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Friday, 13 July 2018

एक दिन के लिए डीसी-एसपी बनेंगी सरकारी स्कूल की बेटियां

हिसार: अगर आप किसी दिन लघु सचिवालय जाएं और आपको वहां डीसी और एसपी की कुर्सी पर स्कूली छात्रएं बैठी दिखाई दें तो चौंकिएगा मत। वह गलती से कुर्सी पर नहीं बैठीं, बल्कि उस दिन वही प्रशासनिक अधिकारी होगी। सरकार ने बेटियों को प्रशासनिक कार्यप्रणाली समझाने के लिए माई ऐम माई टारगेट योजना शुरू की है। इसके तहत उन्हें डीसी, एसपी से लेकर अन्य सरकारी विभागों का मुखिया की कुर्सी पर बैठने का मौका मिलेगा। इस दौरान डीसी और एसपी साथ बैठकर उनका मार्गदर्शन करने सहित संबंधित विभागों की पूरी कार्यप्रणाली भी समझाएंगे। शिक्षा विभाग की इस योजना को फिलहाल हिसार जिले में ट्रायल के तौर पर शुरू किया जाएगा। बाद में इसे अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा।सरकार ने इस संबंध में डीसी से लेकर अन्य विभागों के अधिकारियों को लिखित में निर्देश जारी कर दिया है। योजना के तहत बेटियां अधिकारी की कुर्सी पर बैठकर दिशा-निर्देश भी देंगी। इससे बेटियों को यह पता चल सकेगा कि किस विभाग में कौन सा काम कैसे किया जाता है।
सीनियर सेकेंडरी स्कूल की बेटियों को मिलेगा मौका
सरकार ने जिले के सीनियर सेकेंडरी स्कूल की नौवीं से लेकर बारहवीं कक्षा तक की छात्रओं को यह मौका दिया है। कारण यह है कि बेटियों को भविष्य संवारने के लिए यह स्टेज काफी महत्वपूर्ण होती है। इसी स्टेज में एक तो बेटी मैच्योर होती है तो दूसरा भविष्य को संवारने के लिए उन्हें कई फैसले इसी स्टेज में लेने पड़ते हैं। इच्छाशक्ति व जानकारी के अभाव में बेटियां अपने सपने का साकार नहीं कर पातीं, जिस कारण सरकारी स्कूल की बेटियां प्राइवेट स्कूल की बेटियों से पिछड़ जाती हैं। 
एक ग्रुप में होंगी दस बेटियां 
जिला शिक्षा अधिकारी बलजीत सिंह सहरावत ने बताया कि सरकारी स्कूल की बेटियों को ग्रुप में यह मौका दिया जाएगा। एक ग्रुप में दस बेटियों को शामिल किया जाएगा। वो भी अलग-अलग निर्धारित समय में। ब्लॉक के अनुसार 30 से 40 ग्रुप बनाएं जाएंगे। बीईओ सहित संबंधित स्कूल के प्राचार्यों की निगरानी में बेटियां सरकारी विभागों में जाएंगी। 
माई ऐम माई टारगेट योजना के तहत सरकारी स्कूल की बेटियों को एक दिन के लिए डीसी और एसपी बनने का मौका मिलेगा। संबंधित विभागों के मुखिया भी उनके साथ बैठेंगे और बेटियों को विभाग की पूरी कार्यप्रणाली भी समझाएंगे। ताकि बेटियों की इच्छाशक्ति को मजबूत बनाया जा सके। बलजीत सिंह सहरावत, जिला शिक्षा अधिकारी।

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