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Sunday 15 November 2015

परीक्षा पर प्रश्नचिह्न्, आखिर कब खुलेगी आंख।

वही हुआ जिसकी आशंका थी। हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा यानी एचटेट का पेपर जींद जिले में लीक होने और फिर रद होने से सरकार, शिक्षा विभाग व शिक्षा बोर्ड के प्रबंधों पर फिर प्रश्नचिन्ह चस्पा हो गया है। तीन को हिरासत में लेकर पुलिस ने मोबाइल में मिली आंसर- की शिक्षा बोर्ड मुख्यालय भिजवा अपना दायित्व तो पूरा किया , पर अब लाखों उन अभ्यर्थियों के लिए गंभीर चिंता पैदा हो गई है जो कड़ी मेहनत करके परीक्षा देने आए थे। कई जिलों में ओआरएम शीट देरी से देने व कई जगह गलत देने, फिर अतिरिक्त समय देने की भी सूचना है जो प्रबंधों की घोर विफलता की ओर संकेत दे रही है। 
यह परीक्षा प्रदेश सरकार के लिए बड़ी चुनौती थी। एआइपीएमटी और एसएससी की परीक्षा में पेपर लीक होने के बाद सरकार, विभाग व स्थानीय प्रशासन की क्षमता और प्रबंध कौशल पर अंगुलियां उठने लगी थीं। नकल माफिया का मकड़जाल स्थापित होने की बात सरकार ने भी स्वीकार कर ली थी। एक चुनौती यह भी थी कि पात्रता परीक्षा हाल के दिनों में दो बार विविध कारणों से स्थगित हो चुकी थी, तीसरी बार यदि ऐसा हुआ तो साख धूल में मिलने से नहीं बचेगी। तीसरी बार भी ऐसा हो ही गया। इस बार हर परीक्षा केंद्र पर जैमर लगाए जाने के साथ, पुलिस की अत्यधिक तैनाती, कंट्रोल रूम व उड़न दस्तों की भरमार व परीक्षा केंद्रों को अभेद्य किला बनाने के दावे किए गए। पिछली गलतियों की पुनरावृत्ति हर हाल में रोकने को प्रतिबद्धता दिखाई गई। माना जा रहा था कि यह परीक्षा सरकार की अग्निपरीक्षा साबित होगी क्योंकि 2012 में पात्रता परीक्षा का इतना खुल कर मखौल हुआ था कि मामला कोर्ट में पहुंचा, जांच हुई और उसी परीक्षा के आधार पर नौकरी पाने वाले हजारों शिक्षकों को आज तक ज्वाइनिंग नहीं मिली , अनेक पर मुकदमा दर्ज हो चुका और वर्तमान तथा भविष्य पर अंधकार छा गया है। आरोप तो यह भी लगा कि इतनी धांधली की छूट अधिकारियों की शह और सरकार के आंख मूंदने के कारण मिली थी। उदाहरणों से एक बात स्वत: साबित हो रही है कि परीक्षा की दृष्टि से हरियाणा सुरक्षित या आदर्श राज्य नहीं है। इस छवि को बदलना सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। साढ़े छह लाख से अधिक अभ्यर्थियों की परीक्षा के लिए आधी अधूरी तैयारी के साथ शिक्षा बोर्ड मैदान में उतर गया जिसका खामियाजा अब अभ्यर्थियों को ही उठाना पड़ेगा। आखिर कब खुलेगी आंख।                                                                                    djedtrl 

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