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Tuesday 19 November 2013

प्राध्यापकों के आंदोलन को दबाने की तैयारी

** अनुदान प्राप्त विद्यालयों के 10 प्राध्यापक बनाए गए हेड एग्जामिनर 
** करीब 35 अतिथि अध्यापकों से कराया मूल्यांकन
करनाल : हरियाणा स्कूल लेक्चरार एसोसिएशन के बैनर तले जारी प्राध्यापकों को आंदोलन को दबाने की तैयारी की जा रही है। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का प्राध्यापकों ने बहिष्कार किया हुआ है। इसके चलते शिक्षा विभाग की सांस फूली हुई है। सोमवार को सरकारी अनुदान प्राप्त स्कूलों के प्राध्यापकों व अतिथि अध्यापकों की मदद से आंशिक रूप से मूल्यांकन कार्य की शुरुआत की गई।
मूल्यांकन करीब 35 प्राध्यापकों ने किया, जबकि मूल्यांकन को सुचारु से चलाने के लिए करीब 280 प्राध्यापक चाहिए। ऐसे में चुनौती इस आंकड़े तक पहुंचने की है। यदि यह संख्या पूरी नहीं की गई तो मूल्यांकन कार्य बेहद लंबा खिंच सकता है। राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रेलवे रोड में मूल्यांकन केंद्र बनाया गया है। करीब 11 दिन से प्राध्यापकों ने मूल्यांकन का बहिष्कार किया हुआ है। इससे विद्यार्थियों का परिणाम देरी से आने के आसार बन चुके हैं। प्राध्यापकों की मांगों में प्राध्यापकों का प्रारंभिक ग्रेड पे 5400 रुपये किया जाए। प्राध्यापकों का पद नाम लेक्चरार ही रखा जाए। सभी पीएचडी व एमफिल डिग्री धारक प्राध्यापकों की पदोन्नति कालेज में की जाए। प्रधानाचार्य पद पर शतप्रतिशत पदोन्नति दी जाए और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों का नाम इंटर कॉलेज किया जाए। एसोसिएशन के जिला प्रधान बीर सिंह राणा ने कहा कि सरकार ने उनकी मांगों को स्वीकार कर लिया था, लेकिन उन्हें लागू नहीं किया जा रहा है। इसके चलते प्राध्यापकों में रोष है। उन्होंने कहा कि मांगें पूरी नहीं होने तक बहिष्कार जारी रहेगा। द्वितीय सेमेस्टर की मार्च में होने वाली परीक्षाओं के संचालन का भी बहिष्कार किया जाएगा। क्रमिक अनशन करेंगे और रोहतक व चंडीगढ़ में धरना प्रदर्शन किया जाएगा। प्रशासन अनुदान प्राप्त विद्यालयों के प्राध्यापकों से मूल्यांकन कराकर महज नाटक कर किया जा रहा है। यह मूल्यांकन नियमों को ताक पर रखकर कराया जा रहा है। इससे विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा। इस दौरान उपाध्यक्ष शैलेंद्र सिंह, महासचिव हरिशंकर शर्मा, प्रमोद शर्मा, सतीश गौतम, सतबीर आर्य, सतीश बधनारा, सतींद्र, चंद्रपाल व बलवान मौजूद रहे। 
दूसरी ओर मार्किंग सेंटर के ऑफिस इंचार्ज नरेश का कहना है कि अनुदान प्राप्त स्कूलों के दस प्राध्यापकों को हेड एग्जामिनर बनाया गया है। जबकि करीब 35 अतिथि अध्यापकों ने 10 विषयों का मूल्यांकन शुरू कर दिया है। लेकिन यह संख्या कम है। मूल्यांकन सुचारु रूप से चलाने के लिए करीब 280 प्राध्यापकों की जरूरत है। उम्मीद है कि मंगलवार को मूल्यांकन कार्य करने वाले अतिथि अध्यापकों की संख्या बढ़ जाएगी।              dj

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