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Monday, 30 July 2018

मिड-डे मील से पहले पौष्टिक नाश्ता देने की तैयारी

** सीमैप सहित देश की पांच प्रयोगशालाएं वैज्ञानिक विधि से तैयार करेंगी रेडी टू ईट नाश्ता
लखनऊ : कुपोषण से निपटने के लिए अब वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) ने विशेष पहल की है। न्यूट्रास्यूटिकल मिशन के तहत सीएसआइआर की पांच प्रयोगशालाएं बच्चों के लिए सुबह के नाश्ते की ऐसी रेसिपी तैयार करेंगी जो न केवल पौष्टिक होंगी बल्कि स्वादिष्ट भी होंगी। खास बात यह है कि इस रेडी टू ईट नाश्ते को तैयार करने के लिए क्षेत्रीय खानपान के तौर-तरीके के साथ वहां होने वाले औषधीय पौधों का भी इस्तेमाल किया जाएगा। जिससे बच्चों के दिन की शुरुआत स्वादिष्ट व पौष्टिक नाश्ते से हो सके और वह दिनभर ऊर्जावान बने रहें।
विश्व के कुल कुपोषित बच्चों में एक तिहाई भारत में हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए भारत सरकार ने इंटेग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट स्कीम (आइसीडीएस) व नेशनल हेल्थ मिशन के साथ-साथ अगस्त 1995 में मिड डे मील योजना की शुरुआत की थी। मिड डे मील के तहत बच्चों को स्कूलों में ताजा बना भोजन दिया जाता है, लेकिन इसके बावजूद कुपोषण की स्थिति से निपटने में कोई खास मदद नहीं मिल पा रही है। 
वजह यह है कि बच्चों को सुबह का नाश्ता जो कि दिनभर के लिए ऊर्जा देने का काम करता है नहीं मिलता। विशेषज्ञों का मानना है कि रात में आठ-दस घंटे के अंतराल के बाद नाश्ता दिनभर का सबसे महत्वपूर्ण आहार होता है। ऐसे में नेशनल हेल्थ मिशन के तहत सरकार द्वारा सीएसआइआर को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा अनुसंधान संस्थान (सीमैप) सहित मैसूर के सीएफटीआरआइ, पालमपुर के आइएचबीटी, त्रिवेंद्रम के एनआइआइएसटी व जोहराट के एनइआइएसटी प्रयोगशालाओं के वैज्ञानिक इस मिशन को अंजाम देने के लिए जुटेंगे।

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