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Sunday 2 March 2014

शिक्षा बोर्ड ने जारी किया कारण बताओ नोटिस

** 10 जनवरी को राशि जमा कराने के बावजूद भेजा लेट फीस का नोटिस 
प्रदेश के दर्जनों एडिड स्कूलों के प्रिंसिपल को बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन हरियाणा भिवानी ने कारण बताओ नोटिस जारी कर 12वीं के एससी व बीसी विद्यार्थियों का रोल नंबर रोकने का फरमान जारी कर दिया है। जिससे जिले के 12वीं के 83 विद्यार्थियों का रोल नंबर बोर्ड में अटक गया है। विद्यार्थी व प्रिंसिपल परेशान है।
भिवानी बोर्ड की परीक्षा 7 मार्च से शुरू हो जाएंगी और बोर्ड ने प्रदेश के कई एडिड स्कूलों के प्रिंसिपल को शो केस नोटिस जारी किया है। स्कूल को एक हजार रुपये प्रति विद्यार्थी (एससी, बीसी) लेट फीस चार्जेस परीक्षा से पहले बोर्ड के पास जमा कराने को कहा है। इस नोटिस को देखकर स्कूल प्रिंसिपल परेशान है, क्योंकि बोर्ड ने एससी व बीसी के विद्यार्थियों के लेट फीस चार्जेज न आने की स्थिति में रोल नंबर जारी नहीं करने की बात कही है। बोर्ड ने तर्क दिया था कि सरकारी एवं सरकार से सहायता प्राप्त (एडिड) विद्यालयों ने सेकेंडरी एवं सीनियर सेकेंडरी परीक्षा वर्ष 2013-14 के लिए ऑनलाइन भेजे गए आवेदन पत्रों में, परीक्षा शुल्क छूट हेतू, अनसूचित एवं पिछड़ी जाति के परीक्षार्थियों की संख्या ठीक नहीं भेजी जोकि कानून अपराध है। सूचना के बाद प्रिंसिपल ने 10 जनवरी को जिला समन्वय केंद्र में एक बोर्ड की ओर से भेजा गया प्रोफार्मा जमा करा दिया था। प्रिंसिपल की मानें तो समय पर ही एससी व बीसी विद्यार्थियों की एग्जामिनेशन फीस 640 रुपये के हिसाब से बोर्ड में जमा कराई। प्रिंसिपल ने कहा कि कारण बताओ नोटिस गलत है। जब बोर्ड ने सार्वजनिक सूचना जारी की थी उसमें कहीं भी नहीं लिखा गया था
"जिन स्कूलों को शो केस नोटिस भेजा गया है, सरकार उन एडिड स्कूलों प्राइवेट मानती है। सरकार की ओर से जारी आदेशों के मुताबिक एडिड स्कूल 10वीं तक ही एडिड की श्रेणी में आते हैं। 12वीं क्लास प्राइवेट स्कूल की श्रेणी में आती है। समय पर इन प्राइवेट स्कूलों ने बोर्ड फीस नहीं दी थी जिसकी वजह से एक हजार प्रति विद्यार्थी पर लेट फीस चार्जेज लगाए गए हैं।"--डॉ. अंशज सिंह, सचिव, हरियाणा भिवानी बोर्ड।
बच्चे हो रहे प्रभावित
बोर्ड ने 12वीं कक्षा को एडिड श्रेणी में नहीं माना है इसलिए सभी एडिड स्कूलों के एससी व बीसी विद्यार्थियों से पूरी एग्जामिनेशन फीस जमा कराने को कहा है। ऐसे में अंबाला में करीब दो स्कूलों के सैंकड़ों विद्यार्थी इसमें शामिल हैं। जिसका भविष्य एडिड व अन एडिड के चक्कर में लटकता नजर आ रहा है। चूंकि विद्यार्थियों के पेरेंटस ने पूरी फीस व एग्जामिनेशन फीस दे चूके हैं।                                    djambl

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