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Monday 23 November 2015

आदेशों की होली फूंकेंगे कर्मचारी

** कर्मचारियों की हड़ताल पर रोक के विरोध में समर्थन में उतरे राजनेतिक दल 
चंडीगढ़ : हरियाणा के राजनीतिक दल सरकारी कर्मचारियों के समर्थन में डटकर खड़े हो गए हैं। प्रमुख विपक्षी पार्टी इनेलो, कांग्रेस और हजकां ने सरकार के पक्ष में खुलकर आवाज बुलंद की है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार के उस फैसले पर कड़ा प्रहार किया है, जिसमें भाजपा सरकार ने कर्मचारियों की हड़ताल पर रोक लगाई है। हुड्डा ने कहा कि सरकार कर्मचारियों को पीटने के बाद रोने भी नहीं दे रही है। यह कहां का न्याय है। 
दूसरी तरफ सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने भाजपा सरकार द्वारा हड़ताल, धरने, प्रदर्शनांे एवं सामूहिक अवकाश पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को काला कानून बताया है। इस फैसले खिलाफ सोमवार को सभी जिलांे व ब्लॉकों में प्रदर्शन किए जाएंगे तथा सरकार के आदेशांे की प्रतियां फूंकी जाएंगी। संघ ने सभी राजनीतिक दलांे और जनसंगठनांे से सरकार के फैसले के खिलाफ कर्मचारियों के हित में आवाज बुलंद करने का आग्रह किया है। भाजपा सरकार ने शनिवार को आदेश जारी कर कर्मचारियों की हड़ताल, धरने और प्रदर्शनों के साथ-साथ सामूहिक आकस्मिक अवकाश लेने पर रोक लगा दी है। ऐसा इसलिए भी किया गया है कि कर्मचारी सरकार पर एक साल में एक भी चुनावी वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगा रहे और इसके विरोध में 25 नवंबर को करनाल में राज्य स्तरीय रैली का आयोजन कर रहे हैं।
सरकार ने खुद पैदा किए आंदोलन के हालात
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रधान धर्मबीर फौगाट व महासचिव सुभाष लांबा ने के अनुसार सरकार चुनाव घोषणा पत्र में कर्मचारियांे से किए वादांे पर एक वर्ष में अमल करने में पूरी तरह विफल रही है। सरकार ने पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा रिटायरमेंट की बढ़ाई उम्र को वापस 58 वर्ष करने, नियमित करने की सभी अधिसूचनाआंे पर रोक लगाने, हजारांे ठेका कर्मचारियांे को नौकरी से बाहर करने व पूर्व सरकार की ठेका प्रथा, आऊटसोर्सिग की नीतियांे को तेज करने का काम किया है। सरकार एक वर्ष में छठे वेतन आयोग की विसंगतियांे को भी दूर करने में विफल रही है। सरकार 5 हजार निजी बसांे को अपने बेड़े में शामिल कर रही है, जिसके खिलाफ रोडवेज कर्मचारी बसों का चक्का जाम करने जा रहे हैं।
सरकार पीट भी रही और रोने भी नहीं दे रही : हुड्डा

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार पहले अपने चुनाव घोषणा पत्र में किए वादे के अनुरूप पंजाब के समान वेतनमान दे तथा कच्चे कर्मचारियों को नियमित करे। यदि सरकार ऐसा कर पाती है तो वे खुद कर्मचारियों से हड़ताल नहीं करने का अनुरोध करेंगे अन्यथा वे कर्मचारियों के साथ हैं और सरकार के हड़ताल पर प्रतिबंध के फैसले का डटकर विरोध करने वाले हैं। हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार कर्मचारियों को हर रोज पीट रही है और पीटने के बाद रोने भी नहीं दे रही है। हड़ताल करना कर्मचारियों का प्रजातांत्रिक अधिकार है, जिसे छीना नहीं जाना चाहिए। हुड्डा ने कहा कि एक तरफ सरकार आपातकाल के पीड़ित लोगों को पेंशन देने का दावा कर रही है और दूसरी तरफ कर्मचारियों के लिए आपातकाल सरीखे हालात पैदा किए जा रहे। सरकार प्रदेश को पूरी तरह से रसातल में ले जाकर मानेगी।
कर्मचारियों से किए वादे पूरे करे सरकार : चौटाला 
विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला का कहना है कि कर्मचारियों के हड़ताल में शामिल होने और सामूहिक अवकाश लेने पर लगाई गई रोक प्रजातंत्र विरोधी है। यह एक प्रकार से अघोषित इमरजेंसी के समान हैं जिसमें कर्मचारियों के लोकतांत्रित व संवैधानिक अधिकारों को कुचलने का प्रयास किया गया है।
विधानसभा में उठाएंगे कर्मचारियों के मुद्दे : किरण 
कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी का कहना है कि पीड़ित और प्रताड़ित कर्मचारी अगर अपनी आवाज नहीं उठाएंगे और धरने-प्रदर्शन में शामिल नहीं होंगे तो वे अपने अधिकारों को कैसे हासिल कर सकते हैं। विधानसभा सत्र में इस जनविरोधी आदेश को वापस लेने के लिए प्रमुखता से उठाया जाएगा।                                                                      dj 

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