** पहली से आठवीं के स्कूली बच्चों के मिड डे मील में मई माह में शुरू किया था
दूध
** जून माह में थी गर्मी की छुट्टियां और जुलाई माह में अब तक
स्कूलों में नहीं पहुंचा दूध
भिवानी : स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य सुधार के लिए मिड-डे मील में दूध शुरू
तो किया पर एक माह ही यह योजना चल पाई। मई माह में बच्चों को दूध देना शुरू
किया गया था। जून माह में स्कूलों की ग्रीष्मकालीन छुट्टियां हो गईं।
छुट्टियों के बाद जुलाई माह में स्कूल शुरू हुए। यह महीना भी खत्म होने को
आया, लेकिन अब तक बच्चों को मिड-डे मील में दूध नहीं दिया गया है। यही नहीं
ज्यादातर स्कूलों में मिड-डे मील का राशन भी नहीं पहुंचा है।
बता दें कि
कक्षा पहली से आठवीं तक सरकारी स्कूलों के बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर रखने
के लिए मिड-डे मील योजना शुरू की गई थी। इसके बाद इसी साल मई माह में प्रति
विद्यार्थी 200 एमएल दूध का भी प्रावधान किया गया।
"बच्चों के स्वास्थ्य से
खिलवाड़ न हो। योजना शुरू की है तो इसे गंभीरता से चलाया जाए। बंद ही करनी
है तो ढुलमुल तरीका नहीं अपनाया जाए। इससे अध्यापकों को भी परेशानी होती
है। जो भी हो स्पष्ट हो।"-- जंगबीर कासनिया, राज्य संगठन सचिव, हरियाणा
प्राइमरी टीचर एसोसिएशन
"कुछ विभागीय दिक्कतों की वजह से मिड डे मील के
राशन और दूध की आपूर्ति में कुछ देरी हो गई थी। अब जल्द ही इसे पटरी पर
लाया जाएगा। शिक्षा विभाग बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर पूरी तरह से गंभीर
है।"--सदानंद वत्स, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, भिवानी
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