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Wednesday 18 November 2015

नौकरी से हटाये गए 3581 गेस्ट टीचर्स अब रह सकेंगे 31 मार्च तक 'मेहमान'

** शिक्षकों की कमी को देखते हुए हाईकोर्ट ने दी बहाली की अनुमति 
** सरकार को आदेश दिए कि मार्च 2016 के बाद कोई सरप्लस गेस्ट टीचर स्कूल में काम नहीं करेगा
चंडीगढ़ : हरियाणा के स्कूलों में सरप्लस करार दिए गए 3581 अतिथि अध्यापकों को मंगलवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से राहत मिली। हाईकोर्ट ने उन्हें 31 मार्च तक स्कूलों में पढ़ाने की अनुमति दे दी। इन्हें 20 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन भी मिलता रहेगा। सरकार की आेर से पेश हुए एडवोकेट जनरल बलदेव महाजन ने कहा, 'नियमित अध्यापकों की भर्ती जल्द पूरी की जाएगी। इस दौरान बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो, इसलिए अतिथि अध्यापकों को काम करने दिया जाए।' जस्टिस एसके मित्तल और जस्टिस डॉ. शिखर धवन की बेंच ने कहा, 'हम बच्चों की पढ़ाई को लेकर चिंतित हैं। इसलिए नौकरी से हटाए गए अतिथि अध्यापकों को 31 मार्च 2016 तक स्कूलों में पढ़ाने की अनुमति दी जा रही है। लेकिन सरकार को अंडरटेकिंग देनी होगी कि इसके बाद कोई भी सरप्लस अतिथि अध्यापक स्कूलों में काम नहीं करेगा। तब तक सरकार को नियमित अध्यापकों की भर्ती और अध्यापकों के प्रमोशन का काम भी पूरा करना होगा।' 
आगे क्या 
गेस्ट टीचर्स को कुछ दिन की राहत मिली है। इसलिए वे जुलाई से नवंबर तक बर्खास्तगी के दौरान के वेतन की शर्त रख सकते हैं। वहीं, सरकार को इन्हें दोबारा नौकरी से हटाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। 
हुड्‌डा सरकार ने बताया था सरप्लस 
वर्ष 2012 में तत्कालीन हुड्‌डा सरकार ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर प्रदेश में 4073 गेस्ट टीचर्स को सरप्लस बताया था। इस पर हाईकोर्ट ने इन्हें हटाने के आदेश दिए। लेकिन हुड्‌डा सरकार नियमित भर्ती होने तक गेस्ट टीचर्स की सेवाएं बरकरार रखने की बात करती रही। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद जुलाई 2015 में भाजपा सरकार ने 3581 गेस्ट टीचर्स (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर) की छुट्‌टी कर दी। अब भाजपा सरकार ने भी नियमित भर्ती तक सरप्लस गेस्ट टीचर्स को बहाल रखने की अनुमति मांगी थी। 
एफिडेविट नहीं, सरकार की अंडरटेकिंग चाहिए : कोर्ट 
हाईकोर्ट ने एडवोकेट जनरल बलदेव महाजन से कहा कि क्या हरियाणा सरकार यह अंडरटेकिंग दे सकती है कि दो महीने में नियमित शिक्षकों की भर्ती कर ली जाएगी। इस पर एडवोकेट जनरल ने कहा, 'सरकार ने नियमित भर्तियों के शेड्यूल जारी कर दिए हैं। इसके बारे में कोर्ट को हलफनामे के माध्यम से जानकारी भी दी गई है। इस पर बेंच ने कहा, 'हमें एफिडेविट नहीं चाहिए बल्कि हरियाणा सरकार की अंडरटेकिंग चाहिए।' 
सरकार ने नियमित भर्ती तक मांगी थी राहत 
गौरतलब है कि हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने 6 जुलाई 2015 को सरप्लस गेस्ट टीचर्स को नौकरी से हटाने के आदेश दिए। इस पर सरकार ने 3581 गेस्ट टीचर्स को हटा दिया। अन्य के बारे में बताया गया कि या तो वह नौकरी छोड़ गए या कुछेक की मौत हो चुकी है। सिंगल बेंच के आदेशों को गेस्ट टीचर्स ने हाईकोर्ट की डबल बेंच में चुनौती दी। डबल बेंच ने सभी पक्षों को नोटिस जारी कर 15 दिसंबर के लिए सुनवाई तय की। लेकिन सरकार ने मामले की जल्दी सुनवाई के लिए याचिका दायर की। सरकार ने बताया कि स्कूलों में टीचर्स की कमी के कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। ऐसे में नौकरी से हटाए गए गेस्ट टीचर्स को नियमित शिक्षकों की नियुक्ति तथा शिक्षकों के प्रमोशन तक नौकरी में बने रहने का मौका दिया जाए।                                                                                  db

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