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Monday 10 March 2014

फेल बच्चे तो होंगे पास, टीचर की एसीआर होगी खराब

** बदलाव : प्रदेश में तीसरी व पांचवीं कक्षा के बच्चों का 25 से 28 मार्च तक होगा असेसमेंट टेस्ट
अब तीसरी व पांचवीं कक्षा का असेसमेंट टेस्ट होगा। पेपर भी बाहर से बनकर आएगा। असेसमेंट टेस्ट में सभी बच्चे पास होंगे। फेल बच्चे तो पास होकर अगली कक्षा में चले जाएंगे, लेकिन परीक्षा परिणाम अगर खराब आया तो अध्यापकों की एसीआर जरूर खराब हो जाएगी। शिक्षा निदेशालय ने प्राइमरी शिक्षकों पर शकंजा कसने की तैयारी की है ताकि अध्यापक बच्चों को अच्छी शिक्षा दे सकें। 25-26 मार्च को पांचवीं कक्षा का असेसमेंट टेस्ट लिया जाएगा तथा 27-28 मार्च को तीसरी कक्षा का टेस्ट लिया जाएगा। 
अभी तक प्राइमरी कक्षा के परिणाम की तरफ ध्यान नहीं दिया जाता था। बच्चों को पास कर अगली कक्षा में प्रवेश दे दिया जाता था। इस पर टीजीटी, पीजीटी एवं सीएंडवी अध्यापकों को एतराज था। वह कहते रहे कि जब निचली कक्षा से बच्चे सही नहीं आएंगे तो वह कैसे पढ़ा सकते हैं, इसलिए जब तीसरी व पांचवीं के बच्चों का असेसमेंट टेस्ट होगा तो संबंधित स्कूल के अध्यापकों की ड्यूटी नहीं लगेगी। टेस्ट के लिए सर्वेयर रखे जाएंगे। सर्वेयर और कोई नहीं पीजीटी, टीजीटी तथा सीएंडवी अध्यापक ही होंगे। 
एसीआर अब एपीएआर होगी: 
अभी तक अध्यापकों की गोपनीय रिपोर्ट को एसीआर कहा जाता रहा है लेकिन अब इसका नाम बदल दिया गया। अब इसे एपीएआर का नाम दिया गया है यानी एनुअल परफॉरमेंस अप्रेजल रिपोर्ट। इस एपीएआर में ही कक्षा के बच्चों की उपलब्धि दर्ज की जाएगी। 
बीडीपीओ ऑफिस से मिलेंगे टेस्ट के पेपर : 
असेसमेंट टेस्ट के लिए पेपर बाहर से तैयार कराए गए हैं। स्कूल टीचर को यह जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई है। पूरे प्रदेश में एक जैसा टेस्ट होगा। इस टेस्ट में अंग्रेजी, हिंदी तथा गणित के प्रश्न पूछे जाएंगे। असेसमेंट टेस्ट के पेपर बीडीपीओ ऑफिस में पहुंचेंगे। वहां से सुबह सात बजे ही सर्वेयर इन टेस्ट के पेपर को ले जाएंगे।
प्रदेश में 9454 स्कूल 
इस समय प्रदेश में 9454 स्कूल हैं। इनमें मिडिल तथा सेकेंडरी स्कूलों के साथ भी अटैच हैं। इन स्कूलों में 50 हजार से ज्यादा अध्यापक बच्चों को पढ़ाते हैं। पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक कोई टेस्ट नहीं लिया जाता है। बच्चे चाहे फेल हों या पास। अध्यापकों को उन्हें अगली कक्षा में प्रवेश देना ही होता है। फेल का झंझट न होने से बच्चे भी ठीक ढंग से पढ़ाई नहीं करते थे। इसलिए इस बार तीसरी तथा पांचवीं कक्षा का असेसमेंट टेस्ट लिया जाएगा। अगले साल से आठवीं कक्षा का भी असेसमेंट टेस्ट लिया जाएगा। 
रैंकिंग में नहीं टेस्ट का प्रयोग
शिक्षा विभाग इस साल से जो असेसमेंट टेस्ट ले रहा है, उस टेस्ट में बच्चों की रैंकिंग नहीं जुड़ेगी। यह टेस्ट बच्चों का लर्निंग लेवल देखने के लिए लिया जा रहा है, क्योंकि शिक्षा विभाग बच्चों के लर्निंग लेवल को बढ़ाने के लिए पॉलिसी तैयार कर चुका है। इसके अलावा अगर किसी टीचर की कक्षा का परिणाम बढिय़ा नहीं आएगा तो उस टीचर को पदोन्नति नहीं मिलेगी। यह जरूर है कि इससे अध्यापकों को परीक्षा परिणाम खराब आने के बाद एसीआर खराब होने का डर सताता रहेगा। 
"लर्निंग लेवल पॉलिसी के तहत असेसमेंट टेस्ट लिए जा रहे हैं। टेस्ट में बच्चों की रैंकिंग नहीं होगी। न ही अध्यापक को पदोन्नति मिलेगी। अगर परीक्षा परिणाम खराब आया तो अध्यापक की एपीएआर खराब हो जाएगी।"--सुधीर कालड़ा, कोर मेंबर, स्कूल ट्रांसफॉर्मेशन प्रोजेक्ट, हरियाणा।                                              dbambl

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