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Tuesday 12 November 2013

शिक्षा विभाग का एक और कारनामा

** इस बार सरोजिनी नायडू की जीवनी में गड़बड़ी
भिवानी : प्रदेश के शिक्षा विभाग का एक और कारनामा अब सामने आया है। अभी तक दूसरी कक्षा की हिंदी की कार्यपुस्तिका में हरियाणा के नक्शे में से पलवल जिले के गायब होने का मामला शांत भी नहीं हुआ कि देश की पहली महिला राज्यपाल एवं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष सरोजिनी नायडू की जीवनी को ही बदल दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले पहली से पांचवीं कक्षा के सभी बच्चों को शिक्षा द्वारा लाखों पाठ्य पुस्तकें नि:शुल्क मुहैया करवाई जाती हैं। विभाग के अधिकारियों की लापरवाही कहें या विषय विशेषज्ञों की उदासीनता कि पुस्तकों में ढेरों गलतियां हैं। एक ही प्रकाशक से छपवाई गई पुस्तकों में एक ही पाठ्यक्रम को अलग-अलग प्रस्तुत किया गया है। देश की आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले महापुरुषों की जीवनियों तक में लापरवाही की हद है।
कक्षा चौथी की हिंदी की पाठ्यपुस्तक के पेज नंबर 63 पर अध्याय 18 में भारत कोकिला : सरोजिनी नायडू नाम से पाठ है। इसमें सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 व मृत्यु दो मार्च 1949 बतायी गई है। इसी विभाग द्वारा पांचवीं कक्षा की किताब के पाठ संख्या दस में सरोजिनी नायडू के जन्म एवं मृत्यु की तिथियां बदल गई हैं। इसमें सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1871 दर्शाया गया है तो मृत्यु की तारीख भी बदल दी गई है। इसमें सरोजिनी की मृत्यु की तिथि दो मार्च की बजाय 12 मार्च 1949 कर दी गई है। इन दोनों पाठ्यपुस्तकों में से कक्षा चौथी की हिंदी की पाठ्यपुस्तक में दी गई जानकारी सही है लेकिन इससे एक कक्षा ऊपर पांचवीं की पाठ्सपुस्तक में यही जानकारी गलत है।
गणित की पुस्तक में भी खामियां
गलतियों का सिलसिला यहीं नहीं थमता बल्कि पांचवीं की गणित की पुस्तक में भी कई गलतियां हैं। सवाल कुछ दर्शाए गए हैं व उनके जवाब असल जवाबों से बिलकुल अलग हैं। गणित की पुस्तक के पेज नंबर 154 पर पर प्रश्र संख्या चार में सवाल कुछ है व उसका जवाब जो कि पुस्तक के अंतिम पेज नंबर 172 पर है, गलत दर्शाया गया है। बच्चों के समक्ष परोसी जा रही भ्रामक सामग्री से वह क्या सीखेंगे व क्या समझेंगे,यह सोचने की बात है।
शिक्षा विभाग के अधिकारी झाड़ रहे पल्ला
जब शिक्षा विभाग के अधिकारियों से इस बारे में बात की गई तो वे मामले से गुरेज करते नजर आए। भिवानी की जिला शिक्षा अधिकारी निर्मल श्योराण से बात की गई तो उनका कहना था कि मामला उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सतबीर सिवाच से भी संपर्क नहीं हो सका। खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी कांता श्योराण कल बात करने की बात कहकर कार्यालय से निकल गई।
शिक्षा बोर्ड अधिकारियेां ने कहा करवाएंगे जांच
उधर हालांकि किताबों की छपवाई का कार्य विद्यालय शिक्षा बोर्ड के द्वारा करवाया गया है तो बोर्ड के अधिकारियों का कहना था कि मामले की जांच ही करवाई जाएगी।      dt

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