नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी
नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण मामले में 2006 के अपने फैसले को लेकर
अंतरिम आदेश देने से बुधवार को इनकार कर दिया। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की
अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने कहा कि इस मामले की सुनवाई 7 जजों की
संविधान बेंच में होगी। संविधान बेंच अगस्त में सुनवाई कर सकती है। प्रमोशन
में आरक्षण पर संविधान बेंच में पहले से कई याचिकाएं लंबित हैं।
केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल केके
वेणुगोपाल ने कहा है कि सात जजों की संवैधानिक बेंच मामले की जल्द सुनवाई
करे, क्योंकि लाखों लोगों का प्रमोशन इससे प्रभावित हो रहा है। पिछले साल
15 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि संविधान बेंच यह देखेगा कि 2006 के
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर दोबारा विचार करने की जरूरत है या नहीं। तब
पांच जजों के संविधान बेंच ने एम नागराज के मामले में कहा था कि प्रमोशन
में आरक्षण से पहले यह देखना होगा कि अपर्याप्त प्रतिनिधित्व और पिछड़ापन
है या नहीं। फैसले में कहा गया था कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के
मामले में क्रीमी लेयर का कान्सेप्ट लागू नहीं होता। सुप्रीम कोर्ट के
वेकेशन बेंच ने केंद्र को एससी-एसटी के लोगों को प्रमोशन में आरक्षण देने
की अनुमति दी थी।
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