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Wednesday 12 March 2014

इस बार सत्र शुरु होने से पहले पहुंचेंगी किताबें

** सर्व शिक्षा अभियान के निदेशक बुक सप्लाई की खुद कर रहे हैं निगरानी
** हर बच्चे तक पहुंचेंगी पुस्तकें 
** सर्व शिक्षा अभियान के तहत पहली से आठवीं तक के बच्चों को मिलती हैं मुफ्त पुस्तकें 
कैथल : सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं तक पढऩे वाले बच्चों को इस बार पुस्तकों की कमी नहीं रहेगी। सर्व शिक्षा अभियान के तहत मार्च माह के अंत तक सभी स्कूलों में किताबें पहुंच जाएंगी। एसएसए के राज्य परियोजना निदेशक के आदेशों अनुसार सरकारी स्कूल में पढऩे वाले हर बच्चे तक शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले ही पुस्तकें पहुंच जाएंगी। इससे बच्चों की पढ़ाई में भी कोई दिक्कत नहीं आएगी। 
गत वर्ष शिक्षा का सत्र शुरू होने के आठ माह बाद भी बच्चों को पुस्तकें नहीं मिल पाई थी। घटिया कागज और घटिया छपाई के कारण शिक्षा अधिकारियों की शिकायत पर निदेशक ने प्रकाशकों से पुस्तकें लेने से मना कर दिया था। शिक्षा विभाग ने बच्चों की पढ़ाई की समस्या को देखते हुए इस बार शिक्षा सत्र से पहले ही पुस्तकें भेजने का निर्णय लिया है। अभी तक कक्षा सातवीं व आठवीं कक्षा के बच्चों की पुस्तकें पहुंच चुकी हैं। अन्य कक्षाओं की पुस्तकें भी 25 मार्च से पहले पहुंच जाएंगी। जिले के 632 स्कूलों के 95,652 विद्यार्थियों को लाभ पहुंचेगा। 
सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक पंकज अग्रवाल ने बताया कि छह प्रकाशकों को पुस्तकेंं छापने के टेंडर दिए गए हैं। टेंडर के दौरान प्रकाशकों के साथ यह भी शर्त रखी गई थी कि वे अपने वाहन से सीधे पुस्तकें स्कूलों तक पहुंचाएंगे। पिछली बार पुस्तकों की घटिया छपाई और देरी से पुस्तकें पहुंचने से सबक लेते हुए इस बार मुख्यालय में पुस्तकों के लिए प्रयोग हो रहे मटीरियल की जांच की गई थी। जांच के बाद ही पुस्तकें छापने के लिए कहा गया था। इस बार बच्चों को अच्छी हालत में पुस्तकें शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले ही मिल जाएंगी। 
पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी 
गत शिक्षा सत्र में पुस्तकें न पहुंचने के कारण बच्चों के साथ-साथ स्कूल अध्यापकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा था। शिक्षा अधिकारी 10-15 दिनों की बात कह कर आठ माह तक अध्यापकों को टालते रहे थे। बच्चों के पास पढऩे के लिए पुस्तकें नहीं थी। पुस्तकें न पहुंचने के कारण अध्यापक पुरानी किताबों से ही बच्चों को पढ़ाते रहे। लेकिन इस बार बच्चों को समय पर पुस्तकें मिलेंगी। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित नहीं होगी। 
ब्लॉक स्तर पर पहुंचेंगी पुस्तकें 
गत वर्षों में प्रकाशक जिला स्तर पर ही पुस्तकें छोड़कर अपनी ड्यूटी समाप्त कर लेते थे। एक ही स्टेशन पर पुस्तकें रखने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ता रहा है। बारिश के कारण किताबें भीग जाती हैं। इन खराब किताबों को ही बच्चों तक पहुंचा दिया जाता रहा है। लेकिन इस बार ब्लॉक स्तर पर पुस्तकें पहुंचाई जाएंगी। जहां से स्कूलों के मुख्याध्यापक पुस्तकें ले जा सकेंगे। ऐसे में स्कूलों में पुस्तकें पहुंचने में भी देरी नहीं होगी और न ही पुस्तकें खराब होंगी।                                         db

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