**लगातार मिलती शिकायतों के बाद विभाग का फैसला
**अब लगातार दो साल कोई नहीं रह सकेगा अध्यक्ष
**स्कूल कमेटी का प्रमुख नहीं बन सकेगा अध्यक्ष
प्रदेश के सरकारी स्कूलों के प्राचार्यों और स्कूल प्रबंधन कमेटियों (एसएमसी) के अध्यक्षों की ओर से शिक्षा संबंधी योजनाओं में गड़बडिय़ों व विवादास्पद प्रस्ताव लागू करने की शिकायतें मिलने के बाद शिक्षा विभाग ने इन कमेटियों का पुनर्गठन करने का फैसला लिया है। विभागीय आदेश के अनुसार प्रदेश के 21 जिलों में 15 हजार 14 स्कूलों में 24 मार्च को एसएमसी के अध्यक्ष बदल दिए जाएंगे। अब एसएमसी का अध्यक्ष वहीं व्यक्ति बनेगा जो एसएमसी का सदस्य और स्कूल भवन कमेटी का अध्यक्ष नहीं होगा।
विभागीय सूत्रों के मुताबिक भविष्य में स्कूल प्रबंधन कमेटियों को लेकर शिकायत न मिले, इसके लिए विभाग ने कमेटी गठन की प्रक्रिया में भी बदलाव किया है। अब एक व्यक्ति लगातार दो साल तक एसएमसी का अध्यक्ष नहीं रहेगा। प्राइमरी, मिडिल, उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों का व्यक्ति एक ही प्रबंधन समिति का सदस्य होगा। गौरतलब है कि 23 मार्च को केंद्र सरकार की ओर से लागू की गई इस योजना को दो साल पूरे हो रहे है।
ब्यौरा बनाने में जुटी कमेटियां :
शिक्षा विभाग के आदेश के बाद सरकारी स्कूलों की कमेटियां अपना वार्षिक ब्यौरा तैयार करने में जुट गई हैं ताकि उसे 24 मार्च को अभिभावकों की आम सभा में रखा जा सके।
रोहतक की जिला परियोजना संयोजक कुसुमलता ने बताया कि सरकारी स्कूलों के विकास और उनमें पढ़ाई कर रहे बच्चों की शिक्षा का स्तर बेहतर बनाने के साथ ही एसएमसी के कार्यों में पारदॢशता लाने के उद्देश्य से ही शिक्षा विभाग ने कमेटियों में बदलाव का फैसला लिया है। एसएमसी गठन की प्रक्रिया में मदद के लिए हर स्कूल में 500-500 रुपए की वित्तीय मदद भेजी जा रही है।
नए बच्चों को वीआईपी ट्रीटमेंट:
नए सत्र में सरकारी स्कूलों में बच्चों का स्वागत किसी वीआईपी की तरह किया जाएगा। नए सत्र में पहली बार दाखिला लेने वाले बच्चों को विशिष्ट अतिथि की तरह पहली पंक्ति में बैठाया जाएगा। स्कूल के वरिष्ठ बच्चे अपने नए साथियों के माथे पर तिलक लगाकर अभिनंदन करेंगे। विभाग ने 'प्रवेश उत्सव' के लिए दाखिला प्रक्रिया में भी बदलाव किया है। रोहतक के सहायक खंड संसाधन संयोजक योगेंद्र राणा ने बताया कि नई प्रक्रिया के तहत कक्षा प्रभारी को हर बच्चे का 'शिक्षा सेतु प्रपत्र' भी भरना होगा, जो स्कूल बदलने में सहायक होगा। इस प्रपत्र में छात्र के सतत समग्र मूल्यांकन, छात्रवृति और लाभांवित योजनाओं से जुड़ी जानकारियां होंगी।
एसएमसी की जिम्मेदारियां:
*शिक्षकों की ओर से दी जाने वाली शिक्षा व उनके फैसलों पर नजर रखना। बेहतरी के लिए सुझाव देना।
*काम में पारदर्शिता लाने के लिए फंड अलग खाते में रखना और सालभर का ऑडिट करवाना।
*मिड-डे मिल तैयार कराना और उस पर निगरानी रखना।
*स्कूल के सालाना खर्च व आय का लेखा-जोखा रखना।
*आसपास रहने वाले हर बच्चे को स्कूल तक लाना।
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