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Friday, 13 July 2018

लर्निग लेवल कम पाया तो मुखिया के साथ शिक्षक भी नपेंगे

बवानीखेड़ा : अगर सरकारी स्कूलों के छात्रों का लर्निग लेवल में सितंबर माह तक सुधार नहीं हुआ तो स्कूल मुखियाओं के साथ-साथ शिक्षक भी नपेंगे। शिक्षा विभाग ने हर हाल में सितंबर माह तक सरकारी स्कूलों के छात्रों का लर्निग लेवल का स्तर 80 फीसद तक पहुंचाने के लिए कमर कस ली है। क्योंकि बवानीखेड़ा खंड को सक्षम ब्लॉक में शामिल किया जाना है तथा अब छात्रों का लर्निग लेवल का स्तर बढ़ाने के लिए सितंबर माह तक का लक्ष्य रखा गया है। 
छात्रों का लर्निग लेवल 80 फीसद तक पहुंचने पर ही बवानीखेड़ा खंड को सक्षम ब्लॉक का दर्जा मिल पाएगा। सक्षम ब्लॉक बनाने के लिए शिक्षा विभाग के साथ-साथ जिला प्रशासन के अधिकारियों ने भी इन दिनों पूरा जोर लगाया हुआ है। एसडीएम भी इस पर विशेष निगाहें टिकाए हुए हैं और वे भी समय-समय पर अधिकारियों की बैठक लेकर इस बारे में दिशा-निर्देश जारी कर रहे हैं और स्कूलों में जाकर भी शिक्षकों को इस बारे में प्रेरित कर रहे है कि सितंबर माह तक बवानीखेड़ा ब्लॉक को हर हाल में सक्षम ब्लॉक का दर्जा हासिल हो सकें। फिलहाल बवानीखेड़ा ब्लॉक के सरकारी स्कूलों के छात्रों का लर्निग लेवल 64 फीसद है। सितंबर माह तक इसे 80 फीसद तक पहुंचाया जाना है। स्कूलों में शैक्षणिक सुधार के लिए जहां खंड शिक्षा अधिकारी संतोष नागर रोजाना दो स्कूलों में जाकर छात्रों की शिक्षा को जांच रही है। 
साथ-साथ अध्यापकों के पढ़ाने का तरीका भी वे देख रही है। जहां पर जो कमी पाई जाती है उसे तुरंत प्रभाव से दूर करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। इसके साथ-साथ छात्रों की व्यवहारिक शिक्षा पर भी बल दिया जा रहा है। क्योंकि हिन्दी व गणित को व्यवहारिक विषय माना जाता है। अगर इन दोनों विषयों में छात्र की पकड़ कमजोर रही तो वे आगे चलकर व्यवहारिक ज्ञान में पिछड़ सकते हैं। इसीलिए हिन्दी  व गणित विषय के शिक्षकों को सख्त निर्देश जारी किए गए है कि वे इन विषयों के छात्रों के लर्निग लेवल पर विशेष ध्यान दें। सक्षम ब्लॉक बनाए जाने के लिए बीआरसी व स्कूल प्रधानाचार्यों की भी विशेष डयूटी लगाई गई हैं। वे समय-समय पर कक्षाओं में जाकर पढ़ाई के बारे में जानकारी हासिल कर रहे हैं। क्योंकि अगर उनके स्कूलों में लर्निग लेवल कम रह जाता है तो वे भी इस बारे में जिम्मेवार होंगे। शिक्षकों को भी शिक्षा सुधार के लिए विशेष ट्रेनिंग दी जा रही हैं ताकि लर्निंग लेवल सुधार में कही कोई चूक न रह जाए। बवानीखेड़ा खंड में करीब 86 सरकारी स्कूल आते हैं। सभी स्कूलों में इन दिनों छात्रों का लर्निग लेवल बढ़ाने के लिए विशेष जोर दिया हुआ है। इसके साथ-साथ छात्रों को अन्य विभाग के अधिकारियों को भी विशेष तौर से स्कूलों में बुलाकर उनके अनुभव भी लिए जा रहे हैं। ताकि छात्रों का अधिकारियों से भी आगे बढ़ने की प्रेरणा मिल सकें।
खंड को सक्षम ब्लॉक में शामिल किए जाने के लिए किए जा रहे है विशेष प्रयास : बीईओ
खंड शिक्षा अधिकारी संतोष नागर ने बताया कि सितंबर माह तक बवानीखेड़ा खंड को सक्षम ब्लॉक में शामिल किए जाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस बारे में स्कूल मुखियाओं व शिक्षकों की जिम्मेदारियां तय की गई हैं। जिस स्कूल के छात्रों का लर्निग लेवल कम पाया गया तो वहां का स्कूल मुखिया व शिक्षक जिम्मेवार होंगे। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी।

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