टर की फाइनल परीक्षा होती है।
रिपोर्ट में इस प्रणाली के दूसरे बड़े  दुष्प्रभाव को भी उल्लेखित किया गया है जिसमें बताया गया है कि इस प्रणाली से विद्यार्थी पूरे साल में एक विषय को पूरी तरह से रिवाइज नहीं कर पाता है। पहले सेमेस्टर के बाद वह शेष रह गए सिलेबस को पूरा करने की तैयारी में जुट जाता है। नतीजा पीएमटी व ट्रिपल आईटी के राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में सिलेबस की आधी अधूरी जानकारी के कारण पोजीशन लेने से रह जाता है।

जेबीटी भर्ती विवाद : आज खोला जाएगा सील रिकॉर्ड

भिवानी.  जेबीटी भर्ती में हुई गड़बड़ी और फर्जी तरीके से पात्रता परीक्षा पास कर जेबीटी शिक्षक लगने वालों की सही मामले में जांच गुरुवार से शुरू होगी। इस दौरान पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर सील रिकॉर्ड को खोलकर उम्मीदवारों के आवेदन फार्म, ओएमआर सीट व हाजिरी सीट पर लगाए अंगूठों का मिलान किया जाना शुरू होगा। 
हाईकोर्ट के निर्देश पर बोर्ड के रिकॉर्ड को सील कर उपायुक्त की निगरानी में पंचायत भवन में रखवाया गया था। मामले की जांच मौलिक शिक्षा निदेशक को सौंपी गई है। कोर्ट के निर्देश पर गुरुवार को सील किया रिकॉर्ड मौलिक शिक्षा निदेशक के नॉमिनी ज्वाइंट डायरेक्टर को सौंपकर सील खोली जाएगी। इस दौरान उपायुक्त, बोर्ड सचिव व केस करने वाली पार्टी के सदस्य मौजूद रहेंगे।
कोर्ट के निर्देश पर जेबीटी में चयनित सभी 8400 उम्मीदवारों व वेटिंग लिस्ट में चल रहे करीब 306 उम्मीदवारों के रिकार्ड की जांच होगी। जांच में पात्रता परीक्षा के दौरान तीन जगह एप्लीकेशन फार्म, ओएमआर सीट व हाजिरी सीट पर लगाए अंगूठों के निशानों की जांच होगी।
हस्ताक्षरों की भी जांच में जुटी विभाग की टीम :
कोर्ट के निर्देश पर जेबीटी भर्ती की जांच 23 नवंबर से ही शुरू हो चुकी है। जांच के प्रथम चरण में सभी चयनित उम्मीदवारों के अंगूठे के निशान व हस्ताक्षर लिए जा रहे हैं। जांच कमेटी अपने साथ जेबीटी आवेदन वाले फार्म भी लिए हुए हैं तथा इन पर उम्मीदवारों द्वारा किए गए हस्ताक्षरों का वर्तमान हस्ताक्षरों के साथ मिलान किया जा रहा है। हस्ताक्षरों की जांच के दौरान ही अन्य फार्म पर बाएं व दाएं दोनों हाथों के अंगूठों के तीन-तीन निशान लिए जा रहे हैं। जिनकी बाद में जांच की जाएगी।
54 उम्मीदवार शुरुआती जांच में ही निकले थे फर्जी :
2009 में जेबीटी 8400 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया की गई थी तथा 16 सितंबर को परिणाम घोषित किया गया था। जनवरी 2011 में सभी चयनित जेबीटी उम्मीदवारों ने नौकरी भी ज्वाइन कर ली थी। इसी दौरान कविता कुमारी नामक एक अभ्यर्थी ने हाईकोर्ट में जेबीटी शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी की शिकायत की।
शिकायत के बाद कोर्ट ने चयनित उम्मीदवारों की जांच के निर्देश दिए। पहले दिन कविता द्वारा उठाए ऑब्जेक्शन वाले 54 उम्मीदवारों के अंगूठों की जांच की गई। जांच में केवल आठ उम्मीदवार ही सही पाए गए तथा करीब 21 उम्मीदवार फर्जी पाए गए। अन्य 25 उम्मीदवारों के अंगूठों के निशान साफ नहीं होने के कारण उन्हें संदेहास्पद मानते हुए दोबारा जांच करने के निर्देश दिए गए।
शुरुआती 54 उम्मीदवारों की जांच में ही गड़बड़ी पाए जाने पर हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई में सभी चयनित उम्मीदवारों के साथ वेटिंग 306 उम्मीदवारों की भी जांच के आदेश दिए। साथ ही हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ ना हो सके, इसलिए रिकॉर्ड सील कर डीसी की निगरानी में रखवा दिया गया।
गुरुवार को पंचकूला से आने वाली जांच टीम को रिकॉर्ड सौंपा जाएगा। उपायुक्तकी ओर से हमें रिकॉर्ड की सील तोड़ने के दौरान बुलाया है। बोर्ड सचिव भी मौजूद रहेंगे। जेबीटी भर्ती में गड़बड़ी हुई है, यह तो शुरुआती जांच में सामने आ चुका है। सही जांच हुई तो करीब ढाई से तीन हजार फर्जी उम्मीदवारों के फंसने की संभावना है। 
जसबीर मोर, एडवोकेट, शिकायत पार्टी 
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर रिकॉर्ड सील कर पंचायत भवन में रखवाया गया था। अब माननीय अदालत के निर्देश पर गुरुवार को रिकॉर्ड जांच अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा। इस दौरान शिकायतकर्ता पार्टी के वकील व अन्य सदस्य व बोर्ड प्रतिनिधि भी रहेंगे। 
सुजान सिंह, अतिरिक्त उपायुक्त

शिक्षा मंत्री व अध्यापक संघ में कुछ मुद्दों पर बनी सहमति

शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल के साथ हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ की बैठक हुई। यद्यपि 25 नवंबर को रोहतक में हुई शिक्षक आक्रोश रैली के बाद रोहतक प्रशासन ने मुख्यमंत्री के साथ संघ की बैठक तय की थी परंतु किन्हीं कारणों से मुख्यमंत्री को जींद जाना पड़ा। इस कारण बैठक का जिम्मा शिक्षा मंत्री को सौंपा गया। साढ़े 3 घंटे तक चली बैठक में संघ ने मांग पत्र में शामिल सभी मुद्दों को गंभीरता से शिक्षा मंत्री व अधिकारियों के समक्ष उठाया।
शिक्षा मंत्री के अतिरिक्त इस बैठक में विभाग की वित्तायुक्त सुरीना राजन, मौलिक शिक्षा के निदेशक अभय सिंह यादव, बीआर वत्स एवं जिले सिंह शर्मा उपस्थित थे। संघ की ओर से राज्य प्रधान वजीर सिंह, महासचिव सीएन भारती, कोषाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद, गजे सिंह, सुरजीत सिंह, बलवीर सिंह, महीपाल, मुकेश यादव, महताब सिंह, बलजीत सिंह, सुखदर्शन, सत्यनारायण यादव तथा भूङ्क्षपद्र सिंह ने बैठक में भाग लिया।
बैठक की जानकारी देते हुए महासचिव भारती ने कहा कि शिक्षा मंत्री के साथ यह बैठक लंबे समय बाद और संघर्ष के दबाव में हुई। इस लंबी बैठक का माहौल मिश्रित प्रभाव वाला रहा। कभी काफी गर्मा-गर्मी और कभी सौहार्दपूर्ण वातावरण में बातचीत हुई। शिक्षा मंत्री ने संघ के कुछ मुद्दों पर सहमति जताई है और कुछ पर निकट भविष्य में रचनात्मक पहल करने का भरोसा दिया व कुछ नीतिगत मुद्दों को मानने से साफ इंकार किया है।
निम्न मुद्दों को माना गया:
संघ के सुझावों को मद्देनजर रखते हुए नई रेशनलाइजेशन नीति बनाई जाएगी, जिसमें नर्सरी के बच्चों को भी वर्कलोड में जोड़ा जाएगा, सभी प्रकार की पदोन्नतियां शीघ्र की जाएंगी। मिडल हैड मास्टर को उच्च विद्यालय मुख्याध्यापक एवं प्राचार्य की भांति केवल 12 पीरियड का ही वर्कलोड दिया जाएगा, इनकी पदोन्नति अतिशीघ्र कौंसिल द्वारा की जाएगी। मिडल हैड को 12 पीरियड का वर्कलोड देने का अर्थ है, 5548 मास्टर, सी. एंड वी. के पद और बचेंगे। मिडल हैड पदोन्नति में अंकों की कोई शर्त नहीं होगी, संघ की मांग अनुसार ये सिर्फ वरिष्ठता के आधार पर होगी।
शिक्षा मंत्री ने अन्तर्जिला तबादला नीति में मेवात के अध्यापकों को शामिल करने, 1/3 अवकाश बहाल करने, सभी प्राथमिक विद्यालयों में स्वीपर कम चौकीदार एसएमसी द्वारा लगाने, विद्यालयों का समय भविष्य में 1 नवम्बर से व इस वर्ष 1 दिसम्बर से 28 फरवरी तक बदलने आदि मांगों को माना। भारती ने बताया कि शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया कि सेवा नियमों की समीक्षा के बाद जो संशोधन शैक्षणिक दृष्टि से जरूरी होंगे, उन्हें किया जाएगा।
इसके अलावा तीन मास के अंदर अध्यापकों के लिए सामान्य एवं अंतर-जिला स्थानांतरण नीति बनाकर लागू करने, उच्च विद्यालयों के मुख्याध्यापक व प्राध्यापक आदि के पद पर शीघ्र पदोन्नतियां करने, एसीपी के लिए शक्तियों का विकेंद्रीकरण सरकार से मंजूरी लेकर जिला स्तर पर करने, शीघ्र ही सभी अध्यापकों को बीएलओ ड्यूटियों से मुक्त करने, कोर्ट के निर्णयों के सामान्यीकरण एक-एक मामले की समीक्षा करके किया जाएगा, प्रमुख मामले जो संघ ने उठाए। कला व पीटीआई को 1-1-2006 से एरियर का भुगतान करने, 3 वर्ष की सेवा पर वंङ्क्षचग का लाभ देने, अध्यापकों के अवकाश अन्य कर्मचारियों के समान करने, 2000 में नियुक्त जेबीटी अध्यापकों की पदोन्नति करने बारे, तदर्थ सेवा को अतिरिक्त वेतन वृद्धि व एसीपी में जोडऩे, 18.8.2009 से पहले नियुक्त सभी अध्यापकों को पर्सनल-पे का लाभ देने, अध्यापकों के अवकाश अन्य कर्मचारियों के समान करने, ए.सी.पी. रूल 13 में पे-फिक्सेशन नियमानुसार समस्त राज्य में एक जैसे रूप में करने, सभी प्रकार के बजट जैसे की वेतन, भत्ते, टीए, डीए, एलटीसी, मृत अध्यापकों  के आश्रितों को मासिक आर्थिक सहायता आदि शीघ्र उपलब्ध करवाने, एमडीएम में कार्यरत महिलाओं के बढ़े हुए मानदेय का पत्र 1-2 दिन में जारी करने, विभाग में लंबित सभी मामलों का शीघ्र निपटारा करने आदि मांगों को पूरा करने का भरोसा दिया।

निम्न मुद्दों को मानने से साफ इंकार :  
शिक्षा मंत्री ने अतिथि अध्यापकों की सेवा पक्की करना व उनकी वेतन वृद्धि करना, विद्यालयों का समय 6 घंटे करना, अध्यापकों की हाजिरी 15 मिनट पहले न लगवाना, अध्यापकों को आखिरी तिमाही में केवल 25 प्रतिशत ही छुट्टी के बंधन से छूट, प्राध्यापक पदोन्नति में उसी विषय के अनुबंध की शर्त को हटाना, कम्प्यूटर शिक्षक के नियमित पद सृजित करना, वेतन विसंगतियां दूर करने व डीएड के छात्रों की 180 दिन की इंटरशिप रद्द करने आदि मांगों को मानने से स्पष्ट इंकार कर दिया।

उन्होंने बताया कि फिलहाल अध्यापक संघ सांझे मुद्दों को लेकर सर्व कर्मचारी संघ द्वारा घोषित आंदोलन 29 नवंबर, 5 व 12 दिसम्बर को जेल भरो में शामिल रहेगा। इसके अलावा 20 दिसम्बर को संसद कूच में भाग लेगा व 20-21 फरवरी 2013 की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होगा और यदि उपरोक्त मुद्दों, आश्वासनों पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो रैली में घोषित कार्यक्रम अनुसार 27 जनवरी 2013 से रोहतक में क्रमिक अनशन शुरू करेगा व क्रमिक अनशन के दौरान ही समस्त राज्य में शहर-शहर, गांव-गांव, गली-गली में संपर्क अभियान भी चलाएगा।

Wednesday, 28 November 2012

मेवात कैडर के टीचर्स का तबादला होगा ,अध्यापकों की पदोन्नति के मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाएगा।



हरियाणा की शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने आज कहा कि मेवात कैडर के अध्यापकों को राज्य के जेबीटी और कला अध्यापकों की अंतर-राज्यीय स्थानांतरण नीति में शामिल कराने के प्रयास किए जाएंगे। भुक्कल हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रतिनिधियों से मिलने के बाद मीडिया से बातचीत कर रही थी। ये प्रतिनिधि मांगों के संबंध में यहां शिक्षा मंत्री से मिलने आए थे। बैठक में विभिन्न मांगों पर विचार-विर्मश और समीक्षा की गई और मंत्री ने आश्वासन दिया कि उनके मुद्दों को वे स्वयं मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के समक्ष उठाएंगी और उनकी सभी उचित मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा अध्यापकों की पदोन्नति के मामलों को प्राथमिकता आधार पर निपटाया जाएगा। यद्यपि, निदेशालय स्तर कर्मचारियों की कमी होने के बावजूद भी पदोन्नति की प्रक्रिया नियमित रूप से जारी है। उन्होंने कहा कि सभी जिला उपायुक्तों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि वे अध्यापकों को अध्यापन समय के दौरान गैर-अध्यापन कार्य में ना लगाया जाए। उन्होंने कहा कि अध्यापक वर्ग अपना समय अध्यापन कार्य में ही लगाएं। प्रश्न के उत्तर में भुक्कल ने कहा कि शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिएरेशनलाईजेशन प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि इस नीति में अध्यापक संघ द्वारा दिए गए सुझावों को भी शामिल किया जाएगा। स्कूलों की समय-सारणी के बदलाव को लेकर पूछे गए एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि एक दिसम्बर, 2012 से स्कूलों की समय-सारणी में बदलाव किया जाएगा। राज्य के सरकारी स्कूलों में ऐजुसेट प्रणाली बेहतर ढ़ंग से कार्य कर रही है, जहां पर भी ऐजुसेट प्रणाली स्थापित की गई है वहां पर बैटरी और जनरेटर सेट उपलब्ध करवाए गए हैं। इसके अलावा डीजल के लिए अलग से राशि स्वीकृत की गई है। मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा अध्यापकों की पदोन्नति के मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाएगा।

शिक्षा अधिकार सही ढंग से लागू न करने पर जनहित याचिका दायर

चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार व निदेशक मौलिक शिक्षा विभाग को नोटिस जारी किया है।जींद निवासी बिजेंद्र सिंह की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार शिक्षा के अधिकार को सही ढंग से लागू नहीं कर रही है। याचिकाकर्ता के वकील आरएस ढुल ने कहा कि इस नियम के तहत छह से चौदह वर्ष के बच्चों को निशुल्क व जरूरी शिक्षा उपलब्ध करवाना सरकार का कर्तव्य बनता है। याचिकाकर्ता के अनुसार नियमानुसार एक कक्षा में 35 से ज्यादा छात्र नहीं होने चाहिए लेकिन हरियाणा शिक्षा विभाग ने एक कक्षा में 50 के करीब छात्र का अनुपात तय किया हुआ है। इस नियम के तहत विज्ञान, सामाजिक, हिंदी के जितने भी सप्ताह के लिए पीरियड तय किए गए थे, सरकार ने वो भी कम कर दिए। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि सभी मिडल स्कूलों में हेडमास्टर नियुक्त किए जाएंगे लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो पाया है। याचिकाकर्ता के अनुसार स्कूलों में पर्याप्त टीचर नहीं हैं। इस कारण शिक्षा का अधिकार बेमानी साबित हो रहा रहा है। खंडपीठ ने इस मामले में सभी प्रतिवादी पक्ष को 3 दिसंबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

मिडिल स्कूलों में हेड मास्टरों को मिली वित्तीय शक्तिया

चंडीगढ़ : प्रदेश के मिडिल स्कूलों के हेड मास्टरों को अब वित्तीय शक्तियां हासिल हो गई हैं। इन स्कूलों के हेड मास्टर अब न केवल आहरण-वितरण के फैसले ले सकेंगे, बल्कि शिक्षकों व कर्मचारियों के वित्तीय मामलों का समाधान भी कर सकेंगे।
शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव सुरीना राजन ने मिडिल स्कूल हेड मास्टरों को वित्तीय शक्तियां प्रदान की हैं। हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रमेश मलिक ने पिछले दिनों वित्तायुक्त एवं महानिदेशक से मिलकर हेड मास्टरों को वित्तीय अधिकार प्रदान किए जाने की मांग की थी। प्रदेश में अभी तक सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के प्रिंसिपल व हाई स्कूलों के हेड मास्टरों के पास मिडिल स्कूलों के शिक्षकों के वित्तीय अधिकार थे। इस कारण मास्टरों तथा कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। जिन मिडिल स्कूलों में हेड मास्टर नहीं हैं, वहां खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी मास्टरों व कर्मचारियों के वित्तीय मामलों का समाधान करेंगे।