प्रदेश भर के सब सरकारी और सहायता मान्यता प्राप्त स्कूलों में स्कूल प्रंबधन समितियों का पुर्नगठन इसी महीने की 24 तारीख को किया जायेगा।
विभागीय सुत्रों से मिली जानकारी के अुनसार शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत सब स्कूलों में स्कूल प्रंबधन को चलाने के लिए स्कूल मैंनजमेंट कमेटियों का गठन 22 मार्च 2011 को प्रदेश में पहली बार किया गया था। हर दो वर्ष केे बाद इसका पुर्नगठन 22 मार्च को ही किया जाता रहा है।
लेकिन अब की बार स्कूलों में परीक्षाओं के चलते इसका अब इनका गठन 22 मार्च को न कर 24 मार्च को दिन रविवार को किया जाना है।
सुत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार स्कूल पं्रबधन समितियों का पुर्नगठन करने के लिए विभाग 12 मार्च से 15 मार्च तक खंड शिक्षा अधिकारी, खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी और एबीआरसी के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन निदेशालय की ओर से किया जायेगा।
सब स्कूलों में उक्त निर्धारित तिथि को सुबह 10 बजे स्कूल के प्रांगण में स्कूल में पढऩे वाले सब बच्चों के माता-पिता, अभिभावकों व संरक्षकों को आमिंत्रत कर अपने अपने स्कूलो में स्कूल प्रंबधन समिति का गठन किया जाना है।
उसी दिन सभी अभिभावक स्कूल की समस्याओं पर विचार, स्कूल का विकास, वार्षिक लेखा जोखा, स्कूल विकास , गुणवत्तापूर्ण शिक्षा , स्कूल में बच्चों का नामांकन, निशुल्क हकदारियां, बच्चों का स्कूल में ठहराव आदि के बारे में भी विचार विमर्श किया जायेगा। इतना ही नहीं इसी दिन स्कूल में बच्चों का परीक्षा परीणाम भी इसी दिन सुनाना का निर्णय भी लिया गया है।
स्कूल प्रंबधन समिति के सदस्यों को आमसभा में बुलाने के लिए कम से कम एक सप्ताह पहले लिखित में सूचना देनी अनिवार्य कही गई है। स्कूल में आम सभा के आयोजन के प्रंबध का पूर्ण जिम्मा स्कूल मुखिया को सौंपा गया है। स्कूलों में एस एम सी के पुर्नगठन में होने वाली कमी के लिए स्ंवय स्कूल मुखिया सीधे तौर पर जिम्म्ेावार होगें।
स्कूल कमेटी को बेहतर तरीके से बनाने के लिए विभाग ने कमर कस ली है। इसके लिए सब माता पिताओं को आम सभा में भाग लेने की अपील भी की गई है।
ये बन सकते है एस एम सी के सदस्य-
यदि कोई स्कूल मैंन्जमेंट कमेटी का सदस्य बनाना चाहता है तो इसका सदस्य वहीं बन सकता है। जिसका बालक उक्त स्कूल में पढ़ता हो, जिस स्कूल की कमेटी का वह सदस्य बनना चाहता है। माता पिता के लिए इसमें 75 प्रतिशत सीटें निर्धारित है, महिलाओं की भागीदारी को सुनिशिचत करने के लिए महिलाओं को 50 प्रतिशत चुनना भी जरूरी है, विशेष आवश्यकता वाले बालकों के माता पिताओं को भी जहां इसमें शामिल किया गया है वहीं अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्गो के लिए भी स्थान रखा गया है।
इसके साथ साथ उस क्षेत्र के ग्राम पंचायत, नगरपालिका, नगर निगम, शिक्षाविद, दान दाता, स्थानीय गैर सरकारी संगठन जोकि शिक्षा के उत्थान में अपना योगदान दे रहे हो वो सब भी एस एम सी के 25 प्रतिशत सदस्य संख्या के रूप में कमेटी के सदस्य बन सकते है।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.