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Monday 10 March 2014

35 अंक वाले किए बाहर, 33 वालों को लगाया लेक्चरर

** वर्ष 2007 में प्रदेश के बहुतकनीकी संस्थानों में खाली पड़े कंप्यूटर एंड इंजीनियरिंग के 8 पदों के लिए हुई भर्ती में भारी अनियमितता
सिरसा : वर्ष 2007 में प्रदेश के बहुतकनीकी संस्थानों में खाली पड़े कंप्यूटर एंड इंजीनियरिंग के 8 पदों के लिए हुई भर्ती में भारी अनियमितता पाई गई है। भर्ती में एक प्रोफेसर के तो मेरिट सूची के अंक भी 33 बनते हैं। जबकि उसे अन्य विषय की हायर क्वालिफिकेशन की डिग्री के 10 अंक देकर उसे मेरिट सूची में शामिल किया है। वहीं एक जींद के आवेदक को भी प्रोफेसर बनाने के लिए कुछ ऐसा ही किया गया। इन्होंने कंप्यूटर एंड साइंस टेक्नोलॉजी में बीई 56.8 प्रतिशत से की हुई है जबकि इस पोस्ट के लिए न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक होने चाहिए। इससे कम अंक होने पर आवेदक अप्लाई ही नहीं कर सकता है। 
सभी नियम रखे ताक पर 
योग्यता न होने के बावजूद दोनों आवेदक प्राध्यापक बनकर नाथूसरी चोपटा के चौधरी देवीलाल राजकीय बहुतकनीकी संस्थान में बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। इनमें से एक प्राध्यापक सिरसा का है। दूसरा जींद का। उन्हें मेरिट सूची में शामिल करने के लिए सिरसा से कंप्यूटर एंड इंजीनियरिंग का प्राध्यापक बने आवेदक को 10वीं कक्षा में 60 प्रतिशत से अधिक अंक होने पर एक अंक मिला । बारहवीं में 60 प्रतिशत से अंक कम है। इसलिए कोई अंक नहीं दिया गया। वहीं एमसीए की डिग्री के 4 अंक उसे दिए गए हैं। इसके अलावा 11.5 अंक उसे टेस्ट में मिले व इंटरव्यू में 16.5 अंक दिए गए।उसके कुल अंक 33 बनते हैं। जो मेरिट सूची से 6 कम रह जाते हैं। इसके बावजूद विभाग ने सारे भर्ती के सारे नियम कायदे ताक पर रखकर उसे 10 नंबर कामर्स विषय में एमफिल करने के दे दिए। जबकि भर्ती कंप्यूटर एंड इंजीनियरिंग पद के लिए थी। इस प्रकार उसके कुल अंक 43 दिखाए गए। वहीं जींद से प्राध्यापक बने आवेदक को अनुबंधित कर्मचारी होने का भी लाभ देकर 5 प्रतिशत उसको छूट दे दी गई। जो कि विभाग द्वारा जारी की गई भर्ती की हिदायतों में शामिल नहीं थी। 
"ये विभाग का मामला है। मैं कुछ नहीं बता सकते इस विषय में। वहीं उनके यहां से कुछ प्राध्यापक दूसरे संस्थानों में भेज दिए गए हैं।"-- पीके सोनी, प्राचार्य राजकीय बहुतकनीकी संस्थान, नाथूसरी चोपटा 
विभाग व संस्थान की आरटीआई में भी अंतर 
सिरसा के गुलशन गाबा की राजकीय बहुतकनीकी संस्थान चोपटा से व विभाग से मांगी गई आरटीआई में भी भारी अंतर मिला है। संस्थान ने गाबा को दी जानकारी में सिरसा के आवेदक को कामर्स विषय में अनुभव होनेे पर 5 अंक प्रदान किए गए हैं। जबकि विभाग ने उसका कोई नंबर नहीं दिया। इसके अलावा संस्थान ने कामर्स विषय में एमफिल होन पर कोई अंक नहीं दिया। जबकि विभाग ने इसी के 10 अंक देकर आवेदक को प्राध्यापक बनाने में मदद की गई है।                                               db

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