.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Wednesday 12 March 2014

प्रदेश में विद्यार्थियों का शिक्षा स्तर जांचेगा विभाग

** तीसरी व पांचवीं कक्षा के छात्र होंगे शामिल, 25 से 28 मार्च तक होंगी परीक्षाएं
सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर जांचने के लिए जिला मौलिक शिक्षा विभाग ने तैयारी कर ली है। इसके लिए तीसरी व पांचवीं कक्षा को चयनित किया गया है। प्रदेशभर में 25 से 28 मार्च तक परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। परीक्षा के परिणाम के आधार पर शैक्षणिक सुधार के कार्यक्रम तय होंगे। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाना है।   
पिछले कई सालों से प्रदेश में आठवीं कक्षा तक विद्यार्थियों को फेल करने पर प्रतिबंध लगा हुआ है। जबकि पांचवीं कक्षा तक तो विद्यार्थियों की परीक्षा भी नहीं ली जाती है। लेकिन इन स्थितियों में शिक्षा की गुणवत्ता पर सवाल उठाए जाते रहे हैं। शिक्षकों और विद्यार्थियों दोनों पर पढ़ाई के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप लगते रहे हैं। दसवीं के खराब रिजल्ट के लिए इसी को प्रमुख कारण माना गया। लेकिन अब मौलिक शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों के शिक्षा स्तर को जांचने की तैयारी कर ली है। प्रदेशभर में अंग्रेजी, हिंदी व गणित विषयों की परीक्षा का आयोजन होगा। परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र शिक्षा बोर्ड ही तैयार करेगा। इस परीक्षा के आयोजन के लिए सभी खंडों में ड्यूटी देने वाले टीचर्स को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए एससीईआरटी गुडग़ांव की ओर से मास्टर ट्रेनर को तैयार कर दिया गया है। 
पहले होगी पांचवीं की परीक्षा, फिर तीसरी की 
शिक्षा का स्तर जांचने के लिए ली जाने वाली परीक्षा की शृंखला में पहले पांचवीं कक्षा की परीक्षा ली जाएगी। पांचवीं की परीक्षा 25 व 26 मार्च को तथा तीसरी कक्षा की परीक्षा 27 और 28 मार्च को आयोजित की जाएगी। पीजीटी, मास्टर, सीएंडवी अध्यापक परीक्षाओं में ड्यूटी देंगे। 
परीक्षा लेने के लिए ट्रेनिंग 10 से शुरू 
इस परीक्षा के आयोजन के लिए सभी खंडों में ड्यूटी देने वाले टीचर्स को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए एससीईआरटी गुडग़ांव की ओर से मास्टर ट्रेनर को तैयार कर दिया गया है। यह मास्टर ट्रेनर 10 मार्च से 23 मार्च तक परीक्षा लेने के लिए ट्रेनिंग प्राप्त करेंगे। 
यह परीक्षा एक तरह का सर्वे 
अधिकारियों के अनुसार यह परीक्षा एक तरह का सर्वे है। हिंदी, अंग्रेजी व गणित विषयों की परीक्षा लेकर तीसरी व पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों के शिक्षा स्तर का आंकलन किया जाएगा। परीक्षा की कार्रवाई बोर्ड की तरह होगी। 
परीक्षा परिणाम के आधार पर तैयार होंगे कार्यक्रम 
दोनों कक्षाओं की परीक्षा से देखा जाएगा कि बच्चों का स्तर क्या है। अगर इसमें कोई कमी मिलती है तो इसके कारण क्या हैं। बच्चों में परिश्रम की कमी है या फिर शिक्षकों के पढ़ाने में गंभीरता नहीं है। बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए क्या तरीके अपनाए जाएं अर्थात बच्चों को किस ढंग से पढ़ाने की जरूरत है। गुणवत्तायुक्त शिक्षा के लिए क्या तकनीक अपनाई जाएं अर्थात कौन से ऐसे प्रोग्राम तैयार किए जाएं, जिनसे बच्चों का पठन-पाठन बेहतर हो सके।                                    dbkrnl

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.