.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Sunday 23 March 2014

शिक्षा विभाग ने निजी कंपनियों व एनजीओ पर लुटाया बजट

हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ, हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन, राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ व मास्टर वर्ग एसोसिएशन के संयुक्त आह्वान पर अध्यापकों ने शिक्षा विभाग के बजट को निजी कंपनियों व एनजीओ पर लुटाने व वर्तमान में तीसरी व पांचवीं कक्षा के बच्चों के लर्निग लेवल का मूल्यांकन करने के फैसले का जोरदार विरोध किया। अध्यापक नेताओं ने कहा कि विरोध लर्निग लेवल के मूल्यांकन से नहीं है, विरोध तो इस कदम के पीछे छिपी साजिश से है। उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षा विभाग के आला अधिकारी शिक्षा व शिक्षक विरोधी हैं। शिक्षा में सुधार के प्रति उनकी सोच सकारात्मक नहीं है इसलिए शिक्षा में सुधार के नाम पर नित नए प्रयोग किए जा रहे हैं।   
अध्यापक नेताओं ने मांग की है कि शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए अध्यापक प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श से स्थायी कार्य योजना बनाई जाए और सार्वजनिक शिक्षा का विस्तार किया जाए। अध्यापक-छात्र अनुपात को न्यायोचित बनाया जाए और प्राथमिक कक्षाओं में 1: 25, कक्षा 6-8 में 1:30 और कक्षा 9-12 1:35 का अनुपात बनाया जाए। स्कूलों में खाली पड़े मुखियाओं के सभी पद भरे जाएं, अध्यापकों के सभी वर्गाें के खाली पदों व नए पद सृजित करके नियमित आधार पर मेरिट से भरा जाए, सभी स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं और एसएमसी द्वारा तैयार वार्षिक योजना को गंभीरता से लागू किया जाए। इसके अलावा पाठय़ पुस्तकें, स्टेशनरी, स्कूल बैग, ड्रेस व प्रोत्साहन राशि शिक्षा सत्र शुरू में उपलब्ध करवाई जाए। 
अध्यापकों इस संघर्ष को मौलिक शिक्षा मुख्याध्यापक यूनियन के जिला प्रधान सूबे सिंह श्योराण व राज्य उपप्रधान बलजीत भाकर ने यूनियन की ओर से समर्थन देने का लिखित आश्वासन दिया। अध्यापकों को हसला के राजेंद्र सिंह, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के जिला प्रधान सुरेंद्र सैनी व रामकिशन पूनिया, मास्टर वर्ग एसोसिएशन के वीरेंद्र बडाला व राज सिंह तथा प्राथमिक शिक्षक संघ जिला प्रधान प्रदीप कौर व सचिव वेदपाल ने भी संबोधित किया।                                             djhsr

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.