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Friday, 13 July 2018

तीन साल से शिक्षकों को नहीं मिला स्टेट अवार्ड

** इस साल के अवार्ड के लिए 20 जुलाई तक मांगे आवेदन, चाहिए 50 अंक
भिवानी : वर्ष 2015 से 2017 तक राज्य शिक्षक पुरस्कार भले ही अब तक नहीं मिले हों पर वर्ष 2018 के लिए आवेदन मांगे गए हैं। शिक्षकों को इसके लिए 20 जुलाई तक सभी शर्तें पूरी करते हुए आवेदन करने हैं। पिछले सालों में आवेदन करने वालों को अभी तक पुरस्कार पाने का इंतजार है। नए आवेदन करने से पहले शिक्षकों में चर्चा है न जाने पुरस्कार कब मिलेंगे। पिछले सालों की तरफ यह तो नहीं कि आवेदन मांग कर मात्र खानापूर्ति कर इतिश्री कर ली जाए। स्कूल शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए आवेदन करने वालों को विभिन्न गतिविधियों में उसके कम से कम 50 अंक होने अनिवार्य हैं। आवेदनों को खंड व जिला स्तरीय कमेटियों द्वारा जो सिफारिश की जाएगी उसकी चेकिंग भी की जाएगी। राज्य स्तरीय कमेटी द्वारा आवेदन करने वाले शिक्षकों का कक्षा में अध्यापन करवा शैक्षणिक मूल्यांकन किया जाएगा। यह कमेटी अध्यापकों द्वारा पढ़ाए गए बच्चों का एससीईआरटी गुरुग्राम द्वारा लर्निंग लेवल भी जांच कराएगी। 
अवार्ड के लिए नाम तय होने से पहले उपलब्धियों की होगी जांच 
विभागीय अधिकारियों की मानें तो राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए नाम तय करते समय आवेदन करने वाले अध्यापकों का शैक्षिक रिकार्ड व्यक्तिगत उपलब्धियां, समुदाय के सामाजिक जीवन में उनकी भागीदारी, उनके द्वारा पढ़ाए गए बच्चों की शैक्षणिक व अन्य गतिविधियों में उपलब्धियों का भी आंकलन किया जाएगा।
बनाई दो कैटेगरी 
इस अवार्ड के लिए संबंधित अधिकारियों को निदेशालय द्वारा पत्र जारी किया गया है। राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए नामांकन दाखिल करने वाले अध्यापकों की दो श्रेणी बनाई गई हैं। श्रेणी ए के तहत प्राइमरी टीचर, हैड टीचर, सीएंडवी, टीजीटी तथा ईएसएचएम और श्रेणी बी में पीजीटी हाई स्कूल हेड मास्टर तथा प्राचार्यों को शामिल किया गया है।
ये मिलता है अवार्ड 
शिक्षा विभाग के अधिकारी कहते हैं कि इस पुरस्कार के तहत तीन इंक्रीमेंट, प्रशस्ति पत्र, शाल और दो साल की सर्विस एक्टेंशन आदि की सुविधाएं दी जाती है। इनके लिए सतत प्रयास किए जाते हैं। यूनियनों से जुड़े शिक्षकों की मानें तो इन पुरस्कारों के मिलने से देरी होने से शिक्षक इससे विमुख हो रहे हैं।
"पिछले तीन सालों से राज्य शिक्षक पुरस्कारों की घोषणा नहीं हुई है। अच्छा होता पिछले तीन सालों के दौरान आवेदन करने वालों में चयनित अध्यापकों के नामों की घोषणा होती। नए आवेदन मांगना भी सही है पर पहले वालों को भी समय पर यह पुरस्कार दिया जाता तो अच्छा लगता।"-- सतबीर सिंह, संरक्षक, हरियाणा मा. वर्ग एसोसिएशन।

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