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Thursday 13 March 2014

स्कूलों के 50 मीटर दायरे में नहीं बिकेंगे जंक फूड!

** केंद्र सरकार ने तैयार की गई गाइडलाइंस हाईकोर्ट में पेश की
** जंक फूड की बिक्री को बैन करने संबंधी निर्देश जारी करे केंद्र : कोर्ट
नई दिल्ली : राजधानी व देश के सभी स्कूलों की कैंटीन में अब जल्द ही जंक फूड व काबरेनेटिड डिंक की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। इतना ही नहीं, इन पदार्थो की बिक्री स्कूल के 50 मीटर के दायरे में भी प्रतिबंधित की जाएगी। जंक फूड की बिक्री को स्कूलों व उसके आसपास के क्षेत्र में नियंत्रित करने को लेकर केंद्र सरकार की फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथारिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआइ) की विशेष समिति ने गाइडलाइंस दिल्ली हाईकोर्ट में बुधवार को पेश की। इस दिशा-निर्देश में जंक फूड की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की अनुशंसा की गई है। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह इन गाइडलाइंस को जल्द से जल्द स्कूलों में जारी करे। अब इस मामले की सुनवाई 23 अप्रैल को होगी।
एफएसएसएआइ ने अदालत में कहा कि बच्चे खाने-पीने का चुनाव करने में अच्छे नहीं होते। उनके लिए क्या अच्छा है और क्या बुरा, इसकी समझ उन्हें नहीं है। इसकी जिम्मेदारी स्कूल व बच्चों के अभिभावकों की होती है। स्कूलों की कैंटीन में बिकने वाले जंक फूड चिप्स, बर्गर, पिज्जा, फ्राइड पोटेटो, काबरेनेटिड और नॉन काबरेनेटिड डिंक है। इन सभी का आमतौर पर टीवी पर प्रचार होता है और बच्चे खाने के लिए प्रभावित होते हैं। इन चीजों को बच्चों से दूर रखने की जरूरत है। जंक फूड से हाइपर टेंशन, डायबिटिज, मोटापा बीमारियां बच्चों में होती हैं। 
अन-हाइजीनिक जंक फूड बच्चों के लिए काफी नुकसानदेह है। इससे बच्चों को दूर रखा जाना जरूरी है। इसलिए इसकी बिक्री स्कूल व उसके आस-पास के 50 मीटर के दायरे में नहीं होनी चाहिए। 
उल्लेखनीय है कि दिल्ली हाईकोर्ट राजधानी के स्कूलों में जंक फूड की बिक्री पर रोक लगाने की मांग को लेकर उदय फाउंडेशन नामक संस्था द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है। 24 जुलाई को खंडपीठ ने सरकार को निर्देश दिया था कि वह दस दिन के अंदर ड्राफ्ट दिशा-निर्देश तैयार करें। 
"सरकार का यह दिशा-निर्देश अभिभावकों को जागरूक करने वाला है। इसके बाद अब अभिभावक भी अपने बच्चों पर ध्यान देंगे। कई बार निर्देश के बाद लोगों में जागरूकता आती है। मैं इस निर्देश का स्वागत करता हूं"--अशोक अग्रवाल, अध्यक्ष, आल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन
"केंद्र सरकार द्वारा तय किए गए दिशा-निर्देश स्वागत योग्य हैं। जंक फूड से बच्चों को कई परेशानियां आ रही हैं। इस गाइडलाइंस से बच्चों को फायदा होगा।"--ज्योति अरोड़ा, प्रिंसिपल, माउंट आबू स्कूल, रोहिणी
"सरकार का यह दिशा-निर्देश बहुत ही प्रभावशाली है। मेरा मानना है कि यदि किसी स्कूल में जंक फूड बिकता हुआ पाया जाए तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। जिस तरह से बीड़ी, गुटखा, सिगरेट के लिए 100 मीटर की दूरी निर्धारित है उसी तरह इसकी दूरी भी 50 मीटर से या उससे अधिक की जाए।"--आरसी जैन, अध्यक्ष, दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट कमेटी                                            dj

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