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Friday 29 November 2013

उधार के कमरों में चल रही पढ़ाई, फिर भी विभाग ने वापस मांगा बजट

** एक किस्त अलॉट करने के बाद विभाग वापस ले रहा हैं स्कूलों से बजट 
फतेहाबाद : एसएसए के तहत स्कूलों में बनाए जाने वाले कमरों के लिए स्कूलों ने विभाग से ज्यादा बजट मांग की तो विभाग ने पहले से अलॉट किया गया बजट भी वापस मांग लिया। कमरों के निर्माण के लिए विभाग द्वारा एक लाख 92 हजार की पहली किस्त स्कूलों को लगभग आठ महीने पहले जारी की थी। जिले में ऐसे 30 स्कूल हैं, जिनसे कमरों के निर्माण के लिए आया पैसा वापस मांगा है। आलम ये है कि इन स्कूलों को बच्चों की पढ़ाई के लिए पड़ोसी स्कूलों से कमरे उधारे मांगने पड़ रहे हैं। विभाग ने कमरे बनाने के लिए जो बजट भेजा था, वह कम था। संबंधित स्कूलों ओर बजट की मांग की थी ताकि कमरों को निर्माण करवाया जा सके। जिसके चलते स्कूल मुखियाओं ने निमार्ण कार्य शुरू ही नहीं करवाया। ज्ञात रहे सर्व शिक्षा अभियान के तहत गत सत्र एवं चालू सत्र में जिले के 134 स्कूलों में कमरे बनवाएं जाने थे। मौजूदा स्थिति में जिले के तीस स्कूलों में अब तक भी निर्माण कार्य ही शुरु नहीं किया जा सका। 
यहां बनने थे कमरे 
सर्व शिक्षा अभियान के तहत जिले के 134 स्कूलों में कमरे बनाए जाने थे। जिसके लिए विभाग ने इस वर्ष एवं गत वर्ष संबंधित स्कूलों के खातों में बजट डाल दिया था। इन स्कूलों में फतेहाबाद ब्लॉक के 28 स्कूल, भट्टू ब्लॉक के 16 स्कूल, जाखल ब्लॉक के 9 स्कूल, टोहाना ब्लॉक के 32 स्कूल, भूना ब्लॉक के 15 स्कूल एवं रतिया ब्लॉक के 31 स्कूलों में विभाग द्वारा कमरे बनाए जाने थे। 
जिले के तीस स्कूलों से विभाग कमरों के लिए आए हुए बजट को अब वापस लेगा। इन स्कूलों में जीएसएसएस गोरखपुर, जीएसएसएस दहमान, जीएचएस ढाणी गोपाल, जीएचएस बैजलपुर, जीएचएस मोची वाली, जीपीएस भूना, जीएचएस दिगोह, जीजएचएस पिरथला, जीपीएस लोहाखेड़ा, जीएसएसएस टोहाना, जीएमएस नांगली, जीएमएस मामूपुर, जीपीएस मामूपुर, जीएचएस पारता, जीएमएस तलवाड़ा, जीएमएस ढेर, जीएमएस हमजापुर, जीएसएसएस रतिया, जीजीएसएसएस रतिया, जीएसएसएस अलावलवास, जीएचएस लाहली, जीपीएस लाहली, जीएचएस हंसपुर, जीएचएस बरसीन, जीपीएस भोडा होशनाक, जीएमएस ढाणी माजरा, जीएसएसएस फतेहाबाद, जीएचएस करनौली एवं जीएचएस कुम्हारिया शामिल हैं। जिन तीस स्कूलों से कमरों के निर्माण का पैसा वापस मांगा गया है, उन स्कूलों में वास्तव में इन कमरों की जरूरत थी। बिना कमरों के अधिकतर स्कूलों के हालात ये हो चुके हैं कि साथ लगते प्राइमरी स्कूलों से उधार पर कमरे लेकर कक्षाएं लगाई जा रही हैं। स्कूलों 10 से 15 के बीच में कमरे बने हुए हंैं, लेकिन ऑफिस, स्टाफ रूम, कंप्यूटर लैब, स्टोर, लाइब्रेरी, क्लर्क रूम अलग-अलग दिए जाएं तो बाकी बचे कमरों में कक्षाएं लगाना बड़ा मुश्किल है। 
अधिक बजट की डिमांड भेजी थी: हेड मास्टर
राजकीय उच्च विद्यालय मोचीवाली के हैड मास्टर उग्रसेन ने बताया कि विभाग की ओर से कमरों के निर्माण के लिए आया बजट कम था। जिससे स्कूल में निमार्ण कार्य शुरु नहीं करवाया गया। विभाग को कमरों के लिए और बजट की डिमांड की थी। अब उनको विभाग की ओर से निर्देश मिले हैं कि स्कूलों में कमरों के निर्माण के लिए आया बजट वापस भेजा जाए। 
जिला कार्यक्रम संयोजक का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रही कृष्णा सिहाग ने कहा है कि एसएसए का चार्ज उन्हें अभी मिला हैं। इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं हैं।                        db

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