नौनिहालों की सरकारी स्कूल तक पहुंचने की डगर आसान करने के लिए शिक्षा निदेशालय ने व्यापक स्तर पर बदलाव के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। प्रदेश भर के सभी सरकारी स्कूलों में 24 मार्च को ही परीक्षा परिणाम घोषित किया जाएगा
बीते दिनों पंचकूला में हुई खंड मौलिक शिक्षा अधिकारियों, खंड शिक्षा अधिकारियों व एबीआरसी की बैठक में इस तथ्य का खुलासा किया गया है। पहली से बारहवीं तक के विद्यार्थियों को अब मार्च माह में सालाना परीक्षा समाप्त होने के बावजूद भी नियमित रूप से लगने वाली कक्षाओं में पढ़ाया जाएगा। अब तक कायम व्यवस्था के तहत परीक्षाओं के बाद बच्चों की कुछ दिन के लिए छुट्टियां कर दी जाती रही हैं। सभी सरकारी स्कूलों में गठित एसएमसी कमेटियों का पुनर्गठन किया जाएगा। इस कमेटी में अध्यक्ष पद पर बने व्यक्ति को अनिवार्य रूप से बदलना जरूरी किया गया है। इतना ही नहीं एसएमसी कमेटियों का सोशल ऑडिट भी किया जाएगा, जिसके तहत पिछले दो साल तक का लेखा जोखा खंगाला जाएगा। इसके अलावा सभी सरकारी स्कूलों में ही आगामी 24 मार्च को परीक्षा परिणाम घोषित करना अनिवार्य होगा और 25 मार्च से बच्चों की सरकारी स्कूलों में नियमित रूप से कक्षाओं का संचालन किया जाएगा। निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि बोर्ड परीक्षाओं में बैठने वालों के भी विद्यालय में प्रोविजनल रूप से दाखिले कर उन्हें अगली कक्षा में नियमित रूप से पढ़ाया जाएगा।
अब निदेशालय से ही आएगी पुस्तकों की किट :पाठय़क्रम की पुस्तकों के अभाव में अब बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं हो पाएगी, क्योंकि जिला मुख्यालय की व्यवस्था को भंग कर शिक्षा निदेशालय से ही पूरे पाठय़क्रम से संबंधित पुस्तकों की किट सीधे विद्यालय में ही बच्चों के हाथों तक पहुंचाई जाएगी।
पांचवीं के बाद छठी में शिक्षक करवाएंगे दाखिले : छठी में पहुंचने वाले विद्यार्थी का दूसरे सरकारी विद्यालय में दाखिले करवाना स्कूल मुखिया की जिम्मेवारी होगी। ऐसे सभी बच्चों को किसी दूसरे विद्यालय में नियमित रूप से पढ़ाई जारी रखने के लिए दाखिला दिलाने और उनके विद्यालय में मिलने वाली सरकारी योजनाओं के स्थानांतरण से लेकर छात्रवृत्ति का खाता संख्या भी दूसरे विद्यालय में स्थानांतरित करवाने की पूरी जिम्मेवारी प्राइमरी विंग के हेड की होगी।
...DJ
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