राजधानी हरियाणा : हाईकोर्ट के फैसले से प्रभावित 4654
कर्मचारियों के मामले पर सरकार ने दो दिन बाद ही यू-टर्न ले लिया है।
प्रदेश सरकार ने इन कर्मचारियों के वेतन छोड़कर बाकी देय लाभ बंद करने का
आदेश दिए थे, जो रविवार को वापस ले लिए गए। मुख्य सचिव ने अपने ही आदेश
वापस लेने का पत्र जारी किया है। उन्होंने कहा कि 2014 की पॉलिसी के तहत
हाईकोर्ट के आदेश से प्रभावित कर्मचारियों के लिए जारी 27 जुलाई का आदेश
वापस ले लिया है।
उल्लेखनीय है कि मुख्य सचिव ने इन कर्मचारियों को
बच्चों की शिक्षा के लिए मिलने वाला अलाउंस और पूरी सर्विस के लिए
निर्धारित 720 दिन की चाइल्ड केयर लीव, सालाना इंक्रीमेंट और प्रमोशन रोक
दिया था। इसके बाद कर्मचारी संगठनों ने सरकार करे आंदोलन तेज करने की
चेतावनी भी दी थी। इधर, सरकार ने एजी और एलआर से राय मांगी थी। दोनों की
अलग-अलग राय सामने आई है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय
कमेटी का गठन किया है। मंत्री अध्यादेश तक लाने का आश्वासन दे चुके हैं।
एक व दो अगस्त को संसद पर धरना देंगे कर्मचारी
सर्व
कर्मचारी संघ हरियाणा ने सरकार के यू-टर्न को अपनी जीत बताया है।
कर्मचारियों ने रविवार सुबह ही रोहतक में बैठक की, जिसमें आंदोलन करने का
एेलान किया था। एक व दो अगस्त को संसद के समक्ष धरना देने के साथ 9 अगस्त
को जिला स्तर पर मशाल जुलूस निकालने का फैसला लिया था। संघ महासचिव सुभाष
लांबा ने कहा कि सरकार द्वारा पत्र वापसी के बावजूद सुप्रीम कोर्ट द्वारा
अप्रैल, 2006 को स्टेट ऑफ कर्नाटका बनाम उमा देवी केस में दिए निर्णय को
निष्प्रभावी बनाने की मांग को लेकर कर्मचारी 1 व 2 अगस्त को संसद के समक्ष
धरना देंगे।
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