सोनीपत : राजकीय शैक्षणिक व्यवस्था में बदलाव होने जा रहा है। शिक्षा विभाग ने एक ही परिसर में चलने वाले स्कूलों को मर्ज करने का फैसला किया है। स्कूल ट्रांस फार्मेशन योजना के तहत एक ही परिसर में प्राइमरी स्कूल चलेंगे। विभागीय अधिकारियों का मानना है कि इस योजना से शिक्षकों की कमी से लेकर विद्यार्थियों को अन्य बुनियादी सुविधाएं देने में आसानी होगी। वहीं दूसरी ओर शिक्षक वर्ग ने इस विभागीय नीति को शिक्षक हितों से खिलवाड़ बताते हुए विरोध करने का फैसला किया है। यह सारी कार्यवाही शिक्षा के अधिकार अधिनियम के लागू होने के बाद हो रही है।
स्कूलों में अभी यह है हालात :
विभिन्न स्कूलों में स्ट्रेंथ के लिहाज से कहीं शिक्षक नहीं हैं तो कहीं कम बच्चों पर ज्यादा शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं। यही नहीं किसी स्कूल में कमरे ज्यादा हैं तो कहीं दो-तीन कमरों में स्कूल चलाया जा रहा है। इस योजना से एक कैंपस में अब एक ही प्राइमरी स्कूल चलेगा।
यह परेशानी हो सकती है खड़ी :
एक स्कूल से दूसरे राजकीय स्कूल में विभाग की ओर से स्कूल को मर्ज तो कर दिया जाएगा, लेकिन संसाधनों विशेषकर भवन की कमी इस योजना की सफलता में सबसे बड़ा रोड़ा है। नए शैक्षणिक सत्र 2014-15 के शुरू होने से पहले प्रत्येक जिले में मर्ज की प्रक्रिया पूरी कर रिपोर्ट निदेशालय भेज दी जाएगी। दूसरे चरण में जुलाई 2014 से मिडिल स्कूलों को मर्ज करने पर मंथन किया जा रहा है।
शिक्षा विभाग के मुताबिक होगी यह व्यवस्था:
मर्ज होने वाले सरकारी प्राइमरी स्कूलों का स्टाफ नहीं बदलेगा। एमडीएम कुक, चौकीदार, रसोइया व अन्य स्टाफ में कोई फेरबदल नहीं होगा। एक कैंपस के सारे स्टाफ उसी मर्ज वाले स्कूल में सेवाएं देंगे। मर्ज होने के बाद एक ही इंचार्ज के जिम्मे स्कूल संचालन का दायित्व होगा। जिस विद्यालय में स्टाफ अधिक होगा स्कूल इंचार्ज उनसे चुनाव सहित अन्य विभागीय ड्यूटी करवाएंगे।
एक किलोमीटर के दायरे में आने वाले 17 स्कूल होंगे मर्ज:
ज़िले के एक किलोमीटर के दायरे में आने वाले 17 राजकीय स्कूलों को मर्ज किया जाएगा। जिसमें शहर के ईदगाह कॉलोनी, चौहान कॉलोनी, डबल स्टोरी, वेस्ट रामनगर एवं धानक बस्ती सहित 17 स्कूल शामिल हैं।
प्रतिकूल पड़ेगा असर
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रवक्ता दिनेश छिक्कारा के मुताबिक यह विभागीय नीति व्यवहारिक नहीं है। इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि रसोई एक ही होगी तो अभी दूसरे स्कूल में कार्यरत स्टाफ की छंटनी होनी तय है। इसी प्रकार चूंकि स्कूल में शिक्षक बढ़ेंगे तो वे भी सरप्लस होंगे तो भविष्य में तलवार उन पर भी लटकनी पक्की ही मानिए। इसी स्थिति को ध्यान में रखते हुए संघ ने तय किया है कि वे नीति का पुरजोर विरोध किया जाएगा। db
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