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Thursday, 19 July 2018

2 हजार डिग्रीधारकों को झटका छात्रों ने विभाग को जड़ा ताला

रोहतक : देश में ए ग्रेड यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय की शारीरिक शिक्षा विभाग की डिग्री को मान्यता न मिलने से खफा डिग्री धारकों ने विभाग को ताला जड़ दिया है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही मान्यता नहीं ली गई तो छात्र एमडीयू को सील कर देंगे। बताया जा रहा है कि डिग्री धारकों की चेतावनी को देखते हुए मदवि के रजिस्ट्रार और शारीरिक शिक्षा विभागाध्यक्ष चंडीगढ़ पहुंचे हुए हैं।
दिल्ली सरकार ने तो शारीरिक शिक्षा विभाग की डिग्री को फर्जी तक बता दिया। इसके चलते शिक्षा विभाग में चयन हुए कुछ छात्रों का चयन तक रद्द कर दिया है। इस समय एमडीयू में 2 हजार से अधिक छात्र शारीरिक शिक्षा विभाग की डिग्री ले चुके हैं। अब उन छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है।
अब डिग्री धारक छात्र शहीद भगत सिंह युवा छात्र संगठन के नेतृत्व में शारीरिक शिक्षा विभाग को ताला जड़कर धरने पर बैठ गए हैं। डिग्री धारकों का कहना है कि एमडीयू से संबंधित जो निजी कालेज हैं, उनको तो शारीरिक शिक्षा विभाग की मान्यता दी गई, लेकिन एमडीयू में सेल्फ फाइनेंस कोर्स चलाया जा रहा है, जिसे एनसीईटी की मान्यता प्राप्त नहीं है। मदवि से वर्ष 2000 में शारीरिक शिक्षा विभाग का कोर्स किया गया था, जिसमें अब तक लगभग 2 हजार से अधिक छात्र डिग्री ले चुके हैं, लेकिन छात्रों को उस वक्त धक्का लगा जब एनसीईटी ने उनकी डिग्री को ही फर्जी बता दिया। बताया जा रहा है कि दिल्ली सरकार ने मार्च 2018 में शारीरिक विभाग में अध्यापकों के पदों के लिए आवेदन मांगे थे, जिसमें एमडीयू से डिग्री ले चुके काफी छात्रों ने इन पदों के लिए आवेदन किया था। सभी प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद काफी अभ्यार्थियों का चयन हो गया था, लेकिन जब प्रमाण पत्रों की जांच की गई तो एमडीयू के शारीरिक शिक्षा विभाग से मिली डिग्री को मानने से इनकार कर दिया।


विद्यार्थियों से किया धोखा
शहीद भगत सिंह युवा छात्र संगठन के अध्यक्ष प्रदीप ने बताया कि मदवि में 1992 से विभाग में शारीरिक शिक्षा की शुरुआत हुई थी। विभाग के पास 2002 में डीपीएड शुरू होने के बाद से ही मान्यता नहीं है। उन्होंने बताया कि 2007 तक डीपीएड होती थी उसके बाद इसे बीपीएड का नाम दे दिया गया। मगर हैरत की बात यह है कि महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय पैसे तो कमाता रहा मगर डिग्री के लिए मान्यता नहीं ली और छात्रों को भी धोखे में रखा कि उनकी डिग्री को मान्यता मिली हुई है।


2 महीने में विवि को सील करने की चेतावनी
चयन रद्द होने के बाद काफी संख्या में छात्र एमडीयू पहुंचे और इस बारे में प्रशासनिक अधिकारियों से पूछा, लेकिन वह कोई जवाब नहीं दे सके। इसके बाद डिग्री धारकों ने आंदोलन शुरू कर दिया और एमडीयू को 2 महीने में सील करने की चेतावनी दी है।


प्रोस्पेक्टस में मान्यता का दावा
डिग्री धारक एवं शहीद भगत सिंह युवा छात्र संगठन के अध्यक्ष प्रदीप, परविंन्द्र, अमित का कहना है कि एमडीयू प्रशासन छात्रों को बहला-फुसलाकर शारीरिक शिक्षा विभाग में दाखिले करवा रहा है। प्रोस्पेक्ट्स में मान्यता का दावा किया गया है, जबकि मान्यता है नहीं। एनसीटीई ने एमडीयू प्रशासन की इस डिग्री को फर्जी बताते हुए सवाल खड़े कर दिए हैं।



विवि का दावा डिग्रियां फर्जी नहीं
इस बारे में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग के प्रो. कुलताज सिंह ने बताया कि डिग्रियां फर्जी नहीं हैं, एनसीटीई से मान्यता नहीं मिल पाई थी। मान्यता के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है। बाकायदा रजिस्टार व अन्य अधिकारी इस काम के लिए लगे हुए हैं।

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