नयी दिल्ली : लोकसभा ने नि:शुल्क और अनिवार्य बाल
शिक्षा का अधिकार (दूसरा संशोधन) विधेयक 2017 को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी।
नये संशोधन के तहत पांचवीं और आठवीं कक्षा की मार्च में होने वाली परीक्षा
में अनुत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों को मई में दोबारा मौका मिलेगा।
दूसरी बार भी फेल होने पर बच्चे को उसी कक्षा में रोका जा सकेगा। विधेयक पर
चर्चा का जवाब देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा,
‘इससे स्कूलों, खासकर सरकारी विद्यालयों में शिक्षा का स्तर सुधरेगा।’
उन्होंने कहा कि 2009 के विधेयक में पहली से आठवीं कक्षा के बच्चों को फेल
होने पर भी कक्षा में नहीं रोकने का प्रावधान था। इससे परीक्षा का महत्व ही
कम हो गया था। उन्होंने कहा कि कुछ राज्य पुराना प्रावधान चाहते थे,
इसलिए हमने विधेयक में प्रावधान रखा है कि बच्चों को कक्षा में रोकने या नहीं रोकने का अधिकार राज्यों को होगा।
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