रतिया : गांव जल्लोपुर का आरोही मॉडल स्कूल तीन साल बाद भी दूसरों के रहमों-करम पर निर्भर है। तीन सालों में स्टाफ तो दूर इस स्कूल को स्थायी प्राचार्य तक नहीं मिला। अब तक स्कूल का चार्ज आधा दर्जन प्राचार्यों के पास रह चुका है। गुरुवार को फिर से स्कूल का चार्ज रतिया राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य जितेंद्रपाल को सौंपा गया। इससे पहले स्कूल का कार्यभार बीईओ बलबीर सिहाग, रत्ताखेड़ा स्कूल के प्राचार्य नरसी शर्मा, जितेंद्रपाल व अन्य प्राचार्यों के पास रहा है।
इस साल भी नहीं मिलेगा खुद का भवन
आरोही मॉडल स्कूल के लिए गांव से बाहर 8 एकड़ में चार करोड़ 9 लाख रुपये की लागत से आधुनिक भवन बनाया जा रहा है, लेकिन इसका निर्माण साल के अंत होने का अनुमान है। इस वजह से स्कूल के विद्यार्थियों को इस सत्र में भी खुद का भवन नहीं मिलेगा। आगामी साल ही उन्हें भवन मिलने की उम्मीद है। तब तक विद्यार्थियों को प्राइमरी व मिडिल स्कूल में ही कक्षाएं लगानी पड़ेंगी।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य जितेंद्रपाल ने कहा कि आज ही उन्हें आरोही मॉडल स्कूल का कार्यभार मिला है। अध्यापकों की नियुक्ति के लिए समय-समय पर पत्र व्यवहार किया जाता है। यह काम उच्चाधिकारियों का है, लेकिन रतिया स्कूल से कई अध्यापक डेपुटेशन पर भेजे हुए हैं, ताकि पढ़ाई प्रभावित न हो। जल्द ही समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
आरोही मॉडल स्कूल में इस समय कक्षा नौवीं से 12वीं तक कुल 136 विद्यार्थी हैं। स्कूल को अभी तक खुद की इमारत नहीं मिली है। यह स्कूल गांव के प्राइमरी व मिडिल स्कूल के कमरों में चलाया जा रहा है। गांव होने के कारण यहां पर बिजली व पानी की समस्या रहती है। गर्मियों में तो संकट और भी गहरा जाता है। इस स्कूल को हॉट लाइन तो दूर 24 घंटे की बिजली सप्लाई लाइन से भी नहीं जोड़ा गया है। स्कूल में गांव लाली, लालवास, रत्ताखेड़ा, हमजापुर, बुर्ज, भरपूर आदि गांवों के बच्चे पढ़ते हैं। db
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