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Thursday 20 March 2014

दो विद्यार्थियों के उत्तर एक समान

** केयू के समाजशास्त्र विभाग से मांगी गई आरटीआई से खुलासा हुआ 
** दो विद्यार्थियों के 50 में से 49 प्रश्नों के उत्तर एक समान 
कुरुक्षेत्र : इसे संयोग कहें, नकल या फिर दोनों विद्यार्थियों की अक्ल, इसका फैसला इस खबर को पढऩे के बाद आसानी से किया जा सकता है। मामला केयू के समाजशास्त्र विभाग की एमफिल प्रवेश परीक्षा से जुड़ा हुआ है। समाज शास्त्र विभाग में 21 अक्टूबर को हुई एमफिल प्रवेश परीक्षा के बारे में आरटीआई से मिली जानकारी में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। परीक्षा में दो विद्यार्थियों के रोल नंबर आगे-पीछे थे। इन दोनों ही विद्यार्थियों के अंक एक समान 90 आए। 
इससे भी दिलचस्प बात तो यह है कि दोनों विद्यार्थियों ने कुल 50 प्रश्नों में से 49 प्रश्नों के उत्तर एक समान दिए। इतना ही नहीं, इन दोनों ही विद्यार्थियों के पांच-पांच प्रश्न गलत हुए हैं। आरटीआई में जब इन दोनों विद्यार्थियों के प्रश्न पत्र व उत्तर पुस्तिका की कॉपी मांगी गई तो विभाग ने प्रश्न पत्र की फोटोकॉपी ही उपलब्ध कराई, जिसमें दोनों ही विद्यार्थियों ने कुल 50 प्रश्नों में से 49 प्रश्नों के उत्तर एक समान टिक किए हुए हैं, जिसके चलते इन दोनों परीक्षार्थियों के दिए जवाबों पर सवाल उठने लाजिमी हैं। 
मामले का लेंगे संज्ञान : 
केयू वीसी डॉ. डीडीएस संधू ने कहा कि इस तरह की किसी भी गड़बड़ वाली शिकायत पर कार्रवाई जरूर की जाएगी।
हाईकोर्ट से इंसाफ की उम्मीद 
अशोक कुमार ने बताया कि केयू प्रशासन बार-बार शिकायत सौंपने के बावजूद इस मामले में कार्रवाई नहीं कर रहा, जिसके चलते अब उसने इस पूरे मामले को लेकर हाईकोर्ट में केस दायर कर दिया है। अशोक ने कहा कि उसे पूरी उम्मीद है कि उसे केयू प्रशासन ने तो इंसाफ नहीं दिया लेकिन हाईकोर्ट से उसे न्याय जरूर मिलेगा। अशोक ने कहा कि यह मामला केवल एक विभाग का नहीं बल्कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता से जुड़ा हुआ है। 
परीक्षा रद्द लेकिन सजा नहीं 
आवेदक अशोक कुमार व विद्यार्थी विकास कुमार ने कहा कि 21 अक्टूबर को हुई यह परीक्षा उनकी शिकायत के आधार पर ही रद्द भी की गई, लेकिन इसमें सजा किसी को नहीं मिली। गड़बड़ होने के कारण परीक्षा रद्द की गई थी। ऐसे में गड़बड़ करने वाले आरोपियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। उन्होंने आरोप लगाया कि मामले में विभाग के एक शिक्षक शामिल हैं। लिहाजा केयू प्रशासन भी कार्रवाई करने से बच रहा है। 
टिक एक समान कैसे 
आरटीआई के तहत सूचना मांगने वाले आवेदक अशोक कुमार ने बताया कि उसने आरटीआई के तहत 21 अक्टूबर को विभाग में हुई परीक्षा में गड़बड़ का पता चला था, जिसके चलते उसने आरटीआई एक्ट के तहत इस मामले में जानकारी मांगी। अशोक कुमार ने बताया कि दो विद्यार्थियों जिनके रोल नंबर आगे-पीछे थे, के सभी सवालों के जवाब एक समान देखकर वह भी हैरान रह गया। उन्होंने कहा कि ऐसा कैसे संभव हो सकता है कि दोनों विद्यार्थियों ने ठीक ही नहीं बल्कि गलत प्रश्नों पर भी टिक एक समान ही किया है। यह दोनों विद्यार्थियों की पूरी तरह से आपसी नकल और प्रशासन की मिलीभगत का मामला है। इसको लेकर वह केयू वीसी को भी अपनी शिकायत एक दो बार नहीं बल्कि पांच बार सौंप चुका है।                                              db

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