.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Monday 22 September 2014

दलित छात्रों को 8 साल से नहीं मिल रहा निशुल्क पीएचडी का लाभ

** सीडीएलयू में लाखों रुपये की मदद और स्वीकृति मिलने के बाद भी नहीं बन पाया चौधरी दलबीर सिंह उत्कृष्ट केंद्र 
सिरसा ; दलित वर्ग के विद्यार्थियों को निशुल्क पीएचडी की सुविधा प्रदान करने के लिए सीडीएलयू में स्वीकृति के आठ साल बीत जाने के बाद भी चौ. दलबीर सिंह उत्कृष्ट अध्ययन केंद्र क्रियांवित नहीं हो पाया है। केन्द्र की स्वीकृति 4 मई 2006 को मिल गई थी, मगर सीडीएलयू प्रशासन की अनदेखी के कारण यह केवल फाइलों तक सीमित रह गया है। 
लाखों रुपये की सरकारी मदद मिलने के बाद भी इस केन्द्र की स्थापना के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। इस केंद्र से दलित वर्ग के चार छात्रों को निशुल्क पीएचडी प्रतिमाह 16000 रुपये की छात्रवृति का लाभ मिलना था। 2012 में केंद्र की इंचार्ज बनाई गई अनु शुक्ला का कहना है कि वह इस केन्द्र को आरंभ करवाने के लिए प्रयासरत हैं। इसके लिए वह अनेक पत्र विवि प्रशासन को लिख चुकी है। 
दलित विद्यार्थियों को मिलना था लाभ 
समाज से सामजिक समानता आर्थिक पिछड़ापन दूर करने का उद्देश्य सर्वोपरि होगा। अध्ययन केन्द्र के तहत दलित वर्ग के चार विद्यार्थी निशुल्क पीएचडी करेंगे। इसमें दो छात्र एससी दो बीसी वर्ग से होंगे। प्रत्येक छात्र को प्रतिमाह 16000 रुपये की छात्रवृति का लाभ मिलेगा। पीएचडी करने वाले छात्र केवल चौ. दलबीर सिंह की विचारधारा पर शोध कर पीएचडी कर सकते हैं। प्रत्येक वर्ष समय-समय पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, कवि सम्मेलन, मुशायरे, नुक्कड़ नाटक, क्रिएटिव एक्टीविटी का आयोजन जरूरी है। सेमीनार वर्कशाप भी आयोजित होने चाहिए। प्रतियोगिता परीक्षा आईएएस, आईपीएस की तर्ज पर कोचिंग दी जाएगी। 
2006 में मिली थी स्वीकृति
2006 में हिसार रेंज के आईजी विवि में वीसी का अतिरिक्त कार्यभार संभाले आरआर फूलिया ने अधिकृत स्वीकृति दी थी। जिसके बाद 10 मई 2012 को जोरशोर से केन्द्र की स्थापना की गई, 21 मई 2012 को डा. अनु शुक्ला को इंचार्ज मनोनीत कर अगला कदम उठाया गया। इसके बाद से विवि प्रशासन लंबे समय से इसकी फाइलों को दबाए हुए है। इस केन्द्र को शुरू करने के लिए अब तक कोई गंभीर प्रयास ही नहीं किए गए जबकि सरकार की ओर से दो बार फंड भी मिल चुका है। पिछले वर्ष भी 12 लाख का बजट पास किया गया था मगर उसे कहां खर्चा किया गया किसी को पता नहीं। 
ये मिलनी हैं सुविधाएं 
1.यूजीसी की गाइडलाइंस के अनुसार इस केन्द्र का अपना अलग भवन जरूरी है। 
2. केन्द्र के लिए अलग स्टाफ की व्यवस्था जिसमें 1 विशेष प्रोफेसर, एक क्लर्क, एक टाइपिस्ट, एक पीयन, एक स्वीपर आदि 
3.आधुनिक उपकरणों से लैस विशेष कंप्यूटर लैब जिसमें कंप्यूटर, लैपटाप, एलसीडी, साउंड सिस्टम, प्रोजेक्टर सहित अन्य उपकरण होने जरूरी। 
4. केन्द्र की अलग लाइब्रेरी जिसमें आधुनिक विश्व स्तर की पठन सामग्री, चौधरी दलबीर सिंह की विचारधारा संबंधित पुस्तकें आदि जरूरी हैं। 
"इस केन्द्र को आरंभ करने के लिए वह पूर्णतया प्रयासरत हैं। केन्द्र के लिए जरूरी सामान के लिए वह अब तक विवि प्रशासन को कई बार पत्र लिख चुकी है। हर बार बजट होने का जवाब मिलता है। उनके प्रयासों से ही पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। पिछले दिनों उनकी वीसी से बैठक हुई है जिसमें उन्होंने आश्वासन दिया है कि चुनावों के बाद केन्द्र को प्रारंभ किया जाएगा।'' -- अनुशुक्ला, इंचार्ज,उत्कृष्ट केन्द्र                                               db

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.