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Thursday 6 March 2014

स्कूल को शिक्षा विभाग ने बना दिया ट्रेनिंग सेंटर

** हर माह चार ट्रेनिंग सेंटर लगने से छात्राओं की पढ़ाई हो रही है प्रभावित 
** लड़कियों से छेड़छाड़ का डर, स्कूल स्टाफ करता है निगरानी
** छात्राओं को पढ़ाई की बजाए सुनना पड़ता है ट्रेनिंग सेंटर आए मर्दों का शोर 
कैथल : राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जाखौली अड्डा को शिक्षा विभाग और सर्वशिक्षा अभियान के अधिकारियों ने ट्रेनिंग सेंटर बना दिया है। स्कूल में हर माह चार के करीब ट्रेनिंग शिविर लगाए जाते हैं। ऐसे में जहां लड़कियों की सुरक्षा खतरे में है। वहीं छात्राओं की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। स्कूल स्टाफ छात्राओं को पढ़ाने के स्थान पर लड़कियों की सुरक्षा में लगा रहता है। ट्रेनिंग लेने आए अध्यापकों द्वारा स्कूल में बिखेरी गंदगी को छात्राएं साफ करती हैं। 
दो वर्ष पहले नई बनी स्कूल की बिल्डिंग में हर सप्ताह शिविर चलता रहता है। ऐसे शिविरों के दौरान जहां स्कूल में लगे पौधों को भी नुकसान पहुंचता है। वहीं स्कूल प्रांगण में चारों तरफ गंदगी फैल रही है। स्कूल को ऐसा कोई बजट अलग से नहीं मिलता, जिससे स्कूल में हुए नुकसान की भरपाई की जा सके। शिविर के आयोजक स्कूल फर्नीचर के अलावा मिड-डे मील का भी प्रयोग कर रहे हैं। ऐसे में फर्नीचर की टूट-फूट आम बात हो गई है। 
अभियान के अधिकारी जिम्मेदार 
जिला शिक्षा अधिकारी दयानंद अंतिल ने कहा कि कन्या स्कूल में अव्यवस्था के लिए सर्व शिक्षा अभियान के अधिकारी जिम्मेदार हैं। उनके पास अलग से बजट आता है। स्कूल की सफाई और टूटे सामान की मरम्मत करवा सकते हैं। कन्या स्कूल में अधिकतर कार्यक्रम सर्वशिक्षा अभियान के तहत ही होते हैं। 
परिणाम खराब आया तो हमें पूछा जाएगा 
स्कूल प्रिंसिपल शशि गुलाटी ने बताया कि स्कूल में ऐसे शिविरों के कारण छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित होती है। अगर परीक्षा परिणाम बढिय़ा नहीं आता तो उनसे ही पूछा जाएगा। उन्होंने शिक्षा अधिकारी को स्कूल में आ रही समस्याओं के बारे मे अवगत करवा दिया है। स्कूल के चौकीदार पाला राम ने बताया कि वे पीयन कम चौकीदार की ड्यूटी कर रहा है। मंगलवार को जिला स्तरीय अशक्त बच्चों की खेलकूद प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। प्रबंधक शाम को सोफे, मेज, कुर्सियां व स्पीकर खेल मैदान में ही छोड़कर चले गए। रात को बूंदाबांदी शुरू हो गई। उसने अकेले ही सामान को अंदर रखा। चारों तरफ कचरा बिखरा पड़ा है। कूड़ेदान भी नहीं रखा गया। पीटीआई की ट्रेनिंग के दौरान चारों तरफ गंदगी बिखरी पड़ी थी। शौचालय की टूटियां तोड़ दी गईं। साइंस लैब में झूठे बर्तन पड़े थे, जहां बच्चों का मिड-डे मील तैयार किया जाता है। 
ऐसी व्यवस्था कहीं नहीं 
सर्व शिक्षा अभियान के इंचार्ज सुरेंद्र मोर ने कहा कि बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए ही शिविरों का आयोजन किया जाता है। जिले के किसी स्कूल में इस स्कूल जैसी सुविधाएं नहीं हैं। ऐसे में अधिकतर शिविर यहीं लगाए जाते हैं। अगर शिक्षा विभाग कहीं दूसरे स्थान पर ऐसी व्यवस्था दे तो वे वहां शिविर लगाने शुरू कर देंगे। सर्व शिक्षा अभियान के तहत स्कूल को ग्रांट दी जाती है। इसी ग्रांट में से स्कूल के खराब हुए सामान की मरम्मत कराई जा सकती है। जहां तक लड़कियों की सुरक्षा का सवाल है। इस बारे में पहले ही शिविर में पहुंचे अध्यापकों और बच्चों को हिदायतें दे दी जाती हैं। 
हमें पूछा तक नहीं जाता 
स्कूल प्रबंधक समिति के अध्यक्ष हरी सिंह ने कहा कि हर माह यहां चार के करीब ट्रेनिंग सेंटर लगाए जाते हैं। शहर में कई अन्य स्कूल भी हैं। जहां ऐसे सेंटर लगाए जा सकते हैं। इन ट्रेनिंग सेंटर्स के बारे में स्कूल प्रबंधक समिति को पूछा भी नहीं जाता। लड़कियों का स्कूल होने के कारण वे ऐसे ट्रेनिंग सेंटर्स का विरोध करते हैं। उन्होंने इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी को भी शिकायत की है। अब डीसी को भी शिकायत करेंगे। हरियाणा अध्यापक संघ के सचिव सतबीर गोयत ने कहा कि शिक्षा विभाग को किसी अन्य जगह पर ऐसे शिविर का आयोजन किया जाना चाहिए।                                db

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